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Advocate murder case: वारदात के 130 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली - वारदात के 123 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली

दिल्ली के द्वारका में शनिवार शाम लगभग सवा 4 बजे एक एडवोकेट की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. दोनो आरोपियों की पहचान CCTV फुटेज से हो चुकी है. लेकिन घटना के पांच दिन बाद भी बदमाश पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

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Published : Apr 6, 2023, 8:05 PM IST

नई दिल्ली: द्वारका उपनगरी में शनिवार शाम एडवोकेट की गोली मारकर हत्या के मामले में 130 घंटे बीतने के बावजूद अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस एक भी आरोपी को नहीं पकड़ सकी है. दिल्ली से हरियाणा व राजस्थान में दर्जनों स्थानों पर द्वारका जिले के स्पेशल स्टाफ एटीएस की टीम रेड कर चुकी है, लेकिन बदमाश "तू डाल-डाल, मैं पात-पात" वाली कहावत चरितार्थ करते हुए नजर आ रहे हैं. पुलिस की रेड पड़ने से पहले ही वे अपने ठिकाने से फरार हो जाते हैं. हालांकि डीसीपी द्वारका एम हर्षवर्धन का कहना है कि फरार बदमाश लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे हैं लेकिन जल्दी ही दोनों को गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाएगा.

वहीं दूसरी तरफ सोमवार से लेकर आज गुरुवार तक एडवोकेट वीरेंद्र कुमार की हत्या के विरोध में द्वारका और दूसरे जिले में वकील स्ट्राइक पर रहे और कोर्ट में काम काज नहीं किया. वकीलों ने शनिवार देर शाम ही यह घोषणा कर दी थी कि इस सनसनीखेज वारदात के विरोध में वकील कामकाज बंद करके अपना विरोध जताएंगे.

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गौरतलब है कि द्वारका उपनगरी में शनिवार शाम लगभग सवा 4 बजे एक एडवोकेट की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. दोनो आरोपियों की पहचान CCTV फुटेज से हो चुकी है. दोनों हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी रह चुके हैं. वारदात के बाद से ही दोनों लगातार लोकेशन बदल कर फरार चल रहे हैं. द्वारका डीसीपी ने जिले के पूरे ऑपरेशन सेल की टीम को हत्यारों को पकड़ने में लगा दिया है. जिसमें स्पेशल स्टाफ, AATS, जेल बेल, नारकोटिक्स सेल सहित कई टीमें लगी हुई हैं. इसके अलावा अपने स्तर पर स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की टीम भी इस सनसनीखेज मामले को लेकर अपने सोर्स, टेक्निकल सर्विलांस और लोकल इंटेलिजेंस की मदद से मर्डर के आरोपियों तक पहुंचने में लगी हुई है.

पटियाला हाउस कोर्ट के एडवोकेट रहे वीरेंद्र कुमार की द्वारका सेक्टर-1 में मणिपाल हॉस्पिटल के सामने कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. घटना के वक्त वह अपनी गाड़ी को खुद ड्राइव करते हुए जा रहे थे. पहले से घात लगाए बाइक सवार बदमाशों ने उनको नजदीक से कई गोली मारी थी. वीरेंद्र पर 6 साल पहले भी रोहिणी कोर्ट के बाहर हमला हुआ था, जिसमें वह बाल बाल बच गए थे लेकिन इनका ड्राइवर घायल हो गया था. पुलिस ने उस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था. फिर वीरेंद्र को पुलिस की सुरक्षा भी मिल गई थी, लेकिन कोविड के दौरान सुरक्षा समीक्षा के बाद इनकी सुरक्षा को हटा लिया गया था.

द्वारका जिला पुलिस को उम्मीद है कि आरोपी ज्यादा दिन तक भाग नहीं पाएंगे, क्योंकि उनकी पहचान हो चुकी है. पुलिस को उनके बारे में पूरी जानकारी मिल चुकी है. पुलिस की कई टीमें टेक्निकल सर्विलांस की मदद से उनके पीछे लगी हुई हैं.

ये भी पढ़ें: Threat: PM मोदी और CM योगी को धमकी देने वाले युवक की हुई पहचान, जानिए क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली: द्वारका उपनगरी में शनिवार शाम एडवोकेट की गोली मारकर हत्या के मामले में 130 घंटे बीतने के बावजूद अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस एक भी आरोपी को नहीं पकड़ सकी है. दिल्ली से हरियाणा व राजस्थान में दर्जनों स्थानों पर द्वारका जिले के स्पेशल स्टाफ एटीएस की टीम रेड कर चुकी है, लेकिन बदमाश "तू डाल-डाल, मैं पात-पात" वाली कहावत चरितार्थ करते हुए नजर आ रहे हैं. पुलिस की रेड पड़ने से पहले ही वे अपने ठिकाने से फरार हो जाते हैं. हालांकि डीसीपी द्वारका एम हर्षवर्धन का कहना है कि फरार बदमाश लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे हैं लेकिन जल्दी ही दोनों को गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाएगा.

वहीं दूसरी तरफ सोमवार से लेकर आज गुरुवार तक एडवोकेट वीरेंद्र कुमार की हत्या के विरोध में द्वारका और दूसरे जिले में वकील स्ट्राइक पर रहे और कोर्ट में काम काज नहीं किया. वकीलों ने शनिवार देर शाम ही यह घोषणा कर दी थी कि इस सनसनीखेज वारदात के विरोध में वकील कामकाज बंद करके अपना विरोध जताएंगे.

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गौरतलब है कि द्वारका उपनगरी में शनिवार शाम लगभग सवा 4 बजे एक एडवोकेट की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. दोनो आरोपियों की पहचान CCTV फुटेज से हो चुकी है. दोनों हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी रह चुके हैं. वारदात के बाद से ही दोनों लगातार लोकेशन बदल कर फरार चल रहे हैं. द्वारका डीसीपी ने जिले के पूरे ऑपरेशन सेल की टीम को हत्यारों को पकड़ने में लगा दिया है. जिसमें स्पेशल स्टाफ, AATS, जेल बेल, नारकोटिक्स सेल सहित कई टीमें लगी हुई हैं. इसके अलावा अपने स्तर पर स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की टीम भी इस सनसनीखेज मामले को लेकर अपने सोर्स, टेक्निकल सर्विलांस और लोकल इंटेलिजेंस की मदद से मर्डर के आरोपियों तक पहुंचने में लगी हुई है.

पटियाला हाउस कोर्ट के एडवोकेट रहे वीरेंद्र कुमार की द्वारका सेक्टर-1 में मणिपाल हॉस्पिटल के सामने कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. घटना के वक्त वह अपनी गाड़ी को खुद ड्राइव करते हुए जा रहे थे. पहले से घात लगाए बाइक सवार बदमाशों ने उनको नजदीक से कई गोली मारी थी. वीरेंद्र पर 6 साल पहले भी रोहिणी कोर्ट के बाहर हमला हुआ था, जिसमें वह बाल बाल बच गए थे लेकिन इनका ड्राइवर घायल हो गया था. पुलिस ने उस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था. फिर वीरेंद्र को पुलिस की सुरक्षा भी मिल गई थी, लेकिन कोविड के दौरान सुरक्षा समीक्षा के बाद इनकी सुरक्षा को हटा लिया गया था.

द्वारका जिला पुलिस को उम्मीद है कि आरोपी ज्यादा दिन तक भाग नहीं पाएंगे, क्योंकि उनकी पहचान हो चुकी है. पुलिस को उनके बारे में पूरी जानकारी मिल चुकी है. पुलिस की कई टीमें टेक्निकल सर्विलांस की मदद से उनके पीछे लगी हुई हैं.

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