नई दिल्ली: दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मंगलवार को सावदा घेवरा में इलेक्ट्रिक बस डिपो के निर्माण कार्य का दौरा किया. 60 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे डिपो में इलेक्ट्रिक बसों के रख-रखाव की पूरी व्यवस्था होगी. इसके निर्माण में लगभग 30 करोड़ खर्च होंगे, जबकि इलेक्ट्रिक फिकेसन पर लागत 30 करोड़ के आसपास आएगी. चार्जिंग सुविधाओं से लैस 7.8 एकड़ में फैले डिपो में 200 इलेक्ट्रिक बसों को खड़ी करने की क्षमता होगी.
जल्द आएगी 1500 इलेक्ट्रिक बसें: निरीक्षण के दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. साथ ही निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में जल्द ही 15,00 इलेक्ट्रिक बसें आएगी. राजघाट, मंडेला कला और रोहिणी सेक्टर 37 ऐसे 3 बस डिपो है, जहां पहले से ही इलेक्ट्रिक बसों को रखने की पूरी व्यवस्था है.
साथ ही उन्होंने बताया कि ऐसे डिपो को विद्युतीकृत किया जा रहा है, जहां नई इलेक्ट्रिक बसों के रखरखाव की संपूर्ण व्यवस्था होगी. सावदा घेवरा दिल्ली सरकार द्वारा बनाए जा रहे डिपो में से एक है. यह 9 बस डिपो जो बनाए जा रहे हैं वह ईस्ट विनोद नगर दो, नरेला, दौराला, बुराड़ी, सावदा घेवरा, कापसहेड़ा, गदाईपुर, किराड़ी और छतरपुर है.
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दिल्ली सरकार के बेड़े में 7379 बसें: उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के बेड़े में 7379 बसें हो गई है, जो बड़ी उपलब्धि है. इसमें दिल्ली परिवहन निगम की संचालित 4710 बसें है और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड द्वारा 3319 बसें शामिल है. दिल्ली सरकार ने 2025 तक इस संख्या को 10480 तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इन बसों में 80 फीसदी यानी लगभग 8000 से अधिक बसें इलेक्ट्रिक होंगी. उनके अनुसार केजरीवाल सरकार के इस कदम दिल्ली के कार्बन फुटप्रिंट को सालाना अनुमानित 4.6 लाख टर्न CO2 उत्सर्जन से कम करना और हवा की गुणवत्ता में सुधार करना है..
2025 तक चलेंगी 2180 मोहल्ला बसें: साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में लास्ट माइल कनेक्टिविटी बनाने की दिशा में केजरीवाल वर्तमान में 100 मोहल्ला बसें चला रही हैं. केजरीवाल सरकार 2025 तक ऐसी कुल 2180 मोहल्ला बसें चलाएंगे.
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