नई दिल्ली : दिल्ली मजलिस (एआईएमआईएम) ने दिल्ली नगर निगम चुनाव नतीजों को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में पार्टी इकाइयों के पुनर्गठन का फैसला किया गया है. दिल्ली मजलिस (एआईएमआईएम ) के प्रदेश अध्यक्ष कलीमुल हफीज ने सभी इकाइयों को भंग कर दिया है. पार्टी कार्यालय में कई घंटों तक समीक्षा बैठक चली. इसमें दिल्ली में पार्टी की संभावनाओं और पार्टी को जनता के बीच ले जाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई. एमसीडी चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर भी चर्चा की गई, जिसके बाद पार्टी की सभी मौजूदा इकाइयों को भंग कर दिल्ली में विधानसभा और वार्ड स्तर का पुनर्गठन का निर्णय लिया गया.
मजलिस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वार्ड और विधानसभा स्तर पर काम करने वाली मौजूदा इकाइयों को भंग किया जा रहा है, लेकिन पार्टी के पुनर्गठन की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है. राजीव रियाज़ को संगठन सचिव की जिम्मेदारी दी गई है. जबकि शादाब इलियास और सरताज अली संयुक्त सचिव संगठन के रूप में काम करेंगे. हमने दिल्ली को तीन जोन में विभाजित कर संगठन के लिए तीन प्रभारी बनाए हैं. एड. रुखसार अहमद, एनडीएमसी प्रभारी - अकील कुरैशी, प्रभारी एसडीएमसी - सैयद अनवर इकबाल नकवी होंगे. जबकि शाह आलम सिद्दीकी महासचिव होंगे. इन पदाधिकारियों को 15 दिनों के अंदर विधानसभा और वार्ड स्तर पर पार्टी इकाइयों के गठन पर काम करने का निर्देश दिया गया है.
कलीमुल हफीज ने कहा कि जिस तरह जनता ने निगम चुनाव में पार्टी को समर्थन दिया है, उससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल काफी ऊंचा है. केवल 15 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद हम मुस्तफाबाद सीट पर 8339 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. बुर्जपुरी में 7516 वोट, जाकिर नगर में 6565 वोट, अबुल फजल में 5173 वोट और जगतपुरी में 4249 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे, श्री राम कॉलोनी में 5511 और सीलमपुर में 3279 वोट हासिल करने में कामयाब रहे.
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उन्होंने कहा कि तीन विधानसभा सीटों पर मजलिस के अभियान की सफलता से बीजेपी की बी टीम आप का सफाया हो गया. हमने परिणामों को प्रभावित किया है. भविष्य में हम बेहतर नतीजों के लिए काम करेंगे और मजलिस पिछड़ों दलितों मुसलमानों के राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों के लिए आवाज उठाना और काम करना जारी रखेगी. एमसीडी चुनाव में एआईएमआईएम ने मुस्लिम बहुल 15 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उसको किसी सीट पर सफलता नहीं मिली, लेकिन कई सीटों पर उसे अच्छी खासी वोट मिली थी.
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