नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना (corona ) के मामलों में काफी कमी आई है और इसी वजह से ऑक्सीजन सिलेंडर (oxygen cylinders) की कमी को लेकर अफरा-तफरी जैसे हालात अब नही हैं. कोरोना की रफ्तार पर लगाम लगने की वजह से कम लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ रही है. जिन लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, उन्हें आसानी से सिलेंडर मिल रहा है.
तस्वीरें मुंडका के श्री श्याम ऑक्सीजन प्लांट की हैं. जहां ऑक्सीजन सिलेंडरों (oxygen cylinders) के लिए लाइन लगी रहती थी. फिर भी यहां से जरूरी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति नहीं हो पाती थी, वहां आज सन्नाटा पसरा हुआ है.
कोरोना (corona ) की दूसरी लहर के दौरान 23 अप्रैल से ले कर 10 मई तक ऑक्सीजन को लेकर दिल्ली में काफी अफरा- तफरी मची हुई थी. लगातार मरीजों के परिजन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की समस्या से जूझ रहे थे. जिस वजह से मुंडका और इन जैसे कई ऑक्सीजन प्लांट पर काफी दवाब था. लगातार री-फिलिंग करने के बावजूद भी जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन सिलेंडरों (oxygen cylinders) की मांग पूरी नहीं हो पा रही थी.
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लेकिन आज हालात काफी बदल गए हैं. लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी कमी आई है और एक्टिव मामले भी कम हो रहे हैं. इस वजह से ऑक्सीजन सिलेंडर (oxygen cylinders) की मांग में भी भारी गिरावट आ गई है.
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दिन भर में बमुश्किल 10 सिलेंडरों की री-फिलिंग मुंडका के ऑक्सीजन प्लांट में हो रही है. कुछ ऐसे ही हालात बाकी ऑक्सीजन प्लांटों का है. ऑक्सीजन की मांग में कमी और इन प्लांटों पर सन्नाटा से जरूर आ गया है. लेकिन सकारात्मक पहलू ये है कि कोरोना के मामले और आंकड़े अब पहले जैसे डराने वाले नहीं रह गए हैं.
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