नई दिल्ली: जेएनयू में 152वीं अकादमिक काउंसिल मीटिंग के दौरान छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. छात्र नेताओं का कहना था कि हमारा प्रतिनिधित्व इस मीटिंग में नहीं है. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के अंदर कई बदलाव किए जा रहे हैं. जो छात्रों के हित में नहीं है. इसलिए हम इस मीटिंग का विरोध कर रहे हैं. छात्रों ने जेएनयू कैंपस में कन्वेंशन सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
'हमें मीटिंग के बारे में बताया नहीं गया'
छात्र नेता सतीश चंद्र यादव ने बताया कि AC(अकादमिक काउंसिल) मीटिंग में हम लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं है. उन्होंने बताया कि नियम के मुताबिक अकादमिक काउंसिल मीटिंग से पहले मीटिंग के एजेंडा के बारे में एक हफ्ता पहले बताना चाहिए. जो कि हमें नहीं बताया गया और ना ही हम लोगों को बुलाया गया. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं.
'24 घंटे लाइब्रेरी पर भी अब सवाल'
साथ ही जेएनयू प्रशासन की ओर से कई ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं, जो छात्रों के विरोध में है. उसके खिलाफ हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. 24 घंटे लाइब्रेरी पर भी अब सवाल खड़ा हो रहा है. दरअसल अब नियम बनाया जा रहा है कि छात्र 11:30 बजे तक अपने हॉस्टल में जाएं.
मेस के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की सैलरी का मुद्दा
साथ ही उन्होंने कहा कि मेस के बिल के बारे में कहा जा रहा है कि जो मेस में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी होते हैं. उनकी सैलरी मेस के बिल से ही लिया जाएगा. तो ऐसे छात्रों के मेस का बिल जो अभी 2000 से 2500 तक होता है. वो 5000 तक चला जाएगा. इससे गरीब छात्रों को काफी समस्याएं होगी.
'यूनिवर्सिटी गरीबों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती हैं'
इस यूनिवर्सिटी में बच्चे गांव से आते हैं जो गरीब होते हैं. सरकार का जो एजेंडा है जो गरीबों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती है. उसी एजेंडे को यहां पर वीसी भी चला रहे हैं. इसी का हम विरोध कर रहे हैं. जेएनयू विवादों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहता हैं. अब 152 वीं AC मीटिंग में भी विवाद देखने को मिला.