नई दिल्ली: दिल्ली की आप सरकार पर भाजपा ने अब निजी बिजली कंपनी को करोड़ों रुपए माफ करने का आरोप लगा लगाया है. इस मामले को लेकर बीजेपी नेताओं ने दिल्ली के सीएम पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. एक तरफ बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि अब केजरीवाल की बारी है. वहीं बीजेपी विधायक विजेंदर गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के डिस्कॉम को दी जाने वाली सब्सिडी पर सीएजी ऑडिट कराने के फैसले को नौटंकी और आंखों में धूल झोंकने वाला बताया है.
सिरसा का कहना है कि अरविंद केजरीवाल का बिजली घोटाला सामने आया है. जिसमें केजरीवाल ने रिलायंस की दो कंपनियां बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना को 3250 करोड़ रुपए माफ कर दिया.
सिरसा ने कहा कि यह पैसा बिजली कंपनी पर ब्याज के रूप में था और इसको माफ करने के लिए सरकार ने पूरी रणनीति बनाई. आम आदमी पार्टी ने पहले अपने तीन लोगों को बिजली नियामक बोर्ड में डाला, जिसमें जैसमिन शाह, नवीन गुप्ता और मिस्टर यादव शामिल थे. ये तीनों आम आदमी पार्टी के लिए काम करते थे. ये लोग पूरी योजना बनाकर बोर्ड में शामिल किए गए और 3250 करोड़ रुपए रिलायंस का माफ करा दिया.
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सिरसा ने कहा कि एलजी साहब ने अब इनकी चोरी पकड़ ली तो यह कह रहे हैं कि हम स्पेशल ऑडिट करा रहे हैं. हम जानकारी लेंगे कि ये पैसा कहां गया. सिरसा के अनुसार अब पार्टी जानबूझकर बहाने बना रही कि माफ किया गया रुपया कहां से आया और कहां चला गया. सिरसा ने कहा कि अब इसकी जांच सीबीआई और ईडी करेगी. यह स्पेशल ऑडिट करने का ड्रामा करने की जरूरत नहीं है.
वहीं, बीजेपी विधायक विजेंदर गुप्ता ने कहा कि पिछले आठ सालों से दिल्ली सरकार बिजली सब्सिडी के बहाने निजी कंपनियों को 3250 करोड़ रुपए दे रही है. उन्होंने दिल्ली सरकार से पूछा कि यह पैसा सीधे लोगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए क्यों नहीं मुहैया कराया गया.