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डॉक्टर के प्राइवेट क्लिनिक में मिला नवजात का शव, मचा हंगामा

दिल्ली के अपोलो अस्पताल में बड़ी लापरवाही की बात सामने आई है. हालांकि फिलहाल मामले में संशय बना हुआ है कि ये वाकई लापरवाही का मामला है या फिर कुछ और. हैरानी भरा है कि जिस बच्चे की मौत अपोलो अस्पताल में हुआ उसका शव निजी क्लीनिक में कैसे मिला.

अपोलो अस्पताल में बच्चे की मौत
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Published : Mar 24, 2019, 8:16 AM IST

Updated : Mar 24, 2019, 1:47 PM IST

नई दिल्ली: द्वारका सेक्टर 12 के डीडीए फ्लैट में देर रात उस वक्त हंगामा मच गया, जब सोसाइटी में एक क्लीनिक से बच्चे का शव मिला. शव मिलने की बात से गुस्साए सोसाइटी के लोगों ने हंगामा कर दिया. लोगों ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगो को शांत कराकर डॉक्टर और उसकी साथी महिला को पुलिस स्टेशन बुलाकर जांच शुरू कर दी है.

सोसाइटी में रहने वाले लोगों का आरोप है कि शनिवार सुबह कुछ लोग सोसाइटी के गार्ड से पता पूछते हुए डॉक्टर के क्लीनिक पर पहुंचे फिर क्लीनिक से एक बच्चे का शव लेकर जाने लगे. इस बात की सूचना गार्ड ने सोसाइटी के RWA के लोगों को सूचना दी.

बच्चे के शव को ले जा रहे लोगों से पूछताछ की गई तो पता चला कि वो लोग बच्चे के परिजन हैं. 3 दिन पहले एक निजी हॉस्पिटल में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया था. कुछ देर बाद अचानक बच्चे की मौत हो गई. पीड़ित परिवार ने बच्चे के शव का पोस्टमार्टम करवाकर जांच करवानी की बात कही थी लेकिन हॉस्पिटल प्रशासन ने बच्चे की डेड बॉडी को देने की बजाय द्वारका की इस सोसाइटी का पता दे दिया.

निजी क्लीनिक में मिला बच्चे का शव


3 दिन से क्लिनिक में था शव
वहीं इलाके में रहने वाले लोगों को शक हुआ तो उन्होंने हंगामा किया. वहीं आरोप ये भी है कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सिर्फ खानापूर्ति की. डॉक्टर और महिला से पूछताछ कर उन्हें जाने दिया. शाम को एक बार फिर सोसाइटी के लोगों ने विरोध किया तो एक महिला डॉक्टर ने ये स्वीकार किया कि बच्चे का शव पिछले 3 दिनों से उनके पास सोसाइटी के अंदर बनाए गए क्लीनिक में ही था.

दोबारा आई पुलिस
हालांकि सोसाइटी के लोगों के हंगामा पर दोबारा पुलिस आई. मौके पर पहुंची पुलिस डॉक्टर और उसकी साथी महिला को पुलिस स्टेशन ले गई. इस मामले में बहुत से पेंच फंसे हुए नजर आते हैं. पुलिस कई पहलुओं से मामले की जांच कर रही है, वहीं पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी हॉस्पिटल के शवगृह में रखवा दिया है और जांच जारी है.

हंगामे का कारण
इस पूरे घटनाक्रम में हंगामे का कारण ये बताया जा रहा है कि नवजात शिशु का जन्म अपोलो में हुआ था और नवजात की मौत हो गई. मौत का कारण जानने के लिए परिजनों ने अपोलो में ही डेडबॉडी को छोड़ दिया, उसके बाद परिजन नवजात का पोस्टमार्टम करवाने के लिए डेड बॉडी लेने गए तो उन्हें इस द्वारका सोसाइटी का एड्रेस दे दिया गया कि वहां से डेडबॉडी ले लीजिए. जबकि द्वारका ये क्लिनिक केवल एक गाइनोक्लोजिस्ट की है. आखिरकार बच्चे का शव यहां कैसे पहुंचा? यही संशय का विषय है.

नई दिल्ली: द्वारका सेक्टर 12 के डीडीए फ्लैट में देर रात उस वक्त हंगामा मच गया, जब सोसाइटी में एक क्लीनिक से बच्चे का शव मिला. शव मिलने की बात से गुस्साए सोसाइटी के लोगों ने हंगामा कर दिया. लोगों ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगो को शांत कराकर डॉक्टर और उसकी साथी महिला को पुलिस स्टेशन बुलाकर जांच शुरू कर दी है.

सोसाइटी में रहने वाले लोगों का आरोप है कि शनिवार सुबह कुछ लोग सोसाइटी के गार्ड से पता पूछते हुए डॉक्टर के क्लीनिक पर पहुंचे फिर क्लीनिक से एक बच्चे का शव लेकर जाने लगे. इस बात की सूचना गार्ड ने सोसाइटी के RWA के लोगों को सूचना दी.

बच्चे के शव को ले जा रहे लोगों से पूछताछ की गई तो पता चला कि वो लोग बच्चे के परिजन हैं. 3 दिन पहले एक निजी हॉस्पिटल में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया था. कुछ देर बाद अचानक बच्चे की मौत हो गई. पीड़ित परिवार ने बच्चे के शव का पोस्टमार्टम करवाकर जांच करवानी की बात कही थी लेकिन हॉस्पिटल प्रशासन ने बच्चे की डेड बॉडी को देने की बजाय द्वारका की इस सोसाइटी का पता दे दिया.

निजी क्लीनिक में मिला बच्चे का शव


3 दिन से क्लिनिक में था शव
वहीं इलाके में रहने वाले लोगों को शक हुआ तो उन्होंने हंगामा किया. वहीं आरोप ये भी है कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सिर्फ खानापूर्ति की. डॉक्टर और महिला से पूछताछ कर उन्हें जाने दिया. शाम को एक बार फिर सोसाइटी के लोगों ने विरोध किया तो एक महिला डॉक्टर ने ये स्वीकार किया कि बच्चे का शव पिछले 3 दिनों से उनके पास सोसाइटी के अंदर बनाए गए क्लीनिक में ही था.

दोबारा आई पुलिस
हालांकि सोसाइटी के लोगों के हंगामा पर दोबारा पुलिस आई. मौके पर पहुंची पुलिस डॉक्टर और उसकी साथी महिला को पुलिस स्टेशन ले गई. इस मामले में बहुत से पेंच फंसे हुए नजर आते हैं. पुलिस कई पहलुओं से मामले की जांच कर रही है, वहीं पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी हॉस्पिटल के शवगृह में रखवा दिया है और जांच जारी है.

हंगामे का कारण
इस पूरे घटनाक्रम में हंगामे का कारण ये बताया जा रहा है कि नवजात शिशु का जन्म अपोलो में हुआ था और नवजात की मौत हो गई. मौत का कारण जानने के लिए परिजनों ने अपोलो में ही डेडबॉडी को छोड़ दिया, उसके बाद परिजन नवजात का पोस्टमार्टम करवाने के लिए डेड बॉडी लेने गए तो उन्हें इस द्वारका सोसाइटी का एड्रेस दे दिया गया कि वहां से डेडबॉडी ले लीजिए. जबकि द्वारका ये क्लिनिक केवल एक गाइनोक्लोजिस्ट की है. आखिरकार बच्चे का शव यहां कैसे पहुंचा? यही संशय का विषय है.

Intro:लोकेशन--पश्चिमी दिल्ली/द्वारका
स्लग--सोसाइटी में हंगामा
रिपोर्ट--ओपी शुक्ला

पश्चिमी दिल्ली के द्वारका सेक्टर 12 स्थित डीडीए फ्लेट पॉकेट 7 सोसाइटी में देर रात उसवक्त सोसाइटी के लोगों ने जम कर हंगामा किया जब सोसाइटी के एक फ्लैट में रहने वाले डॉक्टर द्वारा उसी फ्लेट में चलाये जा रहे किलिनीक से एक 8 महीने के नवजात शिशु का शव मिला जिसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी जहां मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगो को शांत करवाया और डॉक्टर व उसके साथ कि महिला को पुलिस स्टेसन ले गई फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है


Body:पश्चिम दिल्ली के द्वारका सेक्टर 12 में स्थित dda फ्लैट पॉकेट सात सोसाइटी में लोगों ने उस वक्त हंगामा शुरू कर दिया जब सोसाइटी में ही रहने वाले डॉक्टर के घर पर चलाए जा रहे क्लीनिक से एक 8 महीने की नवजात शिशु का शव मिलने का मामला सामने आया इसके बाद मामले की सूचना सोसाइटी के लोगों ने पुलिस को भी दी दरअसल सोसाइटी में रहने वाले लोगों का आरोप है कि शनिवार सुबह कुछ लोग सोसाइटी के गार्ड से पता पूछते हुए डॉक्टर के क्लीनिक पर पहुंचे जहां क्लीनिक से एक बच्चे में शव को लेकर जाने लगे जिसके बाद गार्ड ने सोसाइटी के rwa के लोगों को सूचना दी जहां मौके पर पहुंचे लोगों ने बच्चे के शव को ले जा रहे लोगों से पूछताछ की जहां उन्हें पता चला कि वह लोग बच्चे के परिजन है यहां 3 दिन पहले एक निजी हॉस्पिटल में महिला ने बच्चे को जन्म दिया था जिसके बाद अचानक बच्चे की मौत हो गई वही पीड़ित परिवार ने बच्ची के शव का पोस्टमार्टम करवाकर जांच करवानी की बात कही थी लेकिन हॉस्पिटल प्रशासन जब कोई कारवाई नहीं की तो परिजनों ने बच्ची के शव को वापिस मांगा जहां हॉस्पिटल द्वारा पॉकेट सात द्वारका के फ्लैट का नंबर दिया गया और यहां से बच्चे का शव उनको मिला ऐसे में सोसाइटी में रहने वाले लोगों को शक होने पर उन्हों पुलिस को सूचना दी जहां कोई मौके पर पहुंची पुलिस ने खानापूर्ती करके डॉक्टर और उसके साथ की महिला को पूछताछ के बाद छोड़ दिया ऐसे में देरशाम दोबारा सोसाइटी में लौटने पर सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने डाक्टर और उसके साथ रहने वाली महिला का जमकर विरोध किया वही सोसाइटी के लोगों का कहना है कि सोसाइटी में रहने वाले डॉक्टर के साथ में रहने वाली महिला भी खुद को डॉक्टर बता रही थी जिसने यह स्वीकार किया कि बच्चे का शव पिछले 3 दिनों से उसी महिला के पास सोसाइटी के अंदर बनाए गए क्लीनिक में ही था हालांकि सोसाइटी के लोगों द्वारा हंगामा किए जाने पर दोबारा पुलिस आई और डॉटर व उसके साथ रहने वाली महिला को पुलिस स्टेशन ले गई


Conclusion:फ़िलहाल पुलिस कई पहलुओं से मामले की जांच कर रही है वहीं पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी हॉस्पिटल के शव ग्रह में रखवा दिया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है
Last Updated : Mar 24, 2019, 1:47 PM IST
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