नई दिल्ली: टिकरी बॉर्डर पर 58वें दिन भी लगातार किसान आंदोलन जारी है और किसानों का यह कहना है कि जब तक कृषि बिल को पूरी तरह रद्द नहीं किया जाता, तब तक वह बॉर्डर से ना ही पीछे हटेंगे और ना ही अपने घर वापस लौटेंगे.
बिल पर रोक लगाना समस्या का हल नहीं
किसानों ने अपने रहने के लिए प्लास्टिक के टेंट की व्यवस्था की है ताकि ठंड भी उन्हें यह प्रदर्शन छोड़कर पीछे हटने के लिए मजबूर ना करें. इस बारे में हमारी टीम से बातचीत करते हुए धरना दे रहे किसानों ने बताया कि सरकार ने डेढ़ साल तक इस बिल पर रोक लगाने की बात कही है, लेकिन उनकी यह मांग है कि इस बिल को हमेशा के लिए रद्द किया जाए.
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पूर्ण रूप से रद्द करवाना धरना प्रदर्शन का उद्देश्य
किसानों का कहना है कि डेढ़ साल तक कृषि बिल पर रोक लगाना उनकी समस्या का हल नहीं है, क्योंकि डेढ़ साल बाद यदि सरकार फिर इस बिल को लागू करने की बात कहती है तो फिर इस धरना प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं है. क्योंकि किसानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन का एकमात्र उद्देश्य कृषि बिल को पूर्ण रूप से रद्द करवाना है. उन्होंने बताया कि 26 जनवरी को किसानों द्वारा शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली भी निकाली जाएगी और किसान दिल्ली में जाकर ही धरना पर बैठेंगे और कृषि बिल को पूरी तरह रद्द करने की मांग करेंगे.