नई दिल्ली: यह नजारा आप द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple) का देख रहे हैं, जहां सोमवार को बड़ी धूमधाम से "गोवर्धन पूजा"(गिरिराज जी की पूजा) की गई. इस पूजा के आरंभ में सबसे पहले गौपूजा की गई. जिसके बाद काफी बड़े गिरिराज जी बनाए गए. जिनका दूध, दही, घी, चीनी आदि से अभिषेक कराया गया और आरती कर भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया.
इंद्र का अहंकार तोड़ने के लिए श्री कृष्ण ने की थी लीला
इस बारे में विस्तार से द्वारका इस्कॉन के सेवक श्रीनिकेत दास जी ने बताया कि गिरिराज जी का यह उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया. जिसमें गिरिराज जी को अन्न से, धान से आदि से बनाया गया. जिसके बाद उनका अभिषेक कर, उनकी आरती की गयी और मंदिर में आए भक्तों को प्रसाद भी बांटा गया. उन्होंने यह भी बताया कि भगवान श्री कृष्ण द्वारा भगवान इंद्र का अहंकार तोड़ने के लिए 7 दिन और 7 रात तक गिर्राज जी को छोटी उंगली पर उठाया था. भगवान की लीला के पीछे यही उद्देश्य है कि इस संसार में भगवान के आगे बिना आत्मसमर्पण करके ही हम अपने अंदर अहंकार का विनाश कर सकते हैं.
पूजा में शामिल होने कई जगह से आए भक्त
आपको बता दें कि द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी हर लीला को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसी क्रम मे सोमवार को गोवर्धन पूजा को देखने और इसमें शामिल होने के लिए दिल्ली ही नहीं अन्य जगहों से भी काफी संख्या में भक्त एकत्रित होते हैं.