नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने लोगों का सांस लेना मुश्किल कर रखा है. सरकार इससे बचने को कवायद में कभी फैक्टरियों को बंद करवा रही है. कभी गाड़ियों के लिए ऑड-इवन सिस्टम लागू कर रही है तो कभी स्कूलों को बंद कर रही है, लेकिन इन सब उपायों के साथ दिल्ली को हरित रखने, जोकि बहुत जरूरी है. उस पर सही तरीके से ध्यान नहीं दे रही है.
दिल्ली सरकार यूं तो स्वच्छ दिल्ली- हरित दिल्ली की बात करती है, लेकिन हकीकत में हरित दिल्ली के लिए बहुत ज्यादा प्रयास नहीं किया जा रहा है. ऐसे तो दिल्ली के अंदर पिछले कुछ समय में काफी पेड़-पौधे लगाये गए हैं, जो ग्रीन दिल्ली के नारे को देखते हुए सही प्रयास है, लेकिन सिर्फ पेड़-पौधे लगाए देना ही काफी नहीं होता है. उनकी देख-भाल भी जरूरी है. जिसमे कहीं ना कहीं लापरवाही बरती जा रही है.
ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि दिल्ली में बदहाल हो रहे कई पार्कों का नजारा ये बयां कर रहा है. ऐसी ही एक तस्वीर देखने को मिली दिल्ली के सबसे बड़े कबाड़ मार्केट मायापुरी इंडस्ट्रियल एरिया के पार्क की, जिनमें आप देख सकते हैं कि कई पेड़ पूरी तरह से सूख चुके हैं, कुछ सूखने की हालत में पहुंच चुके हैं और कई पेड़ तो गिर भी गए हैं.
आज प्रदूषण स्तर जिस तरह बढ़ा हुआ है, ऐसे में जरूरत है वातावरण को स्वच्छ ऑक्सीजन देने और प्रदूषण को कम करने वाले पेड़ों को लगाने की, लेकिन लगाना तो छोड़ दीजिए आज ये हालात है कि पहले से लगे हुए पेड़ भी सूख कर गिर रहे हैं. इस पर डीडीए की तरफ से अब तक ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
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पार्क की बदहाली और प्रदूषण को लेकर मायापुरी इंडस्ट्रियल एरिया वेलफेयर एसोसिएशन के जेनेरल सेक्रेटरी ने बताया कि डीडीए ना तो पार्क की देखभाल कर रही है और ना ही पिछले एक साल से यहां पेड़-पौधे ही लगाये गए है. उन्होंने सरकार से फैक्ट्री, कंस्ट्रक्शन साईट और गाड़ियों को बंद करने जैसे क्षणिक उपायों के बदले लगातार पेड़ो को लगाए जाने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सर्वकालिक उपायों की आवश्यकता पर जोर देने को कहा.