नई दिल्ली/गुरुग्रामःदूसरे राज्यों से आए और साइबर सिटी में मजदूरी कर अपना घर चलाने वाले मजदूरों का आशियाना जलकर खाक हो गया. किसी को क्या पता था कि सोमवार सुबह 10 बजे इनके लिए आफत की घड़ी बनने वाली है. सब लोग सुबह काम पर गए और अपने काम पर पहुचे ही थे कि एक फोन आता है कि आपका आशियाना जलकर राख हो गया. तभी सभी दौड़े-दौड़े अपनी झुग्गिग्यो में पहुंचे तो देखा कि लंबी लंबी आग की लपटों ने इनके आशियाने को उखाड़ गिराया है.
80 से ज्यादा झुग्गी जलने के बाद भी साइबर सिटी का कोई अधिकारी या प्रशासन का कोई भी अधिकारी इन झुग्गी वासियों की मदद करने नहीं पहुंचा, ना ही किसी तरीके का आश्वासन दिया गया. ये लोग सरकार से गुहार लगाते रहें. बेबस लोगों के पास अब खोने के लिए कुछ नहीं बचा.
दिन रात मेहनत करके लोगों ने पैसे जोड़े थे किसी को अपने गांव में पैसे भेजने थे तो किसी को अपनी बेटी की शादी करनी थी लेकिन इन आप की लपटों ने उन पैसों को भी नहीं छोड़ा. सभी के पैसे जलकर राख हो गए.
हैरानी की बात ये भी है कि कुछ सप्ताह पहले भी नाथूपुर में बनी अवैध झुग्गियों में आग लगी थी. पीड़ितों ने बताया कि पिछले अग्निकांड में लगभग 200 झुग्गियां आग की चपेट में आई थी, लेकिन 4 सप्ताह बाद ही ये दूसरी वारदात उसी इलाके में घटी है, जो कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही बयां करती है.