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फ्रांस में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन, जामिया के प्रोफेसर बशीर खान हुए शामिल - etv bharat

फ्रांस में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के समारोह में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वरिष्ठ फैकेल्टी मेंबर प्रोफेसर फरहद बशीर खान शामिल हुए.

फ्रांस विश्व सांस्कृतिक महोत्सव etv bharat
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Published : Aug 12, 2019, 10:05 PM IST

नई दिल्ली: फ्रांस में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया है. जिसमें लोक भाषा, परंपरागत संगीत और नृत्य की अंतर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं. इस कार्यक्रम में जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फरहत बशीर खान शामिल हुए.

फ्रांस में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन

खास बात यह है कि ए.जे. के मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वरिष्ठ फैकेल्टी मेंबर प्रोफेसर फरहद बशीर खान पहले शिक्षाविद हैं. जो भारत की तरफ से फ्रांस में लोक भाषा, परंपरागत संगीत और नृत्य के अंतर सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य और वक्ता के तौर पर शामिल हुए.

world Cultural Festival held in france jamia professor  farhad baseer khan joined
फ्रांस विश्व सांस्कृतिक महोत्सव में प्रो. फरहद बसीर खान

सांस्कृतिक महोत्सव का हिस्सा था कार्यक्रम
पहली बार आयोजित ये कार्यक्रम फ्रांस के गेनट गांव में हर साल आयोजित होने वाले विश्व सांस्कृतिक महोत्सव' का हिस्सा था. यह महोत्सव विश्व के सबसे बेहतरीन सांस्कृतिक त्योहारों और मेलों में से एक है. इस कार्यक्रम में शामिल होते हुए सभी श्रोताओं को संबोधित करते हुए प्रोफेसर बशीर ने कई भारतीय कला रूपों भाषाओं के योगदान और संस्कृति के साथ मानव जीवन के अंतर संबंधों पर प्रकाश डाला.

'मेरे लिए कार्यक्रम में शामिल होना गर्व की बात'
वहीं अंतरराष्ट्रीय इस प्रोग्राम में शामिल होने पर जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने गर्व महसूस किया. वहीं प्रोफेसर खान ने भी इस प्रोग्राम में शामिल होने पर कहा कि यह वास्तव में उनके लिए गर्व की बात है. नृत्य और कलाओं ने भारतीय संस्कृति की समृद्धि दी है. हमारे प्रत्येक नृत्य रूपों की व्यवस्था को संभाले रखा है और आज वह बेहद प्रसन्न हैं कि वह मंच पर आकर भारत की संस्कृति का विश्व भर में उल्लेख कर रहे हैं.

world Cultural Festival held in france jamia professor  farhad baseer khan joined
प्रो. फरहद बसीर खान

35 हजार अंतरराष्ट्रीय लोग शामिल हुए
बता दें कि इस प्रोग्राम में यूनेस्को खास दिलचस्पी लेता है. यूरोप में सांस्कृतिक संगीत और लोक कथाओं को सुरक्षित रखने के लिए मशहूर विभिन्न संस्थाओं के सदस्य इसमें शामिल होते हैं. इस साल करीब 10 दिवसीय कार्यक्रम में 35 हजार अंतरराष्ट्रीय कलाकारों, संगीतकारों, शिक्षाविदों, कला और संस्कृति के प्रति उत्साहित लोग इसमें शामिल हुए.

नई दिल्ली: फ्रांस में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया है. जिसमें लोक भाषा, परंपरागत संगीत और नृत्य की अंतर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं. इस कार्यक्रम में जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फरहत बशीर खान शामिल हुए.

फ्रांस में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन

खास बात यह है कि ए.जे. के मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वरिष्ठ फैकेल्टी मेंबर प्रोफेसर फरहद बशीर खान पहले शिक्षाविद हैं. जो भारत की तरफ से फ्रांस में लोक भाषा, परंपरागत संगीत और नृत्य के अंतर सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य और वक्ता के तौर पर शामिल हुए.

world Cultural Festival held in france jamia professor  farhad baseer khan joined
फ्रांस विश्व सांस्कृतिक महोत्सव में प्रो. फरहद बसीर खान

सांस्कृतिक महोत्सव का हिस्सा था कार्यक्रम
पहली बार आयोजित ये कार्यक्रम फ्रांस के गेनट गांव में हर साल आयोजित होने वाले विश्व सांस्कृतिक महोत्सव' का हिस्सा था. यह महोत्सव विश्व के सबसे बेहतरीन सांस्कृतिक त्योहारों और मेलों में से एक है. इस कार्यक्रम में शामिल होते हुए सभी श्रोताओं को संबोधित करते हुए प्रोफेसर बशीर ने कई भारतीय कला रूपों भाषाओं के योगदान और संस्कृति के साथ मानव जीवन के अंतर संबंधों पर प्रकाश डाला.

'मेरे लिए कार्यक्रम में शामिल होना गर्व की बात'
वहीं अंतरराष्ट्रीय इस प्रोग्राम में शामिल होने पर जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने गर्व महसूस किया. वहीं प्रोफेसर खान ने भी इस प्रोग्राम में शामिल होने पर कहा कि यह वास्तव में उनके लिए गर्व की बात है. नृत्य और कलाओं ने भारतीय संस्कृति की समृद्धि दी है. हमारे प्रत्येक नृत्य रूपों की व्यवस्था को संभाले रखा है और आज वह बेहद प्रसन्न हैं कि वह मंच पर आकर भारत की संस्कृति का विश्व भर में उल्लेख कर रहे हैं.

world Cultural Festival held in france jamia professor  farhad baseer khan joined
प्रो. फरहद बसीर खान

35 हजार अंतरराष्ट्रीय लोग शामिल हुए
बता दें कि इस प्रोग्राम में यूनेस्को खास दिलचस्पी लेता है. यूरोप में सांस्कृतिक संगीत और लोक कथाओं को सुरक्षित रखने के लिए मशहूर विभिन्न संस्थाओं के सदस्य इसमें शामिल होते हैं. इस साल करीब 10 दिवसीय कार्यक्रम में 35 हजार अंतरराष्ट्रीय कलाकारों, संगीतकारों, शिक्षाविदों, कला और संस्कृति के प्रति उत्साहित लोग इसमें शामिल हुए.

Intro:फ्रांस में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया है जिसमें लोक, भाषा, परंपरागत संगीत और नृत्य की अंतर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई, इस कार्यक्रम में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फरहत बसीर खान शामिल हुए, खास बात यह है कि ए जे के मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर जामिया मिलिया इस्लामिया के वरिष्ठ फैकेल्टी मेंबर प्रोफेसर फरहद बसीर खान पहले शिक्षाविद हैं जो भारत की तरफ से फ्रांस के गेंद में लोक भाषा परंपरागत संगीत और नृत्य के अंतर सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर स्टीयरिंग कमिटी के सदस्य और वक्ता के तौर पर शामिल हुए.


Body:सांस्कृतिक महोत्सव का हिस्सा था कार्यक्रम
पहली बार आयोजित ये कार्यक्रम फ्रांस के गेनट गांव में हर साल आयोजित होने वाले विश्व 'सांस्कृतिक महोत्सव' का हिस्सा था यह महोत्सव विश्व के सबसे बेहतरीन सांस्कृतिक त्योहारों और मेलों में से एक है इस कार्यक्रम में शामिल होते हुए सभी श्रोताओं को संबोधित करते हुए प्रोफेसर बसीर ने कई भारतीय कला रूपों भाषाओं की योगदान और संस्कृति के साथ मानव जीवन की अंतर संबंधों पर प्रकाश डाला.

'मेरे लिए कार्यक्रम में शामिल होना गर्व की बात'
वहीं अंतरराष्ट्रीय इस प्रोग्राम में शामिल होने पर जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने गर्व महसूस किया, वहीं प्रोफेसर खान ने भी इस प्रोग्राम में शामिल होने पर कहा कि यह वास्तव में उनके लिए गर्व की बात है नृत्य और कलाओं ने भारतीय संस्कृति की समृद्धि और हमारे प्रत्येक नृत्य रूपों की व्यवस्था को संभाल रखा है और आज वह बेहद प्रसन्न है कि वह मंच पर आकर भारत की संस्कृति का विश्व भर में उल्लेख कर रहे हैं


Conclusion:आपको बता दें कि इस प्रोग्राम में यूनेस्को खास दिलचस्पी लेता है और यूरोप में सांस्कृतिक संगीत और लोक कथाओं को सुरक्षित रखने के लिए मशहूर विभिन्न संस्थाओं के सदस्य इसमें शामिल होते हैं और इस साल करीब 10 दिवसीय कार्यक्रम में 35 हज़ार अंतरराष्ट्रीय कलाकारों, संगीतकारों, शिक्षाविदो, कला और संस्कृति के प्रति उत्साहित लोग इसमें शामिल हुए.


नोट- कुछ तस्वीरें व्रैप से भेजी हैं वह खबर में लगा लेना
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