नई दिल्ली: स्पेशल सेल पुलिस ने हथियार सप्लाई के इंटरस्टेट रैकेट के दाे सप्लायरों को गिरफ्तार किया है. ये हथियारों की खेप को एमपी से लेकर अपने सहयोगियों को दिल्ली में डिलीवर करने पहुंचे थे. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शिव करन सिंह और सुखराज सिंह के रूप में हुयी है. दोनों पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले हैं.
डीसीपी राजीव रंजन के अनुसार इनके पास से आठ सेमी-आटोमेटिक पिस्टल, 20 जिंदा कारतूस और वारदात में इस्तेमाल किया गया मोबाइल और सिम कार्ड बरामद किया गया है.
डीसीपी ने बताया कि, दिल्ली और आसपास के राज्यों में अवैध हथियारों के इस्तेमाल की सूचना मिल रही थी. इन तत्वों पर लगाम लगाने के लिए एसीपी स्पेशल सेल वेद प्रकाश की देखरेख में इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था. स्पेशल सेल नॉर्थन रेंज की टीम पंजाब और दिल्ली-एनसीआर के इलाकों के अवैध हथियारों के सप्लायरों और उनके सहयोगियों के बारे में जानकारियों को विकसित करने में जुट गई. लगातार उनकी निगरानी की जा रही थी. इसी क्रम में उन्हें पंजाब के फायर आर्म्स सप्लायरों के मध्यप्रदेश के हथियार सप्लायरों से संपर्क में होने का पता चला. पुलिस को ये भी जानकारी मिली कि वो मध्यप्रदेश के हथियार सप्लायरों से हथियारों की खेप लेते हैं. जिसके बाद पुलिस ने गुप्त रूप से इस सिंडिकेट के सदस्यों पर नजरें रखनी शुरू की.
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इस मामले में पुलिस ने स्पेशल सेल थाने में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो दो-तीन सालों से इस धंधे में हैं और वो एमपी के सरनाम और खरोडा नाम के शख्स से हथियारों की खेप लेते थे. जबकि कारतूसों को वो बालिया नाम के शख्स से लेते थे. आगे वो हथियारों को दिल्ली और पंजाब के गैंगस्टरों को सप्लाई करते थे. आरोपियों ने बताया कि सरनाम और खरोडा काफी सालों से अवैध हथियारों के सप्लाई के धंधे में लिप्त हैं. उन्होंने बताया कि 12 हजार से 15 हजार प्रति पिस्तौल खरीदकर उसे 25 से 30 हजार तक में दिल्ली और पंजाब में बेचते थे.
ड्रग्स सिंडिकेट का भगौड़ा बिहार से गिरफ्तारः
स्पेशल सेल पुलिस ने इंटरनेशनल ड्रग्स सिंडिकेट के फरार चल रहे भगौड़े को गिरफ्तार किया है. पिछले तीन सालों से पुलिस को इसकी तलाश थी. पुलिस ने इसे बिहार के पटना स्थित दरियापुर गोला इलाके से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान सिद्धार्थ गांधी उर्फ जैकी के रूप में हुई है. डीसीपी राजीव रंजन के अनुसार 15/16 जनवरी 2019 में लोकेश मेहता और सुनील कुमार को पुलिस ने 5.2 किलो ट्रामाडोल पाउडर के साथ गिरफ्तार किया था. इस मामले में आगे की जांच में पुलिस टीम ने उनकी निशानदेही पर 5.5 लाख 'ALKO-1' (अल्प्राजोलम टेबलेट्स) हरि नगर स्थित उनके गोडाउन से बरामद किया था. इसके बाद कि कार्रवाई में पुलिस ने 5.100 किलो "ट्रामाडोल पाउडर" के साथ उसके सहयोगी सतीश साहू को भी दबोचा था.
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जिसमें से इस साल मार्च में विशाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया. जबकि बाकी दोनों अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर थे. इसकी तलाश में जुटी स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह, सोमिल शर्मा, एसआई प्रवीण खरब, एएसआई संजय पाल सिंह और अन्य की टीम ने इसे पटना, बिहार स्थित इसके घर से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस आरोपी को दिल्ली कर कस्टडी में लेकर आगे की पूछताछ कर बरामद सायकोट्रॉफिक सब्सटेंस के सोर्स का खुलासा करने में जुट गई है. इस मामले में आरोपियों सुनील कुमार, लोकेश मेहता, सतीश साहू, नीरज अरोड़ा उर्फ सोनल, राजेश दत्ता और विशाल सिंह को पहले की गिरफ्तार कर लिया गया है, और वो संबंधित कोर्ट में ट्रायल प्रक्रिया में हैं.