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इस्कॉन मंदिर के समर कैंप में बच्चों ने सीखा संस्कृत के श्लोक का उच्चारण, जप करना भी सीखा - इस्कॉन मंदिर

इस्कॉन मंदिर द्वारका के ऑनलाइन समर वर्कशॉप में बच्चों ने संस्कृत के श्लोक का उच्चारण करना सीखा. इसमें उनके पेरेंट्स भी शामिल हुए. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

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Published : Jun 29, 2023, 10:28 PM IST

नई दिल्ली: अगर माहौल बच्चों की रुचि के अनुरूप हो तो समर वर्कशॉप में भी बच्चे मेहनत करने से पीछे नहीं रहते हैं. इस्कॉन मंदिर द्वारका के ऑनलाइन समर वर्कशॉप में बच्चों ने बड़े उत्साह से भाग लिया. इसकी एक झलक उनकी प्रशिक्षण प्रस्तुति में गुरुवार शाम वेगास मॉल में देखने को मिली. इस्कॉन द्वारका और वेगास मॉल की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित इस समारोह में बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी शामिल हुए. इस दौरान बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए.

हंसी-खुशी के इस माहौल में अधिकांश माता-पिता ने बच्चों की प्रस्तुति देखने के बाद इस्कॉन की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि इस्कॉन द्वारका जैसे मंच बच्चों के अंदर नैतिक एवं वैदिक शिक्षा की नींव को मजबूत करते हैं. खेल-खेल में ही सही कम से कम हमारे बच्चे श्रीमद्भागवत गीता जैसे वैदिक साहित्य को पढ़ना सीखते हैं. संस्कृत के श्लोकों का उच्चारण करते हैं. बच्चों की यही नींव आगे चलकर उनके संस्कारों को और मजबूती प्रदान करती है.

बच्चों को इस कैंप में अनेक रचनात्मक गतिविधियों से जुड़ने का अवसर मिला. इसमें बच्चों ने हरिनाम संकीर्तन करना, हरे कृष्ण महामंत्र का उच्चारण, जप करना और श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों का उच्चारण करना सीखा. साथ ही भगवान से जुड़ी नैतिक शिक्षाप्रद कथाओं को श्रवण एवं चलचित्रों के माध्यम से देखा-सुना. ओरिगैमी व कृष्ण चरित्र से संबंधित पेंटिंग आदि बनाने का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया.

इस्कॉन से जुड़े कैंप के प्रबंधक ने बताया कि यह कैंप पूरी तरह से निश्शुल्क है. इसमें बच्चों ने अपने उत्साह, समर्पण और लगन से बहुत कुछ सीखा. श्रीश्री रुक्मिणी द्वारकाधीश इन बच्चों पर ऐसी ही कृपा बरसाते रहें, ताकि बच्चों के ज्ञान में बढ़ोतरी हो सके.

नई दिल्ली: अगर माहौल बच्चों की रुचि के अनुरूप हो तो समर वर्कशॉप में भी बच्चे मेहनत करने से पीछे नहीं रहते हैं. इस्कॉन मंदिर द्वारका के ऑनलाइन समर वर्कशॉप में बच्चों ने बड़े उत्साह से भाग लिया. इसकी एक झलक उनकी प्रशिक्षण प्रस्तुति में गुरुवार शाम वेगास मॉल में देखने को मिली. इस्कॉन द्वारका और वेगास मॉल की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित इस समारोह में बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी शामिल हुए. इस दौरान बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए.

हंसी-खुशी के इस माहौल में अधिकांश माता-पिता ने बच्चों की प्रस्तुति देखने के बाद इस्कॉन की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि इस्कॉन द्वारका जैसे मंच बच्चों के अंदर नैतिक एवं वैदिक शिक्षा की नींव को मजबूत करते हैं. खेल-खेल में ही सही कम से कम हमारे बच्चे श्रीमद्भागवत गीता जैसे वैदिक साहित्य को पढ़ना सीखते हैं. संस्कृत के श्लोकों का उच्चारण करते हैं. बच्चों की यही नींव आगे चलकर उनके संस्कारों को और मजबूती प्रदान करती है.

बच्चों को इस कैंप में अनेक रचनात्मक गतिविधियों से जुड़ने का अवसर मिला. इसमें बच्चों ने हरिनाम संकीर्तन करना, हरे कृष्ण महामंत्र का उच्चारण, जप करना और श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों का उच्चारण करना सीखा. साथ ही भगवान से जुड़ी नैतिक शिक्षाप्रद कथाओं को श्रवण एवं चलचित्रों के माध्यम से देखा-सुना. ओरिगैमी व कृष्ण चरित्र से संबंधित पेंटिंग आदि बनाने का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया.

इस्कॉन से जुड़े कैंप के प्रबंधक ने बताया कि यह कैंप पूरी तरह से निश्शुल्क है. इसमें बच्चों ने अपने उत्साह, समर्पण और लगन से बहुत कुछ सीखा. श्रीश्री रुक्मिणी द्वारकाधीश इन बच्चों पर ऐसी ही कृपा बरसाते रहें, ताकि बच्चों के ज्ञान में बढ़ोतरी हो सके.

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