नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान राष्ट्रवादी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अधिवक्ता अनिल भारती अपने इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. अनिल भारती ने पिछले 15 साल से चल रहे स्वाथ्य बीमा को रिन्यू नहीं करवाया, जिसका खामियाजा उन्हें अब भुगतना पड़ रहा है.
नहीं मिला कोई जवाब
चुनाव के समय केजरीवाल ने दिल्ली में एडवोकेट वेलफेयर स्किम के तहत अधिवक्ताओं को परिवार सहित पांच लाख का मेडिकल और 10 लाख का लाइफ इंश्योरेंस देने की घोषणा की थी. अनिल भारती का कहना है कि सरकार के निर्देशानुसार 21 मार्च 2020 को उन्होंने इस स्कीम के तहत आवेदन किया. जिसके बाद उन्हें दिल्ली सरकार के मंत्री दफ्तर से जवाब भी मिल चुका है.
26 मई को खराब हुई थी तबीयत
इसके बाद उन्होंने अन्य औचारिकताएं पूरी करने के लिए कई बार मैसेज, ट्विटर एवं फोन के जरिए संपर्क किया लेकिन केजरीवाल सरकार ने इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. कोरोना के दौरान लॉकडाउन में अचानक 26 मई की देर रात अनिल भारती की तबीयत ज्यादा बिगड़ जाने के कारण वाट्सअप मैसेज और ट्वीटर के माध्यम से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कानून मंत्री कैलाश गहलोत और स्वास्थय मंत्री सतेंद्र जैन को सूचना दी गई लेकिन सब बेकार साबित हुआ.
निजी अस्पताल में इलाज करवाने को मजबूर
किसी भी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलने के बाद वह एक निजी अस्पताल में इलाज कराने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि स्वाथ्य बीमा को रिन्यूवल नहीं कराने के कारण निजी अस्पताल जाने के अलावा इस स्थिति में कोई उपाय नहीं दिख रहा है. ऐसे में दिल्ली सरकार की लापरवाही से अनिल भारती अभी इलाज के लिए मोहताज होने के साथ दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं.