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द्वारका: इस्कॉन मंदिर में हुई गोवर्धन पूजा, गिरिराज जी का उत्सव धूमधाम से मनाया

द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर में बड़ी धूमधाम से गोवर्धन पूजा की गई. पूजा के आरंभ में सबसे पहले गो पूजा की गई. जिसके बाद गिरिराज जी बनाए गए. गोवर्धन पूजा को देखने और इसमें शामिल होने के लिए दिल्ली ही नहीं अन्य जगहों से भी काफी संख्या में लोग यहां आए.

"Govardhan Pooja" pompously performed at ISKCON temple in Dwarka
गोवर्धन पूजा
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Published : Nov 16, 2020, 6:41 PM IST

नई दिल्ली: यह नजारा आप द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple) का देख रहे हैं, जहां सोमवार को बड़ी धूमधाम से "गोवर्धन पूजा"(गिरिराज जी की पूजा) की गई. इस पूजा के आरंभ में सबसे पहले गौपूजा की गई. जिसके बाद काफी बड़े गिरिराज जी बनाए गए. जिनका दूध, दही, घी, चीनी आदि से अभिषेक कराया गया और आरती कर भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया.

इस्कॉन मंदिर में बड़ी धूमधाम से गोवर्धन पूजा
गाय का शृंगार कर सुंदर भोजन दिया द्वारका इस्कॉन के सेवक रवि नंदन दास जी ने बताया कि गोवर्धन पूजा के उपलक्ष पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गौ और गौ वत्स की पूजा गई. जिसमें सबसे पहले गाय का शृंगार किया गया, उन्हें सुंदर भोजन दिया गया और उसके बाद गाय की परिक्रमा कर का गोवर्धन जी के पूजा की तैयारी शुरू की गयी.



इंद्र का अहंकार तोड़ने के लिए श्री कृष्ण ने की थी लीला

इस बारे में विस्तार से द्वारका इस्कॉन के सेवक श्रीनिकेत दास जी ने बताया कि गिरिराज जी का यह उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया. जिसमें गिरिराज जी को अन्न से, धान से आदि से बनाया गया. जिसके बाद उनका अभिषेक कर, उनकी आरती की गयी और मंदिर में आए भक्तों को प्रसाद भी बांटा गया. उन्होंने यह भी बताया कि भगवान श्री कृष्ण द्वारा भगवान इंद्र का अहंकार तोड़ने के लिए 7 दिन और 7 रात तक गिर्राज जी को छोटी उंगली पर उठाया था. भगवान की लीला के पीछे यही उद्देश्य है कि इस संसार में भगवान के आगे बिना आत्मसमर्पण करके ही हम अपने अंदर अहंकार का विनाश कर सकते हैं.



पूजा में शामिल होने कई जगह से आए भक्त

आपको बता दें कि द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी हर लीला को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसी क्रम मे सोमवार को गोवर्धन पूजा को देखने और इसमें शामिल होने के लिए दिल्ली ही नहीं अन्य जगहों से भी काफी संख्या में भक्त एकत्रित होते हैं.

नई दिल्ली: यह नजारा आप द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple) का देख रहे हैं, जहां सोमवार को बड़ी धूमधाम से "गोवर्धन पूजा"(गिरिराज जी की पूजा) की गई. इस पूजा के आरंभ में सबसे पहले गौपूजा की गई. जिसके बाद काफी बड़े गिरिराज जी बनाए गए. जिनका दूध, दही, घी, चीनी आदि से अभिषेक कराया गया और आरती कर भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया.

इस्कॉन मंदिर में बड़ी धूमधाम से गोवर्धन पूजा
गाय का शृंगार कर सुंदर भोजन दिया द्वारका इस्कॉन के सेवक रवि नंदन दास जी ने बताया कि गोवर्धन पूजा के उपलक्ष पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गौ और गौ वत्स की पूजा गई. जिसमें सबसे पहले गाय का शृंगार किया गया, उन्हें सुंदर भोजन दिया गया और उसके बाद गाय की परिक्रमा कर का गोवर्धन जी के पूजा की तैयारी शुरू की गयी.



इंद्र का अहंकार तोड़ने के लिए श्री कृष्ण ने की थी लीला

इस बारे में विस्तार से द्वारका इस्कॉन के सेवक श्रीनिकेत दास जी ने बताया कि गिरिराज जी का यह उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया. जिसमें गिरिराज जी को अन्न से, धान से आदि से बनाया गया. जिसके बाद उनका अभिषेक कर, उनकी आरती की गयी और मंदिर में आए भक्तों को प्रसाद भी बांटा गया. उन्होंने यह भी बताया कि भगवान श्री कृष्ण द्वारा भगवान इंद्र का अहंकार तोड़ने के लिए 7 दिन और 7 रात तक गिर्राज जी को छोटी उंगली पर उठाया था. भगवान की लीला के पीछे यही उद्देश्य है कि इस संसार में भगवान के आगे बिना आत्मसमर्पण करके ही हम अपने अंदर अहंकार का विनाश कर सकते हैं.



पूजा में शामिल होने कई जगह से आए भक्त

आपको बता दें कि द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी हर लीला को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसी क्रम मे सोमवार को गोवर्धन पूजा को देखने और इसमें शामिल होने के लिए दिल्ली ही नहीं अन्य जगहों से भी काफी संख्या में भक्त एकत्रित होते हैं.

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