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टिकरी बॉर्डर: 58वें दिन भी किसान आंदोलन जारी, कृषि बिल को रद्द करने की मांग

किसान आंदोलन टिकरी बॉर्डर पर 58वें दिन भी जारी है. ऐसे में किसानों का कहना है कि जब तक कृषि बिल को पूरी तरह रद्द नहीं किया जाता तब तक वह बॉर्डर से ना ही पीछे हटेंगे और ना ही अपने घर वापस लौटेंगे.

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Published : Jan 22, 2021, 1:37 PM IST

farmers protest against farm laws still continued on 58th day
टिकरी बॉर्डर पर 58वें दिन भी किसान आंदोलन जारी

नई दिल्ली: टिकरी बॉर्डर पर 58वें दिन भी लगातार किसान आंदोलन जारी है और किसानों का यह कहना है कि जब तक कृषि बिल को पूरी तरह रद्द नहीं किया जाता, तब तक वह बॉर्डर से ना ही पीछे हटेंगे और ना ही अपने घर वापस लौटेंगे.

टिकरी बॉर्डर पर 58वें दिन भी किसान आंदोलन जारी

बिल पर रोक लगाना समस्या का हल नहीं
किसानों ने अपने रहने के लिए प्लास्टिक के टेंट की व्यवस्था की है ताकि ठंड भी उन्हें यह प्रदर्शन छोड़कर पीछे हटने के लिए मजबूर ना करें. इस बारे में हमारी टीम से बातचीत करते हुए धरना दे रहे किसानों ने बताया कि सरकार ने डेढ़ साल तक इस बिल पर रोक लगाने की बात कही है, लेकिन उनकी यह मांग है कि इस बिल को हमेशा के लिए रद्द किया जाए.

ये भी पढ़ें:-गतिरोध जारी, एक और वार्ता की बारी, क्या निकलेगा हल..?

पूर्ण रूप से रद्द करवाना धरना प्रदर्शन का उद्देश्य
किसानों का कहना है कि डेढ़ साल तक कृषि बिल पर रोक लगाना उनकी समस्या का हल नहीं है, क्योंकि डेढ़ साल बाद यदि सरकार फिर इस बिल को लागू करने की बात कहती है तो फिर इस धरना प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं है. क्योंकि किसानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन का एकमात्र उद्देश्य कृषि बिल को पूर्ण रूप से रद्द करवाना है. उन्होंने बताया कि 26 जनवरी को किसानों द्वारा शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली भी निकाली जाएगी और किसान दिल्ली में जाकर ही धरना पर बैठेंगे और कृषि बिल को पूरी तरह रद्द करने की मांग करेंगे.

नई दिल्ली: टिकरी बॉर्डर पर 58वें दिन भी लगातार किसान आंदोलन जारी है और किसानों का यह कहना है कि जब तक कृषि बिल को पूरी तरह रद्द नहीं किया जाता, तब तक वह बॉर्डर से ना ही पीछे हटेंगे और ना ही अपने घर वापस लौटेंगे.

टिकरी बॉर्डर पर 58वें दिन भी किसान आंदोलन जारी

बिल पर रोक लगाना समस्या का हल नहीं
किसानों ने अपने रहने के लिए प्लास्टिक के टेंट की व्यवस्था की है ताकि ठंड भी उन्हें यह प्रदर्शन छोड़कर पीछे हटने के लिए मजबूर ना करें. इस बारे में हमारी टीम से बातचीत करते हुए धरना दे रहे किसानों ने बताया कि सरकार ने डेढ़ साल तक इस बिल पर रोक लगाने की बात कही है, लेकिन उनकी यह मांग है कि इस बिल को हमेशा के लिए रद्द किया जाए.

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पूर्ण रूप से रद्द करवाना धरना प्रदर्शन का उद्देश्य
किसानों का कहना है कि डेढ़ साल तक कृषि बिल पर रोक लगाना उनकी समस्या का हल नहीं है, क्योंकि डेढ़ साल बाद यदि सरकार फिर इस बिल को लागू करने की बात कहती है तो फिर इस धरना प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं है. क्योंकि किसानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन का एकमात्र उद्देश्य कृषि बिल को पूर्ण रूप से रद्द करवाना है. उन्होंने बताया कि 26 जनवरी को किसानों द्वारा शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली भी निकाली जाएगी और किसान दिल्ली में जाकर ही धरना पर बैठेंगे और कृषि बिल को पूरी तरह रद्द करने की मांग करेंगे.

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