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खराब आर्थिक स्थिति को लेकर ई-रिक्शा चालकों ने सरकार से लगाई गुहार

अनलॉक 1 में भी ई-रिक्शा चालकों के लिए मुश्किल हो रहा है. चालकों ने बताया कि पूरे दिन में चार्जिंग का पैसा भी निकाल पाना मुश्किल हो गया है. सारा दिन रिक्शा चलाने के बाद सिर्फ 100-150 से ही कमा पा रहे हैं.

e rickshaw driver urge the government in unlock 1 due to poor economic condition
ई-रिक्शा चालक
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Published : Jun 5, 2020, 2:09 PM IST

नई दिल्लीः अनलॉक 1 में सड़कों पर निकलने के लिए सरकार ने आदेश दे दिए हैं. लेकिन सड़कों पर चलने वाले ई-रिक्शा चालकों को रिक्शा की चार्जिंग का पैसा भी निकाल पाना मुश्किल हो गया है. चालक सारा दिन रिक्शा चलाने के बाद भी सिर्फ 100-150 से ही कमा पा रहे हैं.

ई-रिक्शा चालकों ने सरकार से लगाई गुहार

जब ईटीवी भारत ने रिक्शा चालकों से बात की तो, इन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण उनके ऊपर आर्थिक परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा था. छूट मिलने के बाद स्थिति बेहतर होने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार के नियमों ने उनपर भी पानी फेर दिया है.

द्वारका रिक्शा स्टैंड पर मौजूद चालकों का कहना है कि सरकार ने एक रिक्शे पर सिर्फ 2 सवारी को बैठाने की छूट दी है, लेकिन किराया अभी भी पहले जैसे ही है. जिसके कारण हमें एक चक्कर में सिर्फ 20-30 रुपए ही मिल पाते हैं और ऐसे ही पूरा दिन 6-7 चक्कर में निकल जाता है. कभी कभी तो 4-5 चक्कर ही दिन भर में लगते हैं.

चालकों ने बताया कि उन्हें रोजाना 100-120 रुपए पार्किंग वाले को देने पड़ते हैं. दिन के आखिर में उनके पास सिर्फ 20-30 रुपए ही बच पाते हैं. अब इतने रुपए में क्या खाना है और क्या बचना यह सबसे बड़ी विडम्बना है.

कुछ रिक्शे वालों का कहना है कि सरकार ने मौजूदा हालात को देखते हुए जनता के बारे में तो सोचा है, लेकिन हमें भूल गई. उन्होंने सरकार से गुहार लगाते हुए किराया दोगुना करने की मांग की है.

नई दिल्लीः अनलॉक 1 में सड़कों पर निकलने के लिए सरकार ने आदेश दे दिए हैं. लेकिन सड़कों पर चलने वाले ई-रिक्शा चालकों को रिक्शा की चार्जिंग का पैसा भी निकाल पाना मुश्किल हो गया है. चालक सारा दिन रिक्शा चलाने के बाद भी सिर्फ 100-150 से ही कमा पा रहे हैं.

ई-रिक्शा चालकों ने सरकार से लगाई गुहार

जब ईटीवी भारत ने रिक्शा चालकों से बात की तो, इन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण उनके ऊपर आर्थिक परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा था. छूट मिलने के बाद स्थिति बेहतर होने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार के नियमों ने उनपर भी पानी फेर दिया है.

द्वारका रिक्शा स्टैंड पर मौजूद चालकों का कहना है कि सरकार ने एक रिक्शे पर सिर्फ 2 सवारी को बैठाने की छूट दी है, लेकिन किराया अभी भी पहले जैसे ही है. जिसके कारण हमें एक चक्कर में सिर्फ 20-30 रुपए ही मिल पाते हैं और ऐसे ही पूरा दिन 6-7 चक्कर में निकल जाता है. कभी कभी तो 4-5 चक्कर ही दिन भर में लगते हैं.

चालकों ने बताया कि उन्हें रोजाना 100-120 रुपए पार्किंग वाले को देने पड़ते हैं. दिन के आखिर में उनके पास सिर्फ 20-30 रुपए ही बच पाते हैं. अब इतने रुपए में क्या खाना है और क्या बचना यह सबसे बड़ी विडम्बना है.

कुछ रिक्शे वालों का कहना है कि सरकार ने मौजूदा हालात को देखते हुए जनता के बारे में तो सोचा है, लेकिन हमें भूल गई. उन्होंने सरकार से गुहार लगाते हुए किराया दोगुना करने की मांग की है.

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