नई दिल्ली: दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने फर्जी IAS बन कर लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनकी पहचान बिहार के पटना के बृज किशोर और यूपी के सहारनपुर के सचिन कुमार के रूप में हुई है. आरोपियों ने नौकरी दिलाने के नाम पर 40 लोगों से 2 करोड़ 44 लाख की ठगी को अंजाम दिया था.
आरोपियों के खिलाफ पुलिस को दी गयी शिकायत में पीड़ितों ने बताया कि रेलवे में जॉब दिलाने के नाम पर उनसे रुपयों की ठगी की गई. इसके लिए बाकायदा उनका फर्जी मेडिकल कराया गया, उन्हें अपॉइंटमेंट सह ट्रेनिंग लेटर इशू किया गया और देहरादून में 3 महीनों की फर्जी जॉब ट्रेनिंग भी दिलाई गई. ट्रेनिंग के बाद जब ज्वाइनिंग की बारी आयी तो ठगी का खुलासा हुआ.
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दरअसल मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित ट्रेनिंग के बाद ज्वाइनिंग के लिए DRM ऑफिस, टाटा नगर पहुंचे. वहां जाने के बाद बता चला कि रलवे ने ऐसी कोई वैकेंसी ही नहीं निकाली और न ही उन्हें रेलवे की तरफ से कोई ट्रेनिंग दिलाई गई. ठगी का पता चलने पर पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत की जिसके बाद पुलिस टीम को मामले की जांच में लगाया गया. पीड़ितों के पास आरोपियों के नाम और मोबाइल नम्बर के अलावा और कोई भी जानकारी नहीं थी क्यों आरोपी हमेशा उनसे पहाड़गंज के होटल में मिले थे या फिर दिल्ली के रेलवे भवन के बाहर. पीड़ितों को झांसे में लेने के लिए एक आरोपी ने खुद को सीनियर ऑफिसर के रूप में पेश किया था. लोगों से पैसों की ठगी के लिए और उनको भरोसे में लेने के लिए आरोपियों ने फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर, मेडिकल और ट्रेनिंग तक की अरेंजमेंट किया.
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आरोपियों की तलाश में जुटी इंस्पेक्टर सुरेश चंद, एसआई लखन सिंह, एसआई रविंदर, हेड कॉन्स्टेबल धनवीर और उनकी टीम ने उनके बारे में मिली जानकारी और टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर दोनों आरोपियों को छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में आगे की जांच जारी है.