नई दिल्ली: संसद सत्र के दौरान किसान आंदोलन से जुड़े किसान संगठन भी अपनी मांगों को लेकर कल से जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' का आयोजन कर रहे हैं. इसे लेकर दिल्ली-हरियाणा के झड़ौदा बॉर्डर पर भी लोकल पुलिस के साथ-साथ अर्द्धसैनिक बलों के जवान एहतियात के तौर पर तैनात किए गए हैं.
दिल्ली-हरियाणा के झड़ौदा बॉर्डर पर दिल्ली के अंदर आने वाली गाड़ियों को जरूरत के हिसाब से पुलिस की टीम रोककर चेक कर रही है. जिससे कोई असामाजिक तत्व संदिग्ध मौके का फायदा ना उठा सके. इसीलिए गाड़ियों की चेकिंग भी की जा रही है. गुरुवार को दिन भर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात रहे. खुद द्वारका के डीसीपी सन्तोष मीणा भी पुलिस ऑफिसर के साथ वहां पहुंचे.
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आपको बता दें कि, 'किसान संसद' को लेकर जंतर-मंतर के साथ-साथ सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और झड़ौदा बॉर्डर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है. हालांकि किसानों को सिंधु बॉर्डर से कड़ी सुरक्षा के बीच जंतर-मंतर तक लाया गया और फिर शाम को बसों में बिठाकर वापस सिंधु बॉर्डर पर ही छोड़ गया. बावजूद इसके दूसरे बॉर्डर पर भी सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किए गये हैं.
दरअसल, दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकतम 200 किसानों को ही जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति दी है. साथ ही सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक का समय दिया गया है. वहीं, किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए जंतर-मंतर के साथ-साथ संसद भवन के आसपास भी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.