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2 दोस्तों ने बनाई 5 लोगों की टीम, 500 से ज्यादा शव का कराया अंतिम संस्कार

सुभाष नगर के रहने वाले देवेंद्र पाल सिंह और प्रीतम सिंह ने साहस का परिचय देते हुए अपने इस मानवता का अमूल्य परिचय देते हुए 1 महीने की महामारी के दौरान 500 से ज्यादा मृतकों के शव का अंतिम (Funeral during covid) संस्कार करवाया.

more than 500 dead body cremated by devendra pal singh pritam singh
500 से ज्यादा मृतकों का कराया अंतिम संस्कार
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Published : May 30, 2021, 10:45 PM IST

नई दिल्लीः कोरोना महामारी (Delhi Corona epidemic) के बीच जब हर तरफ अफरा-तफरी मची हुई थी. हर एक कॉलोनी से कोई न कोई संक्रमण की चपेट में आ रहा था. उस दौरान सुभाष नगर के रहने वाले देवेंद्र पाल सिंह और प्रीतम सिंह दोनों दोस्त मिलकर अदम्य साहस का परिचय दे रहे थे. दोनों अपनी 5 लोगों की टीम के साथ मिलकर उन मृतकों की डेड बॉडी को घर से उठाकर सम्मान पूर्वक श्मशान घाट पहुंचा रहे थे, जिनकी मौत के बाद न तो कोई एंबुलेंस आ रही और न ही रिश्तेदार.

दो दोस्तों ने 500 से ज्यादा मृतकों का कराया अंतिम संस्कार.

खुद भी हुए थे संक्रमित

ऐसे समय में इन्होंने साहस का परिचय देते हुए अपने इस मानवता का अमूल्य परिचय देते हुए 1 महीने की महामारी के दौरान 500 से ज्यादा मृतकों के शवों का अंतिम (Funeral during covid) संस्कार करवाया. देवेंद्र पाल सिंह (Devendra Pal Singh) ने बताया कि पिछले कोरोना काल में जब वह और उनके दोस्त प्रीतम सिंह (Pritam Singh) कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे. उसी दौरान सोशल मीडिया से एक सूचना मिली थी ति फतेह नगर में रहने वाली एक महिला के पति की मौत हो गई थी, लेकिन 9 घंटे बाद भी ना तो कोई एंबुलेंस पहुंचा था ना ही कोई शव के अंतिम संस्कार के लिए आगे आ रहा था.

यह भी पढ़ेंः-मां की मौत पर बेटी ने अंत्येष्टि के लिए मांगी मदद, पुलिस ने किया अंतिम संस्कार

महिला का बेटा भी हॉस्पिटल में भर्ती था और उसकी भी हालत सीरियस थी. उसी दौरान उन्होंने ना केवल मदद करके उस महिला के पति का दाह संस्कार करवाया, बल्कि जब कोरोना से दोनों ठीक हुए तो उन्होंने उसी दिन ठान ली की इस महामारी में वह एक ऐतिहासिक कदम उठाएंगे और अपनी प्राइवेट गाड़ी को शव बनाकर उसमें मृतकों की डेड बॉडी को श्मशान घाट तक पहुंचा कर दाह संस्कार करवाएंगे.

यह भी पढ़ेंः-संक्रमित परिवार में कोरोना से मौत के बाद सभी ने बनाई दूरी, दिल्ली पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार

10 अप्रैल से 25 मई तक उन्होंने 500 से ज्यादा मृतकों की डेड बॉडी का दाह संस्कार करवाया. घरों से डेड बॉडी लेने से पहले उन्होंने सारा इंतजाम किया था, जो कोविड-19 के हिसाब से होना चाहिए था. उन्होंने बकायदा जिपर खरीदा था. पहली बार में डेढ़ सौ, उसके बाद सारे 300, उसके बाद और 70 और उसी जिपर में शव को अंदर पैक करके श्मशान घाट लेकर जाते थे.

6 बजे से शरू कर देते थे काम

सुबह 6 बजे से यह इस सेवा में जुटते थे और रात के 8 बजे तक लगातार लगे रहते थे. उन्होंने बताया कि 1 दिन तो ऐसी हालत हो गई थी के उन्होंने 24 डेड बॉडी का दाह संस्कार करवाया, जिस दिन दिल्ली में सबसे ज्यादा मौत हुई थी. इनके साथ टीम में मंजीत जसपाल, परमजीत ने मिलकर उसी भागीदारी के साथ सहयोग किया जैसे देवेंद्र पाल सिंह और प्रीतम सिंह कर रहे थे.

यूनाइटेड स्टेट इंटरनेशनल एनजीओ ने किया सहयोग

उन्होंने बताया कि यूनाइटेड स्टेट इंटरनेशनल एनजीओ (United State International NGO) है उनसे जुड़े हुए हैं. वो यूएनओ से भी अपडेटेड है, इसमें देवेंद्र पाल सिंह डिजास्टर कोऑर्डिनेटर है और पेशे से फोटोग्राफर हैं वही प्रीतम सिंह एनजीओ में डायरेक्टर हैं. इनका फेब्रिकेशन का काम है, लेकिन इन्होंने मानवता की जबरदस्त मिसाल पेश करते हुए महामारी के दौरान इस तरह की सेवा के लिए आगे बढ़कर लोगों की मदद के लिए आगे आए.

नई दिल्लीः कोरोना महामारी (Delhi Corona epidemic) के बीच जब हर तरफ अफरा-तफरी मची हुई थी. हर एक कॉलोनी से कोई न कोई संक्रमण की चपेट में आ रहा था. उस दौरान सुभाष नगर के रहने वाले देवेंद्र पाल सिंह और प्रीतम सिंह दोनों दोस्त मिलकर अदम्य साहस का परिचय दे रहे थे. दोनों अपनी 5 लोगों की टीम के साथ मिलकर उन मृतकों की डेड बॉडी को घर से उठाकर सम्मान पूर्वक श्मशान घाट पहुंचा रहे थे, जिनकी मौत के बाद न तो कोई एंबुलेंस आ रही और न ही रिश्तेदार.

दो दोस्तों ने 500 से ज्यादा मृतकों का कराया अंतिम संस्कार.

खुद भी हुए थे संक्रमित

ऐसे समय में इन्होंने साहस का परिचय देते हुए अपने इस मानवता का अमूल्य परिचय देते हुए 1 महीने की महामारी के दौरान 500 से ज्यादा मृतकों के शवों का अंतिम (Funeral during covid) संस्कार करवाया. देवेंद्र पाल सिंह (Devendra Pal Singh) ने बताया कि पिछले कोरोना काल में जब वह और उनके दोस्त प्रीतम सिंह (Pritam Singh) कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे. उसी दौरान सोशल मीडिया से एक सूचना मिली थी ति फतेह नगर में रहने वाली एक महिला के पति की मौत हो गई थी, लेकिन 9 घंटे बाद भी ना तो कोई एंबुलेंस पहुंचा था ना ही कोई शव के अंतिम संस्कार के लिए आगे आ रहा था.

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महिला का बेटा भी हॉस्पिटल में भर्ती था और उसकी भी हालत सीरियस थी. उसी दौरान उन्होंने ना केवल मदद करके उस महिला के पति का दाह संस्कार करवाया, बल्कि जब कोरोना से दोनों ठीक हुए तो उन्होंने उसी दिन ठान ली की इस महामारी में वह एक ऐतिहासिक कदम उठाएंगे और अपनी प्राइवेट गाड़ी को शव बनाकर उसमें मृतकों की डेड बॉडी को श्मशान घाट तक पहुंचा कर दाह संस्कार करवाएंगे.

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10 अप्रैल से 25 मई तक उन्होंने 500 से ज्यादा मृतकों की डेड बॉडी का दाह संस्कार करवाया. घरों से डेड बॉडी लेने से पहले उन्होंने सारा इंतजाम किया था, जो कोविड-19 के हिसाब से होना चाहिए था. उन्होंने बकायदा जिपर खरीदा था. पहली बार में डेढ़ सौ, उसके बाद सारे 300, उसके बाद और 70 और उसी जिपर में शव को अंदर पैक करके श्मशान घाट लेकर जाते थे.

6 बजे से शरू कर देते थे काम

सुबह 6 बजे से यह इस सेवा में जुटते थे और रात के 8 बजे तक लगातार लगे रहते थे. उन्होंने बताया कि 1 दिन तो ऐसी हालत हो गई थी के उन्होंने 24 डेड बॉडी का दाह संस्कार करवाया, जिस दिन दिल्ली में सबसे ज्यादा मौत हुई थी. इनके साथ टीम में मंजीत जसपाल, परमजीत ने मिलकर उसी भागीदारी के साथ सहयोग किया जैसे देवेंद्र पाल सिंह और प्रीतम सिंह कर रहे थे.

यूनाइटेड स्टेट इंटरनेशनल एनजीओ ने किया सहयोग

उन्होंने बताया कि यूनाइटेड स्टेट इंटरनेशनल एनजीओ (United State International NGO) है उनसे जुड़े हुए हैं. वो यूएनओ से भी अपडेटेड है, इसमें देवेंद्र पाल सिंह डिजास्टर कोऑर्डिनेटर है और पेशे से फोटोग्राफर हैं वही प्रीतम सिंह एनजीओ में डायरेक्टर हैं. इनका फेब्रिकेशन का काम है, लेकिन इन्होंने मानवता की जबरदस्त मिसाल पेश करते हुए महामारी के दौरान इस तरह की सेवा के लिए आगे बढ़कर लोगों की मदद के लिए आगे आए.

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