नई दिल्ली: दिल्ली के ओखला लैंडफिल साइट के दौरे के दौरान बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कूड़े के हटाने में देरी का कारण दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी का नहीं बन पाना बताया हालांकि मार्च में अरविंद केजरीवाल ने जब ओखला लैंडफिल साइट का दौरा किया था, तब उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा था कि बीते 26 सालों में ओखला लैंडफिल साइट पर कूड़ा जमा हुआ है. यहां पर करीब 60 से 65 लाख मैट्रिक कूड़ा एकत्रित था. जिसको हटाने का काम लगभग 2019 के आसपास से शुरू हुआ था तब से मार्च 2023 तक यहां से 20-25 लाख मैट्रिक टन कूड़ा हटा है. अब यहां 40 से 45 लाख मैट्रिक टन कूड़ा बचा है.
उन्होंने कहा कि बचे हुए कूड़े को हटाने क काम में तेजी लाई जा रही है. इस कूड़े को हटाने का लक्ष्य मई 2024 है, लेकिन हम इसको जोर-जोर से कर दिसंबर 2023 तक हटा लेंगे. जब वह बुधवार को यहां का दौरा करने पहुंचे तो उनके सुर बदले हुए थे. ओखला लैंडफील साइट के कूड़े को हटाने को लेकर कोई साफ डेडलाइन नहीं बता पाएं. उन्होंने घुमा फिरा के बताया कि ओखला लैंडफिल साइट में मार्च में 45 लाख मैट्रिक टन कूड़ा था और अब तक यहां से 18 लाख मैट्रिक टन कूड़ा हटाना था, लेकिन 12 लाख मैट्रिक टन ही कूड़ा अब तक हट पाया. इसका कारण नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी का नहीं बन पाना है. जैसे ही स्टैंडिंग कमेटी बनेंगी हम एक और एजेंसी को हायर करेंगे. दो एजेंसी जब मिलेगी काम करेगी तो कूड़े का निपटारा जल्दी होगा. अगले साल मई तक कूड़ा हटाने की दिशा में हम काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि स्टैंडिंग कमेटी का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
बीते दिल्ली नगर निगम चुनाव में दिल्ली के तीन बड़े कूड़े के लैंडफिल साइट बड़ा मुद्दा बना था. उनमें से एक ओखला लैंडफिल साइट है जिसका दौरा नगर निगम में सरकार बनने के बाद तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मेयर शैली ओबेरॉय ने किया था. उसके बाद मार्च में मुख्यमंत्री और मेयर ने किया था. तब मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि दिसंबर तक कूड़े को हटा लिया जाएगा, लेकिन जब 3 अक्टूबर को उन्होंने दौरा किया तो उनके सुर बदले हुए थे.
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