नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation elections) में इस बार दिल्ली में जगह-जगह फैला कूड़ा अहम मुद्दा होने जा रहा है, बावजूद इसके दिल्ली के कई इलाकों में सड़कों के किनारे ही कूड़ों का ढेर लगा हुआ है और इसकी सफाई की तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है.
बापरौला गांव से सटे राजीव रतन आवास को जाने वाली और दर्जन भर से ज्यादा कॉलोनीयों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क की, जहाँ सड़क के किनारे जगह-जगह कूड़ों का ढेर लगा हुआ है और कोई भी इसकी सुध लेने वाला नहीं है.
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स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई बार शिकायत के बाद भी इस पर अभी तक किसी ने ध्यान नहीं दिया. राहगीरों के साथ स्थानीय लोगों को भी इस वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसकी बदबू से यहां से लोगों का निकलना भी मुश्किल हो गया है. कई बार कूड़ों को नष्ट करने के लिए लोगों द्वारा आग भी लगा दी जाती है, लेकिन इससे दिल्ली के प्रदूषण में भी इजाफा होता है. जिस दिल्ली की हवा पहले से ही जहरीली हो चुकी है, वहां ऐसे में कूड़ा जलाने से धुआं तो होता ही है, साथ ही वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है.
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लोगों का कहना है कि लंबे समय से वो इस समस्या से जूझ रहे हैं पर अब तक किसी ने भी इनकी समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया. इन फैले गंदगियों की वजह से बुजर्ग और बच्चे बीमार भी हो रहे हैं। सड़क किनारे फैले कचरों की वजह से वाहन चालकों को भी कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
एक तरफ तो दिल्ली सरकार सफाई, स्वच्छता की बात करती है वहीं दूसरी ओर ऐसी तस्वीरें उनके दावों की पोल खोलती है. वहीं इस बार के एमसीडी चुनाव में दिल्ली का कूड़ा एक बड़ा और अहम मुद्दा होने जा रहा है, बावजूद इसके ना तो स्थानीय जनप्रतिनिधि और ना ही संबंधित विभाग ही इसे हटाने को लेकर दिलचस्पी लेते नजर आ रहे हैं.
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