नई दिल्ली: कोरोना का संक्रमण जैसे-जैसे बढ़ते जा रहा है, वैसे-वैसे अब लोग भी काफी सतर्कता बरत रहे हैं. यह नजारा आप नजफगढ़ के दिचाऊं गांव का देख रहे हैं, जहां कोरोना वायरस से खुद और पूरे गांव को बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने मिलकर अपने गांव के बाहर बैरिकेड्स लगाकर गांव के अंदर आने-जाने वाली गाड़ियों और लोगों की चेकिंग शुरू कर दी है.
इसके पीछे कारण जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने जब इनसे बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यह लोग सरकार और पुलिस के जरिये दिए गए निर्देशों का सम्मान करते हैं और उसका पालन करने और करवाने के लिए वह लोग ऐसा कर रहे हैं.
दो प्रकार से रह सकते हैं सुरक्षित
गांव वालों के अनुसार वह लोग दो प्रकार से सुरक्षित रह सकते हैं. पहले तो गांव के सभी लोग अपने घर और गांव से निकालना बंद कर दें और दूसरा बाहर से आने वाले लोगों पर गांव में घुसने के लिए प्रतिबंध लगा दें. इन दोनों तरीकों को अपनाते हुए गांव वालों ने यह कदम उठाया है कि वह लोग गांव के बाहर ड्यूटी देंगे और किसी भी बाहरी आदमी को गांव के अंदर नहीं घुसने देंगे.
आईडी चेक करने के बाद एंट्री
गांव के बाहर रोड पर ड्यूटी कर रहे स्थानीय निवासी सुदेश कुमार ने हमारी टीम को बताया कि यह लोग बाहर से आने वाले लोगों का आईडी कार्ड चेक कर करते हैं और अगर यह गांव का निवासी हुआ तो उसे जाने देते हैं. वहीं अगर बाहर का कोई व्यक्ति होता है तो उसे बाईपास के जरिए दूसरे रास्ते से जाने के लिए कहा जाता है.
सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने की हिदायत
वहीं स्थानीय निवासी धर्मवीर सिंह ने बताया कि सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने के लिए लोगों को हिदायत भी दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि अगर कार के अगली सीट पर दो व्यक्ति बैठे हैं, तो उनमें से एक को पीछे बैठने की सलाह दी जाती है. जिससे कि दोनों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बने रहे और बारिश होने का खतरा ना हो.