नई दिल्ली: एक तरफ जहां दिल्ली में रामलीला 10 दिनों की होती है वही जनकपुरी में महज 3 घंटे में राम जन्म से लेकर भारत मिलाप तक का मंचन होता है. आयोजकों का तर्क है कि लोगों के पास समय की कमी है. इसीलिए इस रामलीला को 3 घंटे में पूरी तरह दिखाई जाती है. दिल्ली में नवरात्रों पर यूं तो हर जगह पर होने वाली रामलीला 10 दिनों की होती है लेकिन वेस्ट दिल्ली के जनकपुरी में आयोजित होने वाली रामलीला महज 5 दिनों तक चलती है और वह भी सिर्फ तीन घंटे.
इन तीन घंटों में ही राम जन्म से लेकर भारत मिलाप तब का मंचन रोज दिखाया जाता है. इतना ही नहीं यहां लाइट एंड साउंड का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए इस रामलीला का मंचन एक नहीं बल्कि तीन अलग-अलग स्टेज पर होता है. लाइट एंड साउंड के बेहतर इस्तेमाल और अलग-अलग स्टेज की व्यवस्था के बीच जब लीला के मंचन की शुरुआत हुई तब उसमें त्रेता युग में राक्षसों के आतंक को बखूबी दर्शाया गया. इसके बाद राम जन्म और फिर राम और लक्ष्मण द्वारा राक्षसों के संहार करने की शुरुआत के अंश का भव्य मंचन देखते ही बन रहा था.
इस रामलीला में भूमिका निभाने वाले कलाकार भी बिल्कुल अलग होते हैं. ये कलाकार नेशनल स्कूल आफ ड्रामा, श्री राम कला केंद्र से जुड़े हुए होते हैं .इसके अलावा कुछ कलाकार प्रोफेशनल्स है जो अलग-अलग सेक्टर की एमएनसी में काम करने वाले हैं. रामलीला के आयोजकों का कहना है कि आजकल लोगों के पास वक्त की कमी है इसलिए इस रामलीला को महज 3 घंटे में का मंचन कर लोगों को दिखाया जाता है और एक दिन में 3 घंटे का वक्त तो हर कोई निकाल ही सकता है. साथी ही उनका यह भी कहना है यहां के कलाकार अलग-अलग जगह से बेहतरीन कला का प्रदर्शन करते हैं, जिसे देखने हर दिन 8 से 10 हजार की संख्या में दर्शक आते हैं.
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