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दिल्ली एम्स की दवाई, राशन से लेकर सेवाओं तक की होगी रैंडम जांच, करप्शन रोकने के लिए 10 सदस्यीय कमेटी बनेगी

दिल्ली एम्स ने दवाई, राशन और ग्रॉसरी की जांच के लिए 10 सदस्यीय कमेटी बनाने का फैसला किया है. कमेटी हर महीने जांच करेगी. ताकि लोगों को विश्व स्तरीय सुविधा दी जा सके. Sample evaluation committee will be formed in Delhi AIIMS

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 26, 2023, 5:52 PM IST

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली ने करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए रेंडम आधार पर सैंपल इवैल्यूएशन कमेटी बनाने का निर्णय लिया है. कमेटी की प्रमुख जिम्मेदारी एम्स में सप्लाई होने वाली दवाई से लेकर राशन और ग्रॉसरी तक के सैंपल की जांच करना और उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करनी होगी.

इस पहल के तहत निष्पक्ष रूप से काम करने के लिए 10 सदस्यों की कमेटी का गठन होगा, जिसमें एम्स में काम करने वाले फैकेल्टी, एसोसिएट प्रोफेसर एडिशनल प्रोफेसर और प्रोफेसर के अलावा साइंटिस्ट नर्सिंग स्टाफ, सुपरीटेंडेंट, डिप्टी नर्सिंग सुपरीटेंडेंट और असिस्टेंट नर्सिंग सुपरीटेंडेंट शामिल होंगे. रेंडम ड्रा ऑफ लॉट्स के माध्यम से साल में एक बार कमेटी के सदस्यों का चयन किया जाएगा, जो पूरे साल भर अपने कार्य का निष्पक्षता से निष्पादन करेंगे. कमेटी का चयन फैकल्टी सेल के प्रोफेसर इंचार्ज और रिक्रूटमेंट सेल के प्रोफेसर इंचार्ज करेंगे.

यह भी पढ़ेंः सैंपल और जांच रिपोर्ट के लिए मरीजों को नहीं जाना होगा शैक्षणिक ब्लॉक, ओपीडी में ही होगी सैंपल और रिपोर्ट कलेक्शन

जांच की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्रॉफी होगीः एक बार कमेटी का चयन होने के बाद प्रोक्योरमेंट डिपार्टमेंट के प्रोफेसर इंचार्ज चुने गए 10 सदस्यों के साथ मिलकर तीन सदस्यों का चयन करेंगे. यह तीन सदस्य एम्स में सप्लाई होने वाली हर चीज की रैंडम जांच करेंगे. जहां भी आवश्यकता होगी वहां उचित कार्रवाई भी करेंगे. यह जांच प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी हो, इसके लिए जांच की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्रॉफी कराई जाएगी.

"एम्स की इस नई पहल से कार्य प्रणाली को लेकर और भी प्रदर्शित आएगी और भ्रष्टाचार के मामले नगण्य हो जाएंगे. मेडिकल छात्रा से लेकर मरीज तक सबको सर्वोत्तम सेवा उपलब्ध हो पाएगा." - प्रोफेसर रीमा दादा, एम्स की प्रमुख प्रवक्ता

सभी मानकों पर एम्स को विश्वस्तरीय बनाने की पहलः एम्स के डायरेक्टर प्रोफेसर एम श्रीनिवास ने बताया कि वह संस्थान में सेवाओं की गुणवत्ता को विश्व स्तरीय बनाना चाहते हैं. इसके लिए जरूरी है कि समय-समय पर सेवाओं और सुविधाओं की निष्पक्ष जांच होती रहे. इसीलिए सैंपल इवैल्यूएशन कमेटी का गठन किया जा रहा है. इससे एम्स के सप्लाई चैन में पारदर्शिता आएगी और हर व्यक्ति की एक जिम्मेदारी तय होगी.

एम्स के सदस्य ही इस पूरी प्रक्रिया में शामिल होंगे और जांच प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए जिम्मेदार होंगे. हम चाहते हैं कि एम्स की जो प्रतिष्ठा विश्व स्तर पर हेल्थ केयर और रिसर्च के क्षेत्र में है, वह बरकरार रहनी चाहिए.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली एम्स के डॉक्टर ने विकसित की नई तकनीक, बीमारी को शुरुआती स्टेज में ठीक किया जा सकता है

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली ने करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए रेंडम आधार पर सैंपल इवैल्यूएशन कमेटी बनाने का निर्णय लिया है. कमेटी की प्रमुख जिम्मेदारी एम्स में सप्लाई होने वाली दवाई से लेकर राशन और ग्रॉसरी तक के सैंपल की जांच करना और उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करनी होगी.

इस पहल के तहत निष्पक्ष रूप से काम करने के लिए 10 सदस्यों की कमेटी का गठन होगा, जिसमें एम्स में काम करने वाले फैकेल्टी, एसोसिएट प्रोफेसर एडिशनल प्रोफेसर और प्रोफेसर के अलावा साइंटिस्ट नर्सिंग स्टाफ, सुपरीटेंडेंट, डिप्टी नर्सिंग सुपरीटेंडेंट और असिस्टेंट नर्सिंग सुपरीटेंडेंट शामिल होंगे. रेंडम ड्रा ऑफ लॉट्स के माध्यम से साल में एक बार कमेटी के सदस्यों का चयन किया जाएगा, जो पूरे साल भर अपने कार्य का निष्पक्षता से निष्पादन करेंगे. कमेटी का चयन फैकल्टी सेल के प्रोफेसर इंचार्ज और रिक्रूटमेंट सेल के प्रोफेसर इंचार्ज करेंगे.

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जांच की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्रॉफी होगीः एक बार कमेटी का चयन होने के बाद प्रोक्योरमेंट डिपार्टमेंट के प्रोफेसर इंचार्ज चुने गए 10 सदस्यों के साथ मिलकर तीन सदस्यों का चयन करेंगे. यह तीन सदस्य एम्स में सप्लाई होने वाली हर चीज की रैंडम जांच करेंगे. जहां भी आवश्यकता होगी वहां उचित कार्रवाई भी करेंगे. यह जांच प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी हो, इसके लिए जांच की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्रॉफी कराई जाएगी.

"एम्स की इस नई पहल से कार्य प्रणाली को लेकर और भी प्रदर्शित आएगी और भ्रष्टाचार के मामले नगण्य हो जाएंगे. मेडिकल छात्रा से लेकर मरीज तक सबको सर्वोत्तम सेवा उपलब्ध हो पाएगा." - प्रोफेसर रीमा दादा, एम्स की प्रमुख प्रवक्ता

सभी मानकों पर एम्स को विश्वस्तरीय बनाने की पहलः एम्स के डायरेक्टर प्रोफेसर एम श्रीनिवास ने बताया कि वह संस्थान में सेवाओं की गुणवत्ता को विश्व स्तरीय बनाना चाहते हैं. इसके लिए जरूरी है कि समय-समय पर सेवाओं और सुविधाओं की निष्पक्ष जांच होती रहे. इसीलिए सैंपल इवैल्यूएशन कमेटी का गठन किया जा रहा है. इससे एम्स के सप्लाई चैन में पारदर्शिता आएगी और हर व्यक्ति की एक जिम्मेदारी तय होगी.

एम्स के सदस्य ही इस पूरी प्रक्रिया में शामिल होंगे और जांच प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए जिम्मेदार होंगे. हम चाहते हैं कि एम्स की जो प्रतिष्ठा विश्व स्तर पर हेल्थ केयर और रिसर्च के क्षेत्र में है, वह बरकरार रहनी चाहिए.

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