नई दिल्ली: जाली करेंसी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की टीम ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान रसूल के रूप में हुई है, जो बिहार के पूर्वी चंपारण स्थित मोतिहारी का रहने वाला है. इसके पास से पुलिस ने दो लाख 98 हजार रुपये के नकली नोट बरामद किए हैं. जोकि 500-500 के हैं.
पुलिस की टीम को दो दिन पहले सूचना मिली थी कि यह साउथ दिल्ली के सराय काले खां बस टर्मिनल के पास नकली नोट की खेप लेकर आने वाला है और उसी सूचना पर पुलिस की टीम ने ट्रैप लगाकर इसे पकड़ा. इसके पास से जो बैग बरामद हुआ उसमें से फेक करेंसी बरामद की गई है, इसमें रखे नोट 500-500 के थे.
रसूल ने पुलिस को बताया कि बरामद की गई जाली करेंसी वह नेपाल के एक नागरिक से लेकर आया था. आगे इसे दिल्ली में डिस्पोजल करना था. इससे और पूछताछ की जा रही है, जिससे कि इसके पुराने रिकॉर्ड के बारे में भी पुलिस को अहम जानकारी मिल सके.
आरोपी से पूछताछ में पुलिस की टीम को पता चला कि यह नेपाल से जाली करेंसी की खेप लाकर दिल्ली, बिहार और बंगाल में खपाने की कोशिश करता था. आरोपी ने बताया कि वह पहले भी दो बार गिरफ्तार हो चुका है. पिछली गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से 18 लाख 50 हजार की जाली करेंसी बरामद की गई थी.
डीसीपी ने बताया कि रसूल 2008 में बिहार के जीआरपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था. उस समय इसके पास से ढ़ाई लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए थे. उसके बाद 2011 में उसके एक और साथी मुस्ताक के साथ कोलकाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. उस दौरान उनके पास से 16 लाख रुपये के जाली नोट बरामद हुए थे. बिहार और बंगाल के बाद अब वह दिल्ली में भी जाली करेंसी लाने लगा. सूचना के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे सात जनवरी को सराय काले खां से गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में यह भी पता चला कि जाली करेंसी के धंधे में यह मास्टरमाइंड है. यह कभी अकेले तो कभी किसी को साथ लेकर जाली करेंसी का धंधा करता है. रसूल बिहार और नेपाल बॉर्डर के पूर्वी चंपारण स्थित मोतिहारी का रहने वाला है. इसलिए इसको बॉर्डर पार करने के सभी पैतरों के बारे में जानकारी है.