नई दिल्ली: विदेशी यूनिवर्सिटी की तर्ज पर दिल्ली की इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में छात्रों और यूनिवर्सिटी स्टाफ के लिए शिशु गृह (क्रेच) की सुविधा दी गई है. जिसकी मदद से कॉलेज में पढ़ रहे छात्र और टीचर समेत यूनिवर्सिटी के सभी कर्मचारी अपने बच्चों को यहां छोड़ कर अपने काम कर सकते हैं.
इसके अलावा यह क्रेच ना सिर्फ सभी सुविधाओं से युक्त है बल्कि यहां बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी सभी एतिहातन कदम उठाए गए हैं.
'सपना होगा पूरा'
इसी कॉलेज से पीएचडी कर रही छात्रा प्रियंका शर्मा ने हमें बताया कि यूनिवर्सिटी में क्रेच की सुविधा होने से उनका सपना पूरा हो रहा है. अब वो अपनी डेढ़ साल की बच्ची को निश्चिंत होकर यहां छोड़कर क्लास के लिए जाती हैं.
'रखा जाता है बच्चों का ख्याल'
प्रियंका ने बताया कि जब उनकी बेटी 9 महीने की थी, तब वो उसे यहां लेकर आईं थी. जिस तरीके से हम अपने बच्चे का अपने घर में ख्याल रखते हैं ठीक उसी तरीके से क्रेच में उनका ख्याल रखा जाता है. उनके खाने-पीने से लेकर उनके सोने और खेलने का भी टाइम टेबल सेट किया गया है.
'बच्चों को दिया जाता है पूरा अपनापन'
यहां के क्रेच की सुपरवाइजर रीमा कुमारी ने बताया कि शुरुआत में जब बच्चे आते हैं तो अपने घर को याद करते हैं जिसके लिए हम बच्चे को पूरा अपनापन देने की कोशिश करते हैं. जब बच्चा घुल मिल जाता है तो हम उसके साथ बाकी एक्टिविटीज करते हैं, उनका कहना था क्योंकि क्रेच यूनिवर्सिटी के अंदर है. इस वजह से यूनिवर्सिटी के स्टाफ और छात्र बेफिक्र होकर अपने काम को करते हैं.
कई बार क्रेच की मांग की गई
बता दें कि आईपी यूनिवर्सिटी में क्रेच की सुविधा होने के साथ-साथ बाकी तमाम यूनिवर्सिटी और संस्थानों में भी कई बार लोगों द्वारा क्रेच की सुविधा की मांग सरकार से की गई है. जनप्रतिनिधियों ने भी कई बार इसको लेकर सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाया है और सरकारी संस्थानों में भी इसकी मांग की गई है.