नई दिल्ली: साउथ वेस्ट दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने लूट के मामले में एक आरोपी को बरी कर दिया है. लूट 2017 में हुई थी. आरोपियों की ओर से केस लड़ने वाले वकील ऋषि कुमार ने बताया कि पीड़ित ने अपने बयान में पुलिस को बताया था कि उसके पास से 2200 रुपये छीने गए थे, जबकि पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में 90 रुपये का वर्णन किया था. बहस के दौरान पीड़ित अपने बयान से बिल्कुल पलट गया. उसने कोर्ट में कहा कि वो रात्रि 2 बजे कहीं जा रहा था और घटना वाले समय उसके पास सिर्फ 100 रुपये थे.
क्या था मामलाः 2017 के लूट से जुड़े मामले में आरोपी को बरी कर दिया गया. मामले में घटना वाले दिन पीड़ित राशिद शाम 5 बजे आउटर रिंग रोड से विकास पूरी किसी काम से जा रहा था. रास्ते में उसे शावेज खान व उसके साथी संदीप कुमार और दलजीत सिंह मिले. इन तीनों ने मिलकर पीड़ित से जमकर मारपीट की और उसके पास मौजूद सैमसंग मोबाइल व कुछ रुपये छीन लिए थे. पीड़ित द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज करने पर आईपीसी की धारा 392/411/34 के तहत मामला दर्ज किया गया था. 22 दिसंबर 2017 को दिल्ली की द्वारका कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया गया था, जहां आरोपियों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा व बेबुनियाद बताकर केस लड़ने की मांग की थी. पीड़ित ने अपनी गवाही में दोनों आरोपियों की पहचान की थी.
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क्यों किया गया बरीः मामले की पड़ताल के दौरान कोई भी गवाह नहीं मिल पाया. किसी का कोई बयान पुलिस द्वारा रिकॉर्ड पर भी नहीं लाया गया. पीड़ित द्वारा कोई भी स्वतंत्र गवाह कोर्ट के सामने पेश नहीं किया था, जो वारदात का वर्णन कर सके. पीड़ित के साथ मारपीट को सिद्ध करने के भी कोई कागजात पेश नहीं किए जा सके. कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद ये फैसला किया कि आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नही पाया गया इसलिए सभी आरोपियों को आईपीसी की धारा 392/411/34 के आरोपो से बरी कर दिया जाए.
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