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सुपरटेक बिल्डर से परेशान निवेशक, यमुना प्राधिकरण कार्यालय पर कर रहे हैं धरना प्रदर्शन

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Published : Feb 16, 2023, 9:18 PM IST

ग्रेटर नोएडा में लोग यमुना प्राधिकरण कार्यालय पर सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों की शिकायत है कि इन लोगों ने सुपरटेक बिल्डर्स के प्रोजेक्ट में कई साल पहले निवेश किया था. इसे बाद भी उन्हें ना तो फ्लैट मिल रहा है और ना ही मालिकाना हक मिल रहा है.

सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे निवेशक
सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे निवेशक
सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे निवेशक

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ निवेशक अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. निवेशक यमुना प्राधिकरण कार्यालय पर सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. उनका कहना है कि सुपरटेक बिल्डर्स के प्रोजेक्ट में कई साल पहले निवेश कर दिया. उसके बाद भी उन्हें ना तो पजेशन मिल रहा है और ना ही मालिकाना हक मिल रहा है. इसके साथ ही बेसिक सुविधाओं के अभाव में हो रही परेशानियों के कारण वह बिल्डर के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि यह बिल्डर और निवेशकों का मामला है, इससे प्राधिकरण का कोई हस्तक्षेप नहीं है.

दरअसल, सुपरटेक बिल्डर ने 2012 में अपकंट्री प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, जिसमें लोगों ने निवेश किया और उनको जल्द ही मकान देने का वादा किया गया था. निवेशकों ने बताया कि 2012 से लेकर अब तक वह किश्त के रूप में मोटी रकम बिल्डर को दे चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक फ्लैट नहीं मिले हैं. वहीं कुछ ऐसे भी निवेशक हैं जिनको फ्लैट मिल गए हैं, लेकिन रजिस्ट्री उनके नाम पर नहीं हुई है. उनका कहना है कि बिल्डर को रकम देने के बाद भी बिल्डर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा है.

यमुना प्राधिकरण कार्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरना दे रही निवेशक राधिका ने बताया कि 2012 में सुपरटेक बिल्डर के प्रोजेक्ट में निवेश किया था. तब से लेकर अब तक लगातार वह किस्तों के रूप में बिल्डर को धनराशि देते आ रहे हैं. लेकिन उन्हें अभी तक फ्लैट नहीं मिला है वहीं उनका कहना है कि कई बार बिल्डर और प्राधिकरण से इसकी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन प्राधिकरण और बिल्डर उनकी समस्याओं को सुनने को तैयार नहीं है. इसलिए अब वह प्राधिकरण कार्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: G20 के लिए CEO ने खींचा नोएडा को चमकाने का खाका, ग्रीनरी व लाइटिंग से बढ़ेगी खूबसूरती

वहीं कुछ अन्य निवेशकों ने बताया कि उन्होंने पहले बिल्डर को तय राशि दे दी. उसके बाद बिल्डर ने 64% अतिरिक्त बढ़ी हुई रकम मांगी. वह भी बिल्डर को दे चुके हैं. लेकिन उसके बाद भी बिल्डर ने न तो उनको उनके फ्लैट दिए और जिनको फ्लैट दे चुके हैं उनको उनके नाम से रजिस्ट्री नहीं की गई है. इसी को लेकर वह यमुना प्राधिकरण कार्यालय पर पिछले 1 सप्ताह से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या को ने प्राधिकरण सुन रहा है और ना ही बिल्डर सुन रहा है.

वहीं इस मामले पर यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि यह बिल्डर और निवेशकों का मामला है प्राधिकरण ने बिल्डर को जमीन अलॉट की थी. जिसके बाद बिल्डर ने निवेशकों को उसमें फ्लैट देने के नाम पर निवेश कराया. निवेशकों ने सुपरटेक बिल्डर के प्रोजेक्ट में निवेश किया यह सीधा मामला बिल्डर और निवेशकों का है इसमें प्राधिकरण का कोई हस्तक्षेप नहीं है.

इसे भी पढ़ें: Noida: बिना HSRP नंबर प्लेट वाहनों पर लगेगा जुर्माना, ट्रैफिक पुलिस ने चलाया अभियान

सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे निवेशक

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ निवेशक अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. निवेशक यमुना प्राधिकरण कार्यालय पर सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. उनका कहना है कि सुपरटेक बिल्डर्स के प्रोजेक्ट में कई साल पहले निवेश कर दिया. उसके बाद भी उन्हें ना तो पजेशन मिल रहा है और ना ही मालिकाना हक मिल रहा है. इसके साथ ही बेसिक सुविधाओं के अभाव में हो रही परेशानियों के कारण वह बिल्डर के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि यह बिल्डर और निवेशकों का मामला है, इससे प्राधिकरण का कोई हस्तक्षेप नहीं है.

दरअसल, सुपरटेक बिल्डर ने 2012 में अपकंट्री प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, जिसमें लोगों ने निवेश किया और उनको जल्द ही मकान देने का वादा किया गया था. निवेशकों ने बताया कि 2012 से लेकर अब तक वह किश्त के रूप में मोटी रकम बिल्डर को दे चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक फ्लैट नहीं मिले हैं. वहीं कुछ ऐसे भी निवेशक हैं जिनको फ्लैट मिल गए हैं, लेकिन रजिस्ट्री उनके नाम पर नहीं हुई है. उनका कहना है कि बिल्डर को रकम देने के बाद भी बिल्डर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा है.

यमुना प्राधिकरण कार्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरना दे रही निवेशक राधिका ने बताया कि 2012 में सुपरटेक बिल्डर के प्रोजेक्ट में निवेश किया था. तब से लेकर अब तक लगातार वह किस्तों के रूप में बिल्डर को धनराशि देते आ रहे हैं. लेकिन उन्हें अभी तक फ्लैट नहीं मिला है वहीं उनका कहना है कि कई बार बिल्डर और प्राधिकरण से इसकी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन प्राधिकरण और बिल्डर उनकी समस्याओं को सुनने को तैयार नहीं है. इसलिए अब वह प्राधिकरण कार्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं.

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वहीं कुछ अन्य निवेशकों ने बताया कि उन्होंने पहले बिल्डर को तय राशि दे दी. उसके बाद बिल्डर ने 64% अतिरिक्त बढ़ी हुई रकम मांगी. वह भी बिल्डर को दे चुके हैं. लेकिन उसके बाद भी बिल्डर ने न तो उनको उनके फ्लैट दिए और जिनको फ्लैट दे चुके हैं उनको उनके नाम से रजिस्ट्री नहीं की गई है. इसी को लेकर वह यमुना प्राधिकरण कार्यालय पर पिछले 1 सप्ताह से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या को ने प्राधिकरण सुन रहा है और ना ही बिल्डर सुन रहा है.

वहीं इस मामले पर यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि यह बिल्डर और निवेशकों का मामला है प्राधिकरण ने बिल्डर को जमीन अलॉट की थी. जिसके बाद बिल्डर ने निवेशकों को उसमें फ्लैट देने के नाम पर निवेश कराया. निवेशकों ने सुपरटेक बिल्डर के प्रोजेक्ट में निवेश किया यह सीधा मामला बिल्डर और निवेशकों का है इसमें प्राधिकरण का कोई हस्तक्षेप नहीं है.

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