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डाबड़ी छठ घाट: तैयारियां पूरी, 30-35 हजार भक्तों के आने की उम्मीद

दिल्ली में सबसे पुराने और सबसे बड़े कृत्रिम छठ घाटों में से एक है डाबड़ी छठ घाट. जिसे लगभग 20 से 25 साल पहले बनाया गया था. पहले सीतापुर नाले के कारण लोग बांस का पुल बनाकर पूजा करने जाते थे.

कृत्रिम छठ घाट
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Published : Oct 30, 2019, 11:37 PM IST

नई दिल्ली: उपनगरी द्वारका के डाबड़ी में लगभग 20 से 25 साल पहले बना डाबड़ी छठ घाट, द्वारका का सबसे बड़ा छठ घाट है. जहां जाने के लिए पहले नाला पार करना पड़ता था. अनेक कठिनाइयों के बाद भी लोग इस घाट पर छठ मनाने आते थे.

सबसे पुराना कृत्रिम छठ घाट

सबसे पुराने कृत्रिम छठ घाटों में से एक घाट
द्वारका में छठ घाट का निर्माण करने वाले कांग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने बताया कि दिल्ली में सबसे पुराने और सबसे बड़े कृत्रिम छठ घाटों में से एक है डाबड़ी छठ घाट. जिसे लगभग 20 से 25 साल पहले बनाया गया था. इसके बाद सागरपुर, शिव मंदिर और मंगलापुरी आदि में छठ घाट का निर्माण हुआ.

'बांस का पुल बनाकर पूजा करने आते थे'
महाबल मिश्रा ने बताया कि पहले सीतापुर नाले के कारण लोग बांस का पुल बनाकर पूजा करने जाते थे. लेकिन आज छठ मैया की कृपा से ही आज नाले पर पक्का पुल बन गया है. यहां 30 से 35 हजार लोगों छठ पूजा मनाने आते है.

जल्द पूरी होंगी छठ पूजा की तैयारी
साथ ही यहां घाट को आकर्षक लाइटिंग से भी सजाया जाता है. भोजपुरी और मिथिला के गीतकारों को भी छठ के गीत गाने के लिए बुलाया जाता है.इस घाट पर छठ पूजा की तैयारी भी काफी जोरों शोरों से चल रही है, जोकि 1 तारीक तक पूरी हो जाएगी.

नई दिल्ली: उपनगरी द्वारका के डाबड़ी में लगभग 20 से 25 साल पहले बना डाबड़ी छठ घाट, द्वारका का सबसे बड़ा छठ घाट है. जहां जाने के लिए पहले नाला पार करना पड़ता था. अनेक कठिनाइयों के बाद भी लोग इस घाट पर छठ मनाने आते थे.

सबसे पुराना कृत्रिम छठ घाट

सबसे पुराने कृत्रिम छठ घाटों में से एक घाट
द्वारका में छठ घाट का निर्माण करने वाले कांग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने बताया कि दिल्ली में सबसे पुराने और सबसे बड़े कृत्रिम छठ घाटों में से एक है डाबड़ी छठ घाट. जिसे लगभग 20 से 25 साल पहले बनाया गया था. इसके बाद सागरपुर, शिव मंदिर और मंगलापुरी आदि में छठ घाट का निर्माण हुआ.

'बांस का पुल बनाकर पूजा करने आते थे'
महाबल मिश्रा ने बताया कि पहले सीतापुर नाले के कारण लोग बांस का पुल बनाकर पूजा करने जाते थे. लेकिन आज छठ मैया की कृपा से ही आज नाले पर पक्का पुल बन गया है. यहां 30 से 35 हजार लोगों छठ पूजा मनाने आते है.

जल्द पूरी होंगी छठ पूजा की तैयारी
साथ ही यहां घाट को आकर्षक लाइटिंग से भी सजाया जाता है. भोजपुरी और मिथिला के गीतकारों को भी छठ के गीत गाने के लिए बुलाया जाता है.इस घाट पर छठ पूजा की तैयारी भी काफी जोरों शोरों से चल रही है, जोकि 1 तारीक तक पूरी हो जाएगी.

Intro:उपनगरी द्वारका के डाबड़ी में लगभग 20 से 25 साल पहले बना डाबड़ी छठ घाट, द्वारका का सबसे बड़ा छठ घाट है. जहां जाने के लिए पहले नाला पार करना पड़ता था. अनेक कठिनाइयों के बाद भी लोग इस घाट पर छठ मनाने आते थे.


Body:द्वारका में छठ घाट का निर्माण करने वाले कांग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने बताया कि दिल्ली में सबसे पुराने और सबसे बड़े कृत्रिम छठ घाटों में से एक है डाबड़ी छठ घाट. जिसे लगभग 20 से 25 साल पहले बनाया गया था. इसके बाद सागरपुर, शिव मंदिर और मंगलापुरी आदि में छठ घाट का निर्माण हुआ. महाबल मिश्रा ने बताया कि पहले सीतापुर नाले के कारण लोग बांस का पुल बनाकर पूजा करने जाते थे. लेकिन आज छठ मैया की कृपा से ही आज नाले पर पक्का पुल बन गया है. और आज यहां 30 से 35 हजार लोगों छठ पूजा मनाने आते है. साथ ही आज यहां घाट को आकर्षक लाइटिंग द्वारा भी सजाया जाता है. भोजपुरी और मिथिला के गीतकरो को भी छठ के गीत गाने के लिए बुलाया जाता है.


Conclusion:इस घाट पर छठ पूजा की तैयारी भी काफी जोरों शोरो से चल रही है, जोकि 1 तारीक तक पूरी हो जाएगी.

बाईट--- महाबल मिश्रा (पूर्व सांसद, कांग्रेस)
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