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आईजीआई एयरपोर्ट पर मानव तस्करी का मामला आया सामने, हवाई यात्री और एयरलाइन कर्मी सहित पांच गिरफ्तार - आईजीआई एयरपोर्ट

Human trafficking case at IGI Airport: दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर मानव तस्करी के मामले में हवाई यात्री और एयरलाइन कर्मी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन्हें पकड़ने का क्रम आरोपी हवाई यात्री की संदिग्ध्ता के चलते शुरू हुआ, जिसके बाद कई लोगों के नाम इस मामले में सामने आए.

Human trafficking
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 31, 2023, 2:26 PM IST

नई दिल्ली: सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) की टीम ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में एयरलाइन के चार स्टाफ और एक भारतीय हवाई यात्री भी शामिल हैं. इन सभी को सीआईएसएफ टीम ने आगे की कार्रवाई के लिए एयरपोर्ट पुलिस के हवाले किया, जिसके बाद एयरपोर्ट पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.

सीआईएसएफ के असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल अखिलेश कुमार शुक्ला ने बताया कि आईजीआई एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ की इंटेलीजेंस और सुपरविजन विंग की टीम ने एक संदिग्ध हवाई यात्री को देखा, जो डिपार्चर गेट नंबर 05 के पास चेक-इन एरिया में बैठा हुआ था. बाद में उसकी पहचान दिलजोत सिंह के रूप में की गई, जिसे एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI-113 से बर्मिंघम जाना था.

प्रोफाइलिंग के आधार पर उसके सामान की जांच के लिए उसे रैंडम चेकिंग प्वाइंट पर भेजा गया. सामान की जांच में कोई संदिग्ध वस्तु न मिलने पर भी वह विमान में बोर्ड नहीं कर पाया. संदेह होने पर जब उससे पूछताछ की गई तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. जांच में पता चला कि बोर्डिंग के पूर्व इमिग्रेशन ने उसे रोक लिया था, क्योंकि वह हवाई यात्री सीमेन लेटर (केवल जहाज में काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था. लेकिन सामने आया कि बिना इमिग्रेशन की जानकारी के एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा नामक कर्मचारी ने वहां से चेक-इन औपचारिकताएं गलत दस्तावेजों के आधार पर पूरी कर (जिसमें बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट) भी था, उसे फ्लाइट में चढ़ाने की कोशिश की थी.

पूछताछ करने पर रोहन वर्मा ने यह बात स्वीकारी की, कि उसके साथी कर्मचारी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के ऑर्डर पर उसने फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर दो अन्य हवाई यात्रियों के साथ उस यात्री को चेक-इन करने दिया. इसके लिए उसने 80,000 रुपये लिए हैं.

यह भी पढ़ें-साइड नहीं देने पर दिल्ली में कैब ड्राइवर की हत्या, पुलिस ने एक नाबालिग को पकड़ा

आगे की पूछताछ करने पर मोहम्मद जहांगीर ने यह स्वीकार किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों पर यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा था. इसके लिए महिपालपुर निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये दिए गए थे. इसके बाद दो अन्य कर्मचारी यश और अक्षय नारंग को पकड़ा गया, जिन्होंने मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की. बाद में मामले पर आगे की कानूनी कार्रवाई के लिएहवाई यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को एयरपोर्ट पुलिस को सौंप दिया गया.

यह भी पढ़ें-गोकलपुरी हत्याकांड का दिल्ली पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा, 3 आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली: सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) की टीम ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में एयरलाइन के चार स्टाफ और एक भारतीय हवाई यात्री भी शामिल हैं. इन सभी को सीआईएसएफ टीम ने आगे की कार्रवाई के लिए एयरपोर्ट पुलिस के हवाले किया, जिसके बाद एयरपोर्ट पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.

सीआईएसएफ के असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल अखिलेश कुमार शुक्ला ने बताया कि आईजीआई एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ की इंटेलीजेंस और सुपरविजन विंग की टीम ने एक संदिग्ध हवाई यात्री को देखा, जो डिपार्चर गेट नंबर 05 के पास चेक-इन एरिया में बैठा हुआ था. बाद में उसकी पहचान दिलजोत सिंह के रूप में की गई, जिसे एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI-113 से बर्मिंघम जाना था.

प्रोफाइलिंग के आधार पर उसके सामान की जांच के लिए उसे रैंडम चेकिंग प्वाइंट पर भेजा गया. सामान की जांच में कोई संदिग्ध वस्तु न मिलने पर भी वह विमान में बोर्ड नहीं कर पाया. संदेह होने पर जब उससे पूछताछ की गई तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. जांच में पता चला कि बोर्डिंग के पूर्व इमिग्रेशन ने उसे रोक लिया था, क्योंकि वह हवाई यात्री सीमेन लेटर (केवल जहाज में काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था. लेकिन सामने आया कि बिना इमिग्रेशन की जानकारी के एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा नामक कर्मचारी ने वहां से चेक-इन औपचारिकताएं गलत दस्तावेजों के आधार पर पूरी कर (जिसमें बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट) भी था, उसे फ्लाइट में चढ़ाने की कोशिश की थी.

पूछताछ करने पर रोहन वर्मा ने यह बात स्वीकारी की, कि उसके साथी कर्मचारी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के ऑर्डर पर उसने फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर दो अन्य हवाई यात्रियों के साथ उस यात्री को चेक-इन करने दिया. इसके लिए उसने 80,000 रुपये लिए हैं.

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आगे की पूछताछ करने पर मोहम्मद जहांगीर ने यह स्वीकार किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों पर यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा था. इसके लिए महिपालपुर निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये दिए गए थे. इसके बाद दो अन्य कर्मचारी यश और अक्षय नारंग को पकड़ा गया, जिन्होंने मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की. बाद में मामले पर आगे की कानूनी कार्रवाई के लिएहवाई यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को एयरपोर्ट पुलिस को सौंप दिया गया.

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