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एमसीडी चुनाव: बंदी सिखों की रिहाई की मांग को लेकर सिख संगठनों ने लगाए पोस्टर

एमसीडी चुनाव से ठीक पहले वेस्ट दिल्ली के सिख बहुल इलाके में शिरोमणि अकाली दल द्वारा लगाए जा रहे पोस्टर से राजनीति गरमा गई है. इस पोस्टर में अलग-अलग जेलों में बंद सिखों की रिहाई की बात की गई है. इस मामले को लेकर बीजेपी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

बंदी सिखों की रिहाई की मांग
बंदी सिखों की रिहाई की मांग
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Published : Dec 1, 2022, 12:23 PM IST

नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव से ठीक पहले वेस्ट दिल्ली के सिख बहुल इलाके में शिरोमणि अकाली दल द्वारा लगाया गया पोस्टर चर्चा में है. दरअसल, इस पोस्टर को शिरोमणि अकाली दल दिल्ली की तरफ से लगाया है. पोस्टर पर पार्टी के प्रधान परमजीत सिंह सरना की फोटो भी लगी है, जिसमें लोगों से अपील की गई है. बुद्धिजीवियों की सलाह से सिख कौम से एमसीडी चुनाव में केवल उसी को वोट देने का अनुरोध करता है जो जेल में बंद बंदी सिखों की रिहाई के लिए सरकार पर दबाव बनाएगा.

पोस्टर के बीचों बीच कुछ बंदी सिख की फोटो भी लगाई गई है, जिसमें एक स्लोगन भी लिखा हुआ है- भारतीय संविधान की यही पुकार बंदी सिख आएंगे बाहर. वेस्ट दिल्ली के तिलक नगर, चौखंडी, रजौरी गार्डन सहित कई इलाकों में इस तरह के पोस्टर लगे हुए हैं. इस संबंध में जब बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह उनका हक है जो ठीक लगे वह करे. उन्होंने कहा कि 1984 के कातिलों को सरोपा डालने वाले आज अगर बंदी सिखों की रिहाई की बात कर रहे हैं तो बदलाव तो आ ही रहा है.

बंदी सिखों की रिहाई की मांग

ये भी पढ़ें : केजरीवाल सरकार ने फर्जी श्रमिकों को बांटे 900 करोड़ रुपये, एंटी करप्शन ब्रांच की जांच में खुलासा

दरअसल, पिछले कई महीनों से सिखों की एक अलग संस्था तिहाड़ और देश की अन्य जेलों में बंद 9 सिखों की रिहाई के लिए लगातार दिल्ली के अलग-अलग इलाके में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर सरकार से उसकी रिहाई की मांग करता आ रहा है. लेकिन एमसीडी चुनाव से ठीक पहले शिरोमणी अकाली दल दिल्ली की तरफ से इस तरह के पोस्टर लगाकर राजनीति को हवा देने की कोशिश की जा रही है.

नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव से ठीक पहले वेस्ट दिल्ली के सिख बहुल इलाके में शिरोमणि अकाली दल द्वारा लगाया गया पोस्टर चर्चा में है. दरअसल, इस पोस्टर को शिरोमणि अकाली दल दिल्ली की तरफ से लगाया है. पोस्टर पर पार्टी के प्रधान परमजीत सिंह सरना की फोटो भी लगी है, जिसमें लोगों से अपील की गई है. बुद्धिजीवियों की सलाह से सिख कौम से एमसीडी चुनाव में केवल उसी को वोट देने का अनुरोध करता है जो जेल में बंद बंदी सिखों की रिहाई के लिए सरकार पर दबाव बनाएगा.

पोस्टर के बीचों बीच कुछ बंदी सिख की फोटो भी लगाई गई है, जिसमें एक स्लोगन भी लिखा हुआ है- भारतीय संविधान की यही पुकार बंदी सिख आएंगे बाहर. वेस्ट दिल्ली के तिलक नगर, चौखंडी, रजौरी गार्डन सहित कई इलाकों में इस तरह के पोस्टर लगे हुए हैं. इस संबंध में जब बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह उनका हक है जो ठीक लगे वह करे. उन्होंने कहा कि 1984 के कातिलों को सरोपा डालने वाले आज अगर बंदी सिखों की रिहाई की बात कर रहे हैं तो बदलाव तो आ ही रहा है.

बंदी सिखों की रिहाई की मांग

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दरअसल, पिछले कई महीनों से सिखों की एक अलग संस्था तिहाड़ और देश की अन्य जेलों में बंद 9 सिखों की रिहाई के लिए लगातार दिल्ली के अलग-अलग इलाके में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर सरकार से उसकी रिहाई की मांग करता आ रहा है. लेकिन एमसीडी चुनाव से ठीक पहले शिरोमणी अकाली दल दिल्ली की तरफ से इस तरह के पोस्टर लगाकर राजनीति को हवा देने की कोशिश की जा रही है.

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