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वाह! बच्चों का ख्याल रख रही है यूनिवर्सिटी, मां-बाप कर रहे हैं अपने सपने पूरे

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में शिशु गृह (क्रेच) की सुविधा दी गई है. कॉलेज में पढ़ रहे छात्र और टीचर समेत यूनिवर्सिटी के सभी कर्मचारी अपने बच्चों को यहां छोड़ कर अपने काम कर सकते हैं.

बच्चों का ख्याल रख रही है यूनिवर्सिटी
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Published : Jun 20, 2019, 12:31 PM IST

Updated : Jun 20, 2019, 7:36 PM IST

नई दिल्ली: विदेशी यूनिवर्सिटी की तर्ज पर दिल्ली की इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में छात्रों और यूनिवर्सिटी स्टाफ के लिए शिशु गृह (क्रेच) की सुविधा दी गई है. जिसकी मदद से कॉलेज में पढ़ रहे छात्र और टीचर समेत यूनिवर्सिटी के सभी कर्मचारी अपने बच्चों को यहां छोड़ कर अपने काम कर सकते हैं.

इसके अलावा यह क्रेच ना सिर्फ सभी सुविधाओं से युक्त है बल्कि यहां बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी सभी एतिहातन कदम उठाए गए हैं.

बच्चों का ख्याल रख रही है यूनिवर्सिटी

'सपना होगा पूरा'
इसी कॉलेज से पीएचडी कर रही छात्रा प्रियंका शर्मा ने हमें बताया कि यूनिवर्सिटी में क्रेच की सुविधा होने से उनका सपना पूरा हो रहा है. अब वो अपनी डेढ़ साल की बच्ची को निश्चिंत होकर यहां छोड़कर क्लास के लिए जाती हैं.

'रखा जाता है बच्चों का ख्याल'
प्रियंका ने बताया कि जब उनकी बेटी 9 महीने की थी, तब वो उसे यहां लेकर आईं थी. जिस तरीके से हम अपने बच्चे का अपने घर में ख्याल रखते हैं ठीक उसी तरीके से क्रेच में उनका ख्याल रखा जाता है. उनके खाने-पीने से लेकर उनके सोने और खेलने का भी टाइम टेबल सेट किया गया है.

'बच्चों को दिया जाता है पूरा अपनापन'
यहां के क्रेच की सुपरवाइजर रीमा कुमारी ने बताया कि शुरुआत में जब बच्चे आते हैं तो अपने घर को याद करते हैं जिसके लिए हम बच्चे को पूरा अपनापन देने की कोशिश करते हैं. जब बच्चा घुल मिल जाता है तो हम उसके साथ बाकी एक्टिविटीज करते हैं, उनका कहना था क्योंकि क्रेच यूनिवर्सिटी के अंदर है. इस वजह से यूनिवर्सिटी के स्टाफ और छात्र बेफिक्र होकर अपने काम को करते हैं.

कई बार क्रेच की मांग की गई
बता दें कि आईपी यूनिवर्सिटी में क्रेच की सुविधा होने के साथ-साथ बाकी तमाम यूनिवर्सिटी और संस्थानों में भी कई बार लोगों द्वारा क्रेच की सुविधा की मांग सरकार से की गई है. जनप्रतिनिधियों ने भी कई बार इसको लेकर सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाया है और सरकारी संस्थानों में भी इसकी मांग की गई है.

नई दिल्ली: विदेशी यूनिवर्सिटी की तर्ज पर दिल्ली की इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में छात्रों और यूनिवर्सिटी स्टाफ के लिए शिशु गृह (क्रेच) की सुविधा दी गई है. जिसकी मदद से कॉलेज में पढ़ रहे छात्र और टीचर समेत यूनिवर्सिटी के सभी कर्मचारी अपने बच्चों को यहां छोड़ कर अपने काम कर सकते हैं.

इसके अलावा यह क्रेच ना सिर्फ सभी सुविधाओं से युक्त है बल्कि यहां बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी सभी एतिहातन कदम उठाए गए हैं.

बच्चों का ख्याल रख रही है यूनिवर्सिटी

'सपना होगा पूरा'
इसी कॉलेज से पीएचडी कर रही छात्रा प्रियंका शर्मा ने हमें बताया कि यूनिवर्सिटी में क्रेच की सुविधा होने से उनका सपना पूरा हो रहा है. अब वो अपनी डेढ़ साल की बच्ची को निश्चिंत होकर यहां छोड़कर क्लास के लिए जाती हैं.

'रखा जाता है बच्चों का ख्याल'
प्रियंका ने बताया कि जब उनकी बेटी 9 महीने की थी, तब वो उसे यहां लेकर आईं थी. जिस तरीके से हम अपने बच्चे का अपने घर में ख्याल रखते हैं ठीक उसी तरीके से क्रेच में उनका ख्याल रखा जाता है. उनके खाने-पीने से लेकर उनके सोने और खेलने का भी टाइम टेबल सेट किया गया है.

'बच्चों को दिया जाता है पूरा अपनापन'
यहां के क्रेच की सुपरवाइजर रीमा कुमारी ने बताया कि शुरुआत में जब बच्चे आते हैं तो अपने घर को याद करते हैं जिसके लिए हम बच्चे को पूरा अपनापन देने की कोशिश करते हैं. जब बच्चा घुल मिल जाता है तो हम उसके साथ बाकी एक्टिविटीज करते हैं, उनका कहना था क्योंकि क्रेच यूनिवर्सिटी के अंदर है. इस वजह से यूनिवर्सिटी के स्टाफ और छात्र बेफिक्र होकर अपने काम को करते हैं.

कई बार क्रेच की मांग की गई
बता दें कि आईपी यूनिवर्सिटी में क्रेच की सुविधा होने के साथ-साथ बाकी तमाम यूनिवर्सिटी और संस्थानों में भी कई बार लोगों द्वारा क्रेच की सुविधा की मांग सरकार से की गई है. जनप्रतिनिधियों ने भी कई बार इसको लेकर सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाया है और सरकारी संस्थानों में भी इसकी मांग की गई है.

Intro:विदेशी यूनिवर्सिटी की तर्ज पर दिल्ली की इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में छात्रों और यूनिवर्सिटी स्टाफ के लिए क्रेच की सुविधा की गई है. जिसकी मदद से कॉलेज में पढ़ रहे छात्र और टीचर समेत यूनिवर्सिटी के सभी कर्मचारी अपने बच्चों को यहां छोड़ कर अपने काम कर सकते हैं इसके अलावा यह क्रेच ना सिर्फ सभी सुविधाओं से युक्त है बल्कि यहां बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी सभी एतिहातन कदम उठाए गए हैं.


Body:बच्चों को क्रेच में छोड़कर निश्चिन्त होते हैं मां-बाप
जब हम यहां पहुंचे तो हमारी मुलाकात इसी कॉलेज से पीएचडी कर रही छात्रा प्रियंका शर्मा से हुई, प्रियंका का कहना था कि यूनिवर्सिटी में क्रेच की सुविधा होने से ना सिर्फ अब उनका सपना पूरा हो रहा है बल्कि वह यहां पर अपनी डेढ़ साल की बच्ची को निश्चिंत होकर छोड़कर अपनी क्लास के लिए जा पाती है उन्होंने कहा कि इस तरह की सुविधा से कामकाजी महिलाएं हो या फिर पुरुष वो निश्चिंत होकर अपनी अपनी पढ़ाई और अपने कामों को कर सकते हैं

घर की तरह बच्चों का खयाल रखा जाता है
प्रियंका ने बताया कि जब उनकी बेटी 9 महीने की थी तब उन्होंने उसे यहां पर छोड़ा था जिसके बाद से आज तक यहां है प्रियंका का यह कहना था कि जिस तरीके से हम अपने बच्चे का अपने घर में ख्याल रखते हैं ठीक उसी तरीके से क्रेच में उनका ख्याल रखा जाता है उनके खाने-पीने से लेकर उनके सोने का और खेलने का भी टाइम टेबल सेट किया गया है जिससे कि वह निश्चिंत होकर अपनी पढ़ाई कर पा रही है

बच्चे को दिया जाता है पूरा अपनापन
हमने क्रेच में मौजूद स्टॉफ से भी बात की, और ये जानने की कोशिश की कि आखिर किस तरीके से वो बच्चे का ध्यान रखते हैं और क्या रूटीन रहता है जिस पर सुपरवाइजर रीमा कुमारी का कहना था कि शुरुआत में जब बच्चे आते हैं तो अपने घर की याद करते हैं जिसके लिए हम बच्चे को पूरा अपनापन देने की कोशिश करते हैं और जब बच्चा घुल मिल जाता है तो हम उसके साथ बाकी एक्टिविटीज करते हैं, उनका कहना था क्योंकि क्रैच यूनिवर्सिटी के अंदर है इसके कारण से यूनिवर्सिटी का स्टाफ और छात्र बेफिक्र होकर अपने काम कर पाते हैं

बच्चों की टाइम टेबल का रखा जाता है ख्याल
हमने क्रेच के बाकि स्टाफ से भी बात की तो उनका कहना था कि प्रेस में माता-पिता अपने बच्चों को सुबह 9:00 बजे के बाद यहां छोड़ कर जाते हैं और शाम के 5 बजे तक लेने आते हैं तब तक बच्चों का सुबह नाश्ता खाना बच्चों को टाइम से खेलना सुलाना इन सब का हम ध्यान रखते हैं.


Conclusion:इन सभी से बात करने के बाद जब हमने खुद क्रेच के अंदर प्रवेश किया तो हमने देखा की क्रेच सभी सुविधाओं से युक्त था क्रेच में बच्चों के लिए सभी सुविधाएं की गई थी चाहे वह एक्टिविटी एरिया हो खेलने के लिए खिलौने हो या फिर बच्चों के लिए झूलों का इंतजाम हो, सभी सुविधाए क्रैच के अंदर मौजूद थी जहां बच्चों का पूरा ध्यान रखा जा रहा था,

इसी के साथ आईपी यूनिवर्सिटी में क्रेच की सुविधा होने के साथ साथ बाकी तमाम यूनिवर्सिटी और संस्थानों में भी कई बार लोगों द्वारा क्रेच की सुविधा की मांग सरकार से की गई है जनप्रतिनिधियों ने भी कई बार इसको लेकर सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाया है और सरकारी संस्थानों में भी इसकी मांग की गई है
Last Updated : Jun 20, 2019, 7:36 PM IST
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