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एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट का 21वां दीक्षांत समारोह संपन्न - एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट का दीक्षांत समारोह

दिल्ली के द्वारका उपनगरी स्थित एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में 21वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर 2018-20 बैच के 176 और 2019-21 बैच के 151 छात्रों सहित दाे बैच के 327 छात्रों ने प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया.

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दीक्षांत समारोह
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Published : Jun 19, 2022, 3:27 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली के द्वारका उपनगरी स्थित एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में 21वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर 2018-20 बैच के 176 और 2019-21 बैच के 151 छात्रों सहित दाे बैच के 327 छात्रों ने प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया. इसके अलावा नाै छात्रों को उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए पदक प्रदान किये गए.

2018-20 बैच की तान्या अरोड़ा और साक्षी अग्रवाल को क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक से सम्मानित किया गया. 2019-21 बैच की प्रिशु पूर्वा और इंद्राणी को क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक से सम्मानित किया गया. नए स्नातकों को डिप्लोमा प्रदान करने के बाद, उन्हें औपचारिक रूप से एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के पूर्व छात्र निकाय में शामिल किया गया. दीक्षांत समारोह की शुरुआत एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की निदेशक डॉ. अलका मुंजाल के स्वागत भाषण से हुई, जहां उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए, अपने जीवन सही दिशा में ले जाते हुए सकारात्मक और अच्छे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया.

एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट का 21वां दीक्षांत समारोह


इस मौके पर, एपीजे एजुकेशन सोसाइटी की अध्यक्ष और सह-संस्थापक और चांसलर एपीजे सत्य विश्वविद्यालय, सोहना गुरुग्राम, सुषमा पॉल बेरलिया, ने समारोह की अध्यक्षता की और डिप्लोमा प्रदान किए. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि उन्हें अपनी पूरी क्षमता के साथ अपने उच्चतम उद्देश्य को प्राप्त करना चाहिए. उन्होंने उन सभी को याद करने और आभार व्यक्त करने पर जोर दिया जिन्होंने उन्हें जीवन में यहां तक पहुंचने में मदद की. साथ ही उन्होंने उन्हें उनके आगामी जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं.

इस अवसर पर इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पीआर जयशंकर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने छात्रों को लक्ष्य के आसपास से संतुष्ट ना हो कर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा पेशेवर कौशल से अधिक, जीवन में सफल होने के लिए दृष्टिकोण, मूल्य और व्यवहार मायने रखता है. उन्होंने यह भी बताया कि धैर्य और सुनने की क्षमता एक प्रबंधक से एक नेता को अलग करती है. छात्रों को उनके आगामी कॉर्पोरेट करियर में ईमानदारी और नैतिक प्रदर्शन की शपथ भी दिलाई गई.

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नई दिल्लीः दिल्ली के द्वारका उपनगरी स्थित एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में 21वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर 2018-20 बैच के 176 और 2019-21 बैच के 151 छात्रों सहित दाे बैच के 327 छात्रों ने प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया. इसके अलावा नाै छात्रों को उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए पदक प्रदान किये गए.

2018-20 बैच की तान्या अरोड़ा और साक्षी अग्रवाल को क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक से सम्मानित किया गया. 2019-21 बैच की प्रिशु पूर्वा और इंद्राणी को क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक से सम्मानित किया गया. नए स्नातकों को डिप्लोमा प्रदान करने के बाद, उन्हें औपचारिक रूप से एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के पूर्व छात्र निकाय में शामिल किया गया. दीक्षांत समारोह की शुरुआत एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की निदेशक डॉ. अलका मुंजाल के स्वागत भाषण से हुई, जहां उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए, अपने जीवन सही दिशा में ले जाते हुए सकारात्मक और अच्छे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया.

एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट का 21वां दीक्षांत समारोह


इस मौके पर, एपीजे एजुकेशन सोसाइटी की अध्यक्ष और सह-संस्थापक और चांसलर एपीजे सत्य विश्वविद्यालय, सोहना गुरुग्राम, सुषमा पॉल बेरलिया, ने समारोह की अध्यक्षता की और डिप्लोमा प्रदान किए. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि उन्हें अपनी पूरी क्षमता के साथ अपने उच्चतम उद्देश्य को प्राप्त करना चाहिए. उन्होंने उन सभी को याद करने और आभार व्यक्त करने पर जोर दिया जिन्होंने उन्हें जीवन में यहां तक पहुंचने में मदद की. साथ ही उन्होंने उन्हें उनके आगामी जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं.

इस अवसर पर इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पीआर जयशंकर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने छात्रों को लक्ष्य के आसपास से संतुष्ट ना हो कर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा पेशेवर कौशल से अधिक, जीवन में सफल होने के लिए दृष्टिकोण, मूल्य और व्यवहार मायने रखता है. उन्होंने यह भी बताया कि धैर्य और सुनने की क्षमता एक प्रबंधक से एक नेता को अलग करती है. छात्रों को उनके आगामी कॉर्पोरेट करियर में ईमानदारी और नैतिक प्रदर्शन की शपथ भी दिलाई गई.

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