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Delhi Crime: कजाकिस्तान से आए परिवार से क्राइम ब्रांच का ऑफिसर बनकर ठगी, सीसीटीवी फुटेज की मदद से जांच में जुटी पुलिस - Police investigating with the help of CCTV footage

दिल्ली के द्वारका जिले के बिंदापुर इलाके में कजाकिस्तान से आए परिवार से क्राइम ब्रांच का ऑफिसर बनकर ठगी का मामला सामने आया है. पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मदद से जांच में जुटी है.

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Published : Jul 25, 2023, 11:38 AM IST

नई दिल्ली: कजाकिस्तान से पहली बार दिल्ली आया एक परिवार का अनुभव दिल्ली में बेहद कड़वा रहा. यहां द्वारका जिले के बिंदापुर इलाके में क्राइम ब्रांच ऑफिसर बनकर आए बदमाश रविवार की रात इस परिवार से सात हजार अमेरिकन डॉलर लेकर फरार हो गए, जिसकी कीमत भारतीय रुपयों में करीब पौने छह लाख बताई जा रही है. पीड़ित परिवार की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और छानबीन कर रही है. वारदात के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालकर आरोपियों की तलाश में जुटी है. मामला विदेशी परिवार और क्राइम ब्रांच से जुड़ा होने के कारण पुलिस की कई टीमें इस मामले की छानबीन में लगी हुई हैं.

ये भी पढ़ें: Delhi crime: अवैध कॉल सेंटर का खुलासा, एयरपोर्ट अथॉरिटी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करते थे ठगी

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वारदात की रात करीब सवा दस बजे इस घटना की सूचना मिली. कॉल करने वाले विक्रम यादव ने बताया द्वारका सेक्टर तीन डीपीएस स्कूल के नजदीक काले रंग की स्विफ्ट कार ने ई रिक्शा के आगे गाड़ी लगाई. उसमें से दो लोग नीचे उतरे. ई-रिक्शे में काजिस्तान से आए सरवर (37), उनकी बुजुर्ग मां मुखब्बत (61) और बहन मौजूद थीं. बदमाशों ने खुद को क्राइम ब्रांच से बताकर उनके पासपोर्ट मांगे और चेकिंग के बहाने एक महिला के बैग से सात हजार अमेरिकन डॉलर निकाल लिए.

पीड़ित लोगों को इंग्लिश और हिंदी दोनों भाषा का ज्ञान नहीं है, ऐसे में वे कुछ समझ नहीं पाए. बदमाश कार में बैठकर फरार हो गए. वारदात के बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस को काले रंग की कार का नंबर 5432 बताया गया है.

पुलिस को मामले की सूचना देने वाले पेशे से एमबीबीएस डॉक्टर विक्रम यादव ने बताया कि वह मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं. कजाकिस्तान से ही उन्होंने एमबीबीएस किया है. दो-तीन बाद यह परिवार वापस चला जाएगा, अब उनकी आगे यहां कहीं घूमने की इच्छा नहीं है. विक्रम ने बताया पीड़ित का कजाकिस्तान में कार के सामान की दुकान है. एक साथ इतने रुपये चले जाने से पीड़ित परिवार बेहद दुखी है. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार मामले की जांच द्वारका जिले के ही दूसरे थाने की टीम को सौंपी गई है.

ये भी पढ़ें: "जी ले जरा" और "एलान-2" में रोल दिलाने के नाम पर की ठगी, इंस्टाग्राम पर कास्टिंग मैनेजर बनकर देता था झांसा

नई दिल्ली: कजाकिस्तान से पहली बार दिल्ली आया एक परिवार का अनुभव दिल्ली में बेहद कड़वा रहा. यहां द्वारका जिले के बिंदापुर इलाके में क्राइम ब्रांच ऑफिसर बनकर आए बदमाश रविवार की रात इस परिवार से सात हजार अमेरिकन डॉलर लेकर फरार हो गए, जिसकी कीमत भारतीय रुपयों में करीब पौने छह लाख बताई जा रही है. पीड़ित परिवार की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और छानबीन कर रही है. वारदात के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालकर आरोपियों की तलाश में जुटी है. मामला विदेशी परिवार और क्राइम ब्रांच से जुड़ा होने के कारण पुलिस की कई टीमें इस मामले की छानबीन में लगी हुई हैं.

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पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वारदात की रात करीब सवा दस बजे इस घटना की सूचना मिली. कॉल करने वाले विक्रम यादव ने बताया द्वारका सेक्टर तीन डीपीएस स्कूल के नजदीक काले रंग की स्विफ्ट कार ने ई रिक्शा के आगे गाड़ी लगाई. उसमें से दो लोग नीचे उतरे. ई-रिक्शे में काजिस्तान से आए सरवर (37), उनकी बुजुर्ग मां मुखब्बत (61) और बहन मौजूद थीं. बदमाशों ने खुद को क्राइम ब्रांच से बताकर उनके पासपोर्ट मांगे और चेकिंग के बहाने एक महिला के बैग से सात हजार अमेरिकन डॉलर निकाल लिए.

पीड़ित लोगों को इंग्लिश और हिंदी दोनों भाषा का ज्ञान नहीं है, ऐसे में वे कुछ समझ नहीं पाए. बदमाश कार में बैठकर फरार हो गए. वारदात के बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस को काले रंग की कार का नंबर 5432 बताया गया है.

पुलिस को मामले की सूचना देने वाले पेशे से एमबीबीएस डॉक्टर विक्रम यादव ने बताया कि वह मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं. कजाकिस्तान से ही उन्होंने एमबीबीएस किया है. दो-तीन बाद यह परिवार वापस चला जाएगा, अब उनकी आगे यहां कहीं घूमने की इच्छा नहीं है. विक्रम ने बताया पीड़ित का कजाकिस्तान में कार के सामान की दुकान है. एक साथ इतने रुपये चले जाने से पीड़ित परिवार बेहद दुखी है. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार मामले की जांच द्वारका जिले के ही दूसरे थाने की टीम को सौंपी गई है.

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