नई दिल्ली: सोमवार को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा (Kisan Morcha) की ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है. इस रैली में भाग लेने हरियाणा से दिल्ली के ढांसा बॉर्डर (Dhansa Border) पर पहुंचे किसानों ने सरकार द्वारा कृषि बिल को वापस लिए जाने के बाद सरकार को MSP और शहीद किसान के परिजन के लिए नौकरी साहित छह मांगों के लिए एक सप्ताह का समय दिया है.
ढांसा बॉर्डर (Dhansa Border) पर काफी संख्या में आंदोलनकारी किसान अभी भी बैठे हुए हैं. तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आज यानी रविवार को किसानों की ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) प्रस्तावित थी. हालांकि कृषि बिल के विरोध में एक साल से बैठे किसानों की मांग को मानते हुए सरकार ने तीनों बिल वापस ले लिए. लेकिन उसके बाद भी किसानों ने अभी तक घर वापसी नहीं है. हालांकि अपनी प्रस्तावित रैली को उन्होंने एक सप्ताह आगे बढ़ाते हुए सरकार के सामने उन्होंने अपनी छह मांगें रखी हैं.
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आंदोलन कर रहे किसानों के नेता वीरेंद्र डागर (kisan neta virendra dagar) का कहना है कि MSP पर कानून, लखीमपुर में हुई हिंसा (Lakhimpur Khiri Hinsa) की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई, किसानों के खिलाफ दर्ज हुए 55 हजार केस रद्द हों, आंदोलन में शहीद हुए 750 किसान के परिजन को नौकरी, पराली जलाने की छूट और पहले की तरह ही बिजली के बिल को लेकर जब तक सरकार उनकी मांगों को मान नहीं लेती तब तक वो आंदोलन करते रहेंगे.
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आज की प्रस्तावित रैली कृषि बिल की वापसी को देखते हुए सरकार को एक सप्ताह का समय देते हुए आगे बढ़ा दिया गया है. इनका कहना है कि अगर सरकार इनकी मांगों को नहीं मानती है तो ट्रैक्टर में डीजल डलवा रखा है और चार दिसंबर का इंतजार है.