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स्वाइन फ्लू का कहर: दिल्ली में अब तक 21 मौत, डॉक्टर बोले- रिस्क फैक्टर वाले रहें सावधान

स्वाइन फ्लू से शुरुआती 3 महीनों में दिल्ली में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है. 3500 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं. ये आंकड़े पिछले 9 सालों की तुलना में सबसे अधिक हैं.

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Published : Mar 29, 2019, 4:01 AM IST

स्वाइन फ्लू का कहर: दिल्ली में अब तक 21 मौत, डॉक्टर बोले- रिस्क फैक्टर वाले रहें सावधान

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में स्वाइन फ्लू का कहर लगातार बढ़ रहा है. शुरुआती 3 महीनों में दिल्ली में अब तक 21 लोग इससे अपनी जान गंवा चुके हैं. जबकि 3500 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं.

ये आंकड़े पिछले 9 सालों की तुलना में सबसे अधिक हैं. डॉक्टरों का मानना है कि ये एक सामान्य फ्लू है लेकिन रिस्क फैक्टर वाले लोगों के लिए ये बहुत खतरनाक साबित हो सकता है.

आंकड़ों की मानें तो 2015 में राजधानी में स्वाइन फ्लू के सबसे अधिक 4307 मामले दर्ज किए गए थे. 2010 में इनफेक्टेड लोगों की संख्या 2725 तक सीमित थी.

स्वाइन फ्लू का कहर: दिल्ली में अब तक 21 मौत, डॉक्टर बोले- रिस्क फैक्टर वाले रहें सावधान

इस साल 77 लोगों ने इसके चलते अपनी जान गंवा दी थी. 24 मार्च तक की संख्या पर नजर डालें तो दिल्ली में गई 21 लोगों की जान 2010 के बाद की सबसे ज्यादा संख्या है.

राम मनोहर लोहिया अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अफरोज़ जमाल कहते हैं कि दिल्ली की फिजाओं में इन दिनों स्वाइन फ्लू का वायरस मौजूद है. हालांकि ये बहुत खतरनाक नहीं है, लेकिन छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बूढ़े लोगों को इससे प्रभावित होने की आशंका सबसे अधिक रहती है.

अफरोज कहते हैं कि H1N1 वायरस के चलते यह मुख्यतः फैल रहा है. साथ ही जिन लोगों में इससे लड़ने की शक्ति नहीं होती या जो पहले से किसी और बीमारी से ग्रस्त होते हैं वो इसके शिकार हो जाते हैं.

वो बताते हैं कि इससे बचाव आसान है लेकिन लोग फ्लू के विषय में जानते नहीं हैं. अफरोज की मानें तो दिल्ली में अन्य राज्यों से आने वाले लोग भी अपने साथ वायरस ले आते हैं.

सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की मानें तो फ्लू कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. शुरुआती स्टेज में ही इसकी पहचान कर इलाज कराना चाहिए. उन्होंने बताया कि अमूमन इसके मामले में लोगों को जुखाम और बुखार की शिकायत हो जाती है.

वो कहते हैं कि इसमें लोगों को आराम करने और अच्छा खाने पीने की सलाह दी जाती है. साथ ही इसमें ज्यादा-से-ज्यादा पानी पीने के लिए कहा जाता है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में स्वाइन फ्लू का कहर लगातार बढ़ रहा है. शुरुआती 3 महीनों में दिल्ली में अब तक 21 लोग इससे अपनी जान गंवा चुके हैं. जबकि 3500 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं.

ये आंकड़े पिछले 9 सालों की तुलना में सबसे अधिक हैं. डॉक्टरों का मानना है कि ये एक सामान्य फ्लू है लेकिन रिस्क फैक्टर वाले लोगों के लिए ये बहुत खतरनाक साबित हो सकता है.

आंकड़ों की मानें तो 2015 में राजधानी में स्वाइन फ्लू के सबसे अधिक 4307 मामले दर्ज किए गए थे. 2010 में इनफेक्टेड लोगों की संख्या 2725 तक सीमित थी.

स्वाइन फ्लू का कहर: दिल्ली में अब तक 21 मौत, डॉक्टर बोले- रिस्क फैक्टर वाले रहें सावधान

इस साल 77 लोगों ने इसके चलते अपनी जान गंवा दी थी. 24 मार्च तक की संख्या पर नजर डालें तो दिल्ली में गई 21 लोगों की जान 2010 के बाद की सबसे ज्यादा संख्या है.

राम मनोहर लोहिया अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अफरोज़ जमाल कहते हैं कि दिल्ली की फिजाओं में इन दिनों स्वाइन फ्लू का वायरस मौजूद है. हालांकि ये बहुत खतरनाक नहीं है, लेकिन छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बूढ़े लोगों को इससे प्रभावित होने की आशंका सबसे अधिक रहती है.

अफरोज कहते हैं कि H1N1 वायरस के चलते यह मुख्यतः फैल रहा है. साथ ही जिन लोगों में इससे लड़ने की शक्ति नहीं होती या जो पहले से किसी और बीमारी से ग्रस्त होते हैं वो इसके शिकार हो जाते हैं.

वो बताते हैं कि इससे बचाव आसान है लेकिन लोग फ्लू के विषय में जानते नहीं हैं. अफरोज की मानें तो दिल्ली में अन्य राज्यों से आने वाले लोग भी अपने साथ वायरस ले आते हैं.

सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की मानें तो फ्लू कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. शुरुआती स्टेज में ही इसकी पहचान कर इलाज कराना चाहिए. उन्होंने बताया कि अमूमन इसके मामले में लोगों को जुखाम और बुखार की शिकायत हो जाती है.

वो कहते हैं कि इसमें लोगों को आराम करने और अच्छा खाने पीने की सलाह दी जाती है. साथ ही इसमें ज्यादा-से-ज्यादा पानी पीने के लिए कहा जाता है.

Intro:नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में स्वाइन फ्लू का कहर लगातार बढ़ रहा है. शुरुआती 3 महीनों में दिल्ली में अब तक 21 लोग इससे अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि 3500 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं. ये आंकड़े पिछले 9 सालों की तुलना में सबसे अधिक हैं. डॉक्टरों का मानना है कि ये एक सामान्य फ्लू है लेकिन रिस्क फैक्टर वाले लोगों के लिए ये बहुत खतरनाक साबित हो सकता है.


Body:आंकड़ों की मानें तो 2015 में राजधानी में स्वाइन फ्लू के सबसे अधिक 4307 मामले दर्ज किए गए थे. 2010 में इनफेक्टेड लोगों की संख्या 2725 तक सीमित थी लेकिन इस साल 77 लोगों ने इसके चलते अपनी जान गंवा दी थी. 24 मार्च तक की संख्या पर नजर डालें तो दिल्ली में गई 21 लोगों की जान 2010 के बाद की सबसे ज्यादा संख्या है.

राम मनोहर लोहिया के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अफरोज़ जमाल कहते हैं कि दिल्ली की फिजाओं में इन दिनों स्वाइन फ्लू का वायरस मौजूद है. हालांकि ये बहुत खतरनाक नहीं है, लेकिन छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बूढ़े लोगों को इससे प्रभावित होने की आशंका सबसे अधिक रहती है. खास बात है कि इन्हीं लोगों के लिए यह ज्यादा खतरनाक भी साबित हो जाता है.

अफरोज कहते हैं कि H1N1 वायरस के चलते यह मुख्यतः फैल रहा है. साथ ही जिन लोगों में इससे लड़ने की शक्ति नहीं होती या जो पहले से किसी और बीमारी से ग्रस्त होते हैं वो इसके शिकार हो जाते हैं. वो बताते हैं कि इससे बचाव आसान है लेकिन लोग फ्लू के विषय में जानते नहीं हैं. अफरोज की मानें तो दिल्ली में अन्य राज्यों से आने वाले लोग भी अपने साथ वायरस ले आते हैं.

सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की मानें तो फ्लू कोई बहुत बड़ी बात नहीं है लेकिन शुरुआती स्टेज में ही इसकी पहचान कर इलाज कराना चाहिए. उन्होंने बताया कि अमूमन इसके मामले में लोगों को जुखाम और बुखार की शिकायत हो जाती है. वो कहते हैं कि इसमें लोगों को आराम करने और अच्छा खाने पीने की सलाह दी जाती है. साथ ही इसमें ज्यादा-से-ज्यादा पानी पीने के लिए कहा जाता है.


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