नई दिल्ली: दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस मामले में पुलिस ने आधा दर्जन बदमाशों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए सभी आरोपियों ने आनंद विहार रेलवे स्टेशन के पास बुजुर्ग दंपति से लाखों की लूट की वारदात को अंजाम दिया था. इन बदमाशों को क्राइम ब्रांच ने बिहार की राजधानी पटना, उत्तर प्रदेश के बिजनौर और दिल्ली में छापा मारकर गिरफ्तार किया है. वहीं, गैंग का लीडर शमीम दिल्ली पुलिस का घोषित हिस्ट्रीशीटर है.
स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि आरोपितों की पहचान मोहम्मद शहजाद, शाहिद उर्फ कलवा, जमाल उर्फ फागण, अरशद, ललिता प्रसाद और शमीम के रूप में हुई है. इनमें से पांच बिजनौर और एक दिल्ली के जामिया नगर इलाके का रहने वाला है.
पुलिस के अनुसार, 28 नवंबर को एक बुजुर्ग कपल के साथ लूट की वारदात हुई थी. गाजीपुर के रहने वाले शख्स ने पुलिस को बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ आनंद विहार रेलवे स्टेशन उतरे थे. उन्हें चांदनी चौक जाना था, वहां पर ज्वेलरी खरीदने के लिए एक शॉप से बाहर निकले, तो एक ऑटो लिया. उनके पास दो बैग था, एक में 50 लाख कैश रखा हुआ था. इस दौरान ऑटो ड्राइवर ने कुछ दूर जाने के बाद बहाना बनाकर बोला कि ऑटो में कुछ खराबी हो गया है. इस दौरान एक दूसरा ऑटो भी वहां पर पहुंचा. उसने अप्रोच किया जिसमें पहले से दो पैसेंजर सवार थे. इसी दौरान मौका देखकर ऑटो वालों ने जबरदस्ती धमकाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया.
पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया. छानबीन के दौरान पुलिस को ऑटो का नंबर मिला जो दिल्ली के जगदंबा विहार रहने वाले महावीर सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड था. फिर मोबाइल नंबर मिला. उसके नंबर के सर्वेलेंस पर पता चला कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर का रहने वाला गैंग इसमें शामिल है. उसके बाद पुलिस ने फिर बिजनौर में छापा मारा तो पता चल वहां से वह सभी फरार है, हालांकि एक शख्स के बारे में पता चला कि वह बिहार के पटना में है.
पुलिस पटना पहुंची और वहां पर छापा मारा, जिसमें पुलिस को कामयाबी मिली. फिर उनसे पूछताछ की गई तो 23 लाख रुपए बरामद किए गए. आरोपी से पूछताछ के बाद ललिता प्रसाद को बिजनौर से पकड़ा गया. उसकी निशानदेही पर उसके एक और साथी समीम को दिल्ली के ओखला से पकड़ा गया. उसके पास से ऑटो और लगभग आठ लाख बरामद किए गए.