नई दिल्ली: दिल्ली के ग्रेटर कैलाश पार्ट-वन में चल रहे मेडिकल सेंटर का पर्दाफाश करके पुलिस ने जिन चार आरोपियों को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा था, अब पुलिस उनको रिमांड पर लेने की कोशिश कर रही है. पुलिस इस मामले में और जानकारी हासिल करना चाह रही है, क्योंकि इस मेडिकल सेंटर के खिलाफ कई शिकायत अभी पेंडिंग है.
ये चीजें हुई बरामद: दरअसल बिना डिग्री के सर्जरी कर लोगों की जान से खिलवाड़ करने के मामले में कई मौतों के बाद फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. इस मेडिकल सेंटर के हेड डॉक्टर नीरज अग्रवाल, उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल, डॉक्टर जसप्रीत और एक पूर्व लैब टेक्नीशियन महेंद्र को ग्रेटर कैलाश की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से अलग-अलग पेशेंट के प्रिस्क्रिप्शन 47 चेक बुक, 14 एटीएम कार्ड, स्वाइपिंग मशीनें सहित अन्य चीजें बरामद की गई हैं.
लोगों की चीखने की आती थी आवाज: मेडिकल सेंटर के पड़ोस में रहने वाले रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के मेंबर राजीव ने बताया कि यहां पर काफी समय से स्थिति बहुत ही खराब थी. अक्सर लोगों का आना-जाना लगा रहता था. जब कोई हादसा होता था तो चीखने चिल्लाने की आवाज आती थी. लेकिन जब यह पता चला कि यहां पर इस तरीके से ऑपरेशन किया जा रहा था और लोगों की मौत हो रही थी तो हम लोग भी सुनकर दंग रह गए.
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मिले कड़ी से कड़ी सजा: उन्होंने कहा कि इन आरोपियों पर सख्त से सख्त एक्शन लेना चाहिए, क्योंकि डॉक्टरों को भगवान का रूप कहा जाता है और इन लोगों ने हत्यारों की तरह लोगों को मौत के घाट उतारा है. लैब टेक्नीशियन से ऑपरेशन करवा कर लोगों की जान ली है. उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदार ने भी इस मेडिकल सेंटर में अपनी जान गंवा दी थी. पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी महेंद्र दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ डॉक्टर के पास टेक्निशियन का काम करता था, जहां उसने डॉक्टर को सर्जरी करते हुए देखकर काम सीखा था और फर्जी डिग्री तैयार की और मेडिकल सेंटर में काम करने लगा. पुलिस अब इसकी भी जांच कर रही है कि महेंद्र ने डिग्री कहां से बनवाई.