नई दिल्ली: नजफगढ़ इलाके में दिनदहाड़े एक सोशल मीडिया स्टार मोहित मोर की हत्या के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में एक नाबालिग आरोपी को पकड़ा है. पुलिस के मुताबिक मोहित मोर की हत्या एक निजी रंजिश के कारण हुई थी.
पकड़ा गया आरोपी कपिल-नंदू गैंग का सदस्य है. उसके पास से एक कट्टा और दो जिंदा कारतूस भी पुलिस ने बरामद किए हैं. उसने पुलिस को बताया कि मंजीत महाल गैंग के सदस्यों के साथ मोहित का उठना-बैठना था. इसके अलावा उनके एक साथी की हत्या में उन्हें मोहित पर मुखबिरी का शक था.
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव के अनुसार बीते 21 मई को नजफगढ़ इलाके में मोहित मोर नामक युवक की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या के बाद पुलिस ने जब मौके की छानबीन की तो उन्हें सीसीटीवी फुटेज में स्कूटी पर सवार तीन लड़के आते और वारदात के बाद जाते हुए दिखाई दिए. मारा गया मोहित सोशल मीडिया स्टार था. टिक-टॉक पर उसके पांच लाख से ज्यादा फॉलोवर थे. वारदात से कुछ देर पहले भी उसने एक वीडियो टिक टॉक पर अपलोड किया था.
स्पेशल सेल ने नाबालिग आरोपी को पकड़ा
डीसीपी संजीव यादव के अनुसार वारदात की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल सेल की टीम आरोपियों की तलाश में जुटी. गुरुवार को स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर तिलक चंद बिष्ट की टीम ने धुलसिरस मोड़ के पास से एक नाबालिग को पकड़ा. तलाशी में इसके पास से एक कट्टा और जिंदा कारतूस बरामद हुए. उसके बालिग होने में केवल छह माह का समय बाकी है. पुलिस ने उसके खिलाफ जेजे एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की है.
सीसीटीवी में उसकी तस्वीर कैद
पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि वारदात के दौरान वह खुद भी हत्या करने के लिए गया था. सीसीटीवी फुटेज में वह स्कूटी पर बैठकर जाता हुआ दिख रहा है. उसने अपने दोनों अन्य साथियों के बारे में बताया है जिसके आधार पर उसकी तलाश की जा रही है. आरोपी कपिल-नंदू गैंग का सदस्य है. जबकि मारा गया मोहित मोर जेल में मकोका के तहत बंद मंजीत महाल और प्रदीप सोलंकी के साथियों से दोस्ती रखता था.
ये रही हत्या की तीन प्रमुख वजह
आरोपी ने पुलिस को बताया कि मारा गया मोहित उनके विरोधी मंजीत महाल गैंग से लगाव रखता था. दूसरा उनके एक साथी मंगू से 30 लाख रुपये उधार ले रखे थे जिसे वह उसके मरने के बाद भी नहीं लौटा रहा था. तीसरा उनके साथी मंगू की लगभग एक साल पहले नजफगढ़ इलाके में विरोधी गैंग ने हत्या कर दी थी. हत्या के इस मामले में उन्हें मोहित मोर द्वारा मुखबिरी किये जाने का शक था.