नई दिल्ली: दिल्ली के दक्षिण पूर्वी जिले के एंटी नार्कोटिक्स स्क्वाड की पुलिस टीम ने अंतरराज्यीय ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए 11 लाख के गांजे के साथ इसकी तस्करी के आरोप में 3 लोगों को गिरफ्तार (3 arrested with cannabis in delhi) किया है. आरोपियों की पहचान वीर सिंह, राजेंद्र उर्फ राजेश और राजकुमार उर्फ बाबा के रूप में हुई है. इनके कब्जे से 22 किलो से अधिक गांजा बरामद किया गया है.
डीसीपी ईशा पांडे ने रविवार को बताया कि दक्षिण पूर्वी जिले में मादक पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए, इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह डागर के नेतृत्व में और एसीपी मनोज सिन्हा की देखरेख में एएसआई सुलेमुद्दीन, हेड कॉन्स्टेबल विनोद, हेड कॉन्स्टेबल सुबोध, हेड कॉन्स्टेबल हिदायत, हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र एवं कॉन्टेस्बल पंकज की टीम गठित की गई थी. टीम को गुप्त सूचना मिली कि कालिंदी कुंज क्षेत्र में एक व्यक्ति अज्ञात व्यक्ति को मादक पदार्थ बेचने के लिए आने वाला है.
इसपर टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर आगरा कैनाल रोड, मदनपुर खादर के पास जाल बिछाया. इसके तुरंत बाद टीम की नजर वहां से जा रहे एक व्यक्ति पर पड़ी जिसके हाथ में दो बैग थे. गुप्त मुखबिर ने उसकी ओर इशारा किया और बताया कि वह कथित ड्रग पेडलर है जिसके बाद टीम ने तुरंत उसे पकड़ लिया. जब उसके दोनों बैग की जांच की गई तो उन्होंने 22 किलो 400 ग्राम गांजा बरामद किया जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ में उनकी पहचान राजस्थान के भरतपुर निवासी वीर सिंह (पुत्र डालचंद) के रूप में हुई जिसने अपनी उम्र 43 साल बताई. तदनुसारथाना कालिंदी कुंज में एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया जिसके बाद आरोपी के निशानदेही पर उसके साथियों राजेंद्र उर्फ राजेश और राजकुमार उर्फ बाबा को भीम बस्ती से गिरफ्तार किया गया. ये दोनों भी नशीले पदार्थों की आपूर्ति करने में उसकी मदद करते थे. मामले में आगे की जांच की जा रही है.
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पूछताछ के दौरान आरोपी वीर सिंह ने खुलासा किया कि आरोपी राजेंद्र उर्फ राजेश उसका साला है. राजेश ने ही वीर सिंह को उड़ीसा और आंध्र प्रदेश से ड्रग पेडलिंग में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जिसके बाद वीर सिंह ने अपनी दो बेटियों की शादी से लिए गए कर्ज को चुकाने का यह एक आसान तरीका सोचा. इसलिए उसने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दक्षिण और दक्षिण पूर्व दिल्ली में मादक पदार्थों की आपूर्ति में एक दूसरे की मदद करना शुरू कर दिया. जांच में सामने आया कि वीर सिंह स्नातक ने उतीर्ण की हुई है और उसके खिलाफ पहले किसी मामले में संलिप्तता नहीं पाई गई. वहीं आरोपी राजेंद्र 8वीं कक्षा तक पढ़ा है और वह पहले रेप के एक मामले में शामिल रहा है. वहीं राजकुमार उर्फ बाबा तीसरी कक्षा तक पढ़ा है और वह एनडीपीएस एक्ट के 1 मामले में शामिल पाया गया है.