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साइबर फ्रॉड से द्वारकावासियों को बचाने के दिल्ली पुलिस फेडरेशन के साथ चला रही अभियान, ये सावधानी बरतें - दिल्ली साइबर क्राइम

Cyber Crime in Delhi: साइबर अपराधियों को ऐसे लोगों की तलाश रहती है जिन्हें वे आसानी से अपने ठगी का शिकार बना सकें. खासकर इनकी नजर ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल लेनदेन करने वालों पर रहती है.

दिल्ली पुलिस फेडरेशन के साथ चला रही अभियान
दिल्ली पुलिस फेडरेशन के साथ चला रही अभियान
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 26, 2023, 5:24 PM IST

दिल्ली पुलिस फेडरेशन के साथ चला रही अभियान

नई दिल्ली: देशभर में लोग साइबर चीटिंग के शिकार हो रहे हैं. मेहनत की गाढ़ी कमाई पलभर में अकाउंट से निकल जा रही है. इससे दिल्ली का द्वारका इलाका भी अछूता नहीं है. इसी कड़ी में लोगों को इससे बचाने और जागरूक करने के लिए साइबर पुलिस फेडरेशन के साथ मिलकर जागरुकता अभियान चला रही है.

ऑल द्वारका रेजिडेंट फेडरेशन के आईटी और कम्युनिकेशन सेल के हेड राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि द्वारका के अलग-अलग 30 सोसायटी में लोकल रेजिडेंट के साथ मिलकर सफल मीटिंग कर लोगों को अलर्ट किया जा चुका है. लक्ष्य 100 सोसायटी को कंप्लीट करने का है. लोगों को जागरूक करके उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को ज्यादा से ज्यादा बचाने का लक्ष्य है. इस कार्य में ADRF के प्रेसिडेंट अजीत स्वामी और महासचिव रॉबिन शर्मा की पूरी टीम लगी है.

ADRF के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हरीश पोचल का कहना है कि आजकल सोशल मीडिया से बच्चे काफी जुड़े हैं. उन्हें अलर्ट करवाना जरूरी है. जो सीनियर सिटीजन हैं, उन्हें भी इससे बचाना जरूरी है. इसलिए साइबर पुलिस की टीम द्वारका सेक्टर-13 के नेताजी सुभाष अपार्टमेंट में पहुंची और स्थानीय लोगों को एक-एक करके साइबर क्राइम के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई.

चमन सिंह ने कहा कि साइबर फ्रॉड से लोगों को बचाने के लिए ऑल द्वारका रेजिडेंट फेडरेशन का साइबर पुलिस के साथ मिलकर जागरुकता प्रोग्राम आयोजित कराना सराहनीय कदम है. इसी कड़ी में आज साइबर पुलिस और पब्लिक के बीच मीटिंग हुआ. उन्होंने कहा कि लोग इसको लेकर जागरूक हो और अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को ना गवाएं.

साइबर फ्रॉड से ऐसे बचें: साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि मोबाइल में कोई ऐप डाउनलोड करने पर एप डाटा चोरी हो जाता है. ऐप को डाउनलोड करते समय हम बिना उसकी नियम, शर्तें और प्राइवेसी पॉलिसी को पढ़े हुए उनकी हर चीज को परमिशन और एक्सप्टेंस दे देते हैं. एप हमसे सारी परमिशन ले लेता है. इसके बाद एप हमारे डेटा को साइबर ठगों को बेच देते हैं. जब वह हमारे पास लिंक भेजते हैं तो उनके पास हमारा सारा डाटा होता है. इसलिए उन्हें हमारी किसी अन्य परमिशन की जरूरत नहीं पड़ती है. उनके लिंक पर क्लिक करते ही अकाउंट से सारे पैसे उड़ जाते हैं. इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए अपने मोबाइल में कम सिर्फ विश्वसनीय एप डाउनलोड करें.

दिल्ली पुलिस फेडरेशन के साथ चला रही अभियान

नई दिल्ली: देशभर में लोग साइबर चीटिंग के शिकार हो रहे हैं. मेहनत की गाढ़ी कमाई पलभर में अकाउंट से निकल जा रही है. इससे दिल्ली का द्वारका इलाका भी अछूता नहीं है. इसी कड़ी में लोगों को इससे बचाने और जागरूक करने के लिए साइबर पुलिस फेडरेशन के साथ मिलकर जागरुकता अभियान चला रही है.

ऑल द्वारका रेजिडेंट फेडरेशन के आईटी और कम्युनिकेशन सेल के हेड राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि द्वारका के अलग-अलग 30 सोसायटी में लोकल रेजिडेंट के साथ मिलकर सफल मीटिंग कर लोगों को अलर्ट किया जा चुका है. लक्ष्य 100 सोसायटी को कंप्लीट करने का है. लोगों को जागरूक करके उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को ज्यादा से ज्यादा बचाने का लक्ष्य है. इस कार्य में ADRF के प्रेसिडेंट अजीत स्वामी और महासचिव रॉबिन शर्मा की पूरी टीम लगी है.

ADRF के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हरीश पोचल का कहना है कि आजकल सोशल मीडिया से बच्चे काफी जुड़े हैं. उन्हें अलर्ट करवाना जरूरी है. जो सीनियर सिटीजन हैं, उन्हें भी इससे बचाना जरूरी है. इसलिए साइबर पुलिस की टीम द्वारका सेक्टर-13 के नेताजी सुभाष अपार्टमेंट में पहुंची और स्थानीय लोगों को एक-एक करके साइबर क्राइम के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई.

चमन सिंह ने कहा कि साइबर फ्रॉड से लोगों को बचाने के लिए ऑल द्वारका रेजिडेंट फेडरेशन का साइबर पुलिस के साथ मिलकर जागरुकता प्रोग्राम आयोजित कराना सराहनीय कदम है. इसी कड़ी में आज साइबर पुलिस और पब्लिक के बीच मीटिंग हुआ. उन्होंने कहा कि लोग इसको लेकर जागरूक हो और अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को ना गवाएं.

साइबर फ्रॉड से ऐसे बचें: साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि मोबाइल में कोई ऐप डाउनलोड करने पर एप डाटा चोरी हो जाता है. ऐप को डाउनलोड करते समय हम बिना उसकी नियम, शर्तें और प्राइवेसी पॉलिसी को पढ़े हुए उनकी हर चीज को परमिशन और एक्सप्टेंस दे देते हैं. एप हमसे सारी परमिशन ले लेता है. इसके बाद एप हमारे डेटा को साइबर ठगों को बेच देते हैं. जब वह हमारे पास लिंक भेजते हैं तो उनके पास हमारा सारा डाटा होता है. इसलिए उन्हें हमारी किसी अन्य परमिशन की जरूरत नहीं पड़ती है. उनके लिंक पर क्लिक करते ही अकाउंट से सारे पैसे उड़ जाते हैं. इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए अपने मोबाइल में कम सिर्फ विश्वसनीय एप डाउनलोड करें.

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