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PCR बनी बजरंगी भाईजान, तीन गुम हुए बच्चों को पहुंचाया घर

PCR टीम ने 3 गुमशुदा बच्चों को फिल्म बंजरगी भाई जान की तर्ज पर उनके परिजनों से मिलाया है. पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर पूरे क्षेत्र में प्रशंसा की जा रही है.

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Published : May 5, 2023, 1:47 PM IST

नई दिल्ली: पीसीआर की टीम ने बजरंगी भाईजान बनकर कोतवाली इलाके में गुम हुए तीन बच्चों को गली-गली घूमकर उनके परिजनों को सुपुर्द किया है. अपनी संतान को पाकर परिजनों की खुशियां वापस लौट आई है. बच्चों की उम्र 3, 5 और 8 साल है. ये घर से एक साथ निकलकर भटकते-भटकते शांतिवन चौक के पास पहुंच गए थे. बच्चे अपने नाम के अलावा और कुछ भी नहीं बता पा रहे थे.

डीसीपी पीसीआर आनंद मिश्रा ने बताया कि इसमें पीसीआर को कोई कॉल नहीं मिली थी. शांति वन ट्रैफिक सिग्नल के पास सहायक सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल ड्यूटी पर तैनात थे, तभी उनकी नजर 3 छोटे-छोटे बच्चों पर पड़ी, जो घबराए हुए थे और इधर-उधर देख रहे थे. जिसके बाद तुरंत पीसीआर की टीम ने ट्रैफिक के बीच जा रहे बच्चों को रोका और सड़क किनारे किया और पूछने पर उन्होंने अपना सिर्फ नाम बताया, लेकिन यह अपने पेरेंट्स के बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे थे.

ये भी पढ़ें: Wrestlers Protest: हंगामे के बाद पहलवानों की कैसी गुजरी गुरुवार की रात? राकेश टिकैत भी जंतर-मंतर पहुंचे

पीसीआर ने गाड़ी में बिठाकर पेरेंट्स को ढूंढना शुरू किया और आसपास जानकारी फैलाने के लिए अनाउंसमेंट करना शुरू किया. जब पीसीआर की गाड़ी गली में घूम रही थी, तो उसी दौरान जो 8 साल की बच्ची थी उसने इशारा किया कि इस गली में स्कूल के साथ रहती है. पुलिस उस स्कूल पर पहुंची तो उन्होंने तीनों बच्चे में से किसी के भी यहां पढ़ने से इनकार किया, लेकिन कहा कि दूसरे स्कूल में शायद पढ़ते होंगे. जिसके बाद जब पुलिस दूसरी जगह पहुंची, तो वहां रहने वाले लोगों ने बच्चों की पहचान कर ली. उसके बाद तीनों बच्चों को कोतवाली पुलिस की उपस्थिति में उनके परिवार वालों को सुपुर्द कर दिया.

ये भी पढ़ें: जंतर मंतर पर पहलवानों और पुलिस की झड़प के बाद आरोप प्रत्यारोप शुरू, पहलवानों ने दी पुरस्कार लौटाने की धमकी

नई दिल्ली: पीसीआर की टीम ने बजरंगी भाईजान बनकर कोतवाली इलाके में गुम हुए तीन बच्चों को गली-गली घूमकर उनके परिजनों को सुपुर्द किया है. अपनी संतान को पाकर परिजनों की खुशियां वापस लौट आई है. बच्चों की उम्र 3, 5 और 8 साल है. ये घर से एक साथ निकलकर भटकते-भटकते शांतिवन चौक के पास पहुंच गए थे. बच्चे अपने नाम के अलावा और कुछ भी नहीं बता पा रहे थे.

डीसीपी पीसीआर आनंद मिश्रा ने बताया कि इसमें पीसीआर को कोई कॉल नहीं मिली थी. शांति वन ट्रैफिक सिग्नल के पास सहायक सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल ड्यूटी पर तैनात थे, तभी उनकी नजर 3 छोटे-छोटे बच्चों पर पड़ी, जो घबराए हुए थे और इधर-उधर देख रहे थे. जिसके बाद तुरंत पीसीआर की टीम ने ट्रैफिक के बीच जा रहे बच्चों को रोका और सड़क किनारे किया और पूछने पर उन्होंने अपना सिर्फ नाम बताया, लेकिन यह अपने पेरेंट्स के बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे थे.

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पीसीआर ने गाड़ी में बिठाकर पेरेंट्स को ढूंढना शुरू किया और आसपास जानकारी फैलाने के लिए अनाउंसमेंट करना शुरू किया. जब पीसीआर की गाड़ी गली में घूम रही थी, तो उसी दौरान जो 8 साल की बच्ची थी उसने इशारा किया कि इस गली में स्कूल के साथ रहती है. पुलिस उस स्कूल पर पहुंची तो उन्होंने तीनों बच्चे में से किसी के भी यहां पढ़ने से इनकार किया, लेकिन कहा कि दूसरे स्कूल में शायद पढ़ते होंगे. जिसके बाद जब पुलिस दूसरी जगह पहुंची, तो वहां रहने वाले लोगों ने बच्चों की पहचान कर ली. उसके बाद तीनों बच्चों को कोतवाली पुलिस की उपस्थिति में उनके परिवार वालों को सुपुर्द कर दिया.

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