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152वीं अकादमिक काउंसिल मीटिंग के दौरान छात्र संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन - protested JNU

जेएनयू में छात्र नेता सतीश चंद्र यादव ने बताया कि नियम के मुताबिक अकादमिक काउंसिल मीटिंग से पहले मीटिंग के एजेंडा के बारे में एक हफ्ता पहले बताना चाहिए. जो कि हमें नहीं बताया गया और ना ही हम लोगों को बुलाया गया. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं.

जेएनयू काउंसिल मीटिंग
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Published : Oct 16, 2019, 7:14 AM IST

नई दिल्ली: जेएनयू में 152वीं अकादमिक काउंसिल मीटिंग के दौरान छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. छात्र नेताओं का कहना था कि हमारा प्रतिनिधित्व इस मीटिंग में नहीं है. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के अंदर कई बदलाव किए जा रहे हैं. जो छात्रों के हित में नहीं है. इसलिए हम इस मीटिंग का विरोध कर रहे हैं. छात्रों ने जेएनयू कैंपस में कन्वेंशन सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.

छात्र संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन

'हमें मीटिंग के बारे में बताया नहीं गया'
छात्र नेता सतीश चंद्र यादव ने बताया कि AC(अकादमिक काउंसिल) मीटिंग में हम लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं है. उन्होंने बताया कि नियम के मुताबिक अकादमिक काउंसिल मीटिंग से पहले मीटिंग के एजेंडा के बारे में एक हफ्ता पहले बताना चाहिए. जो कि हमें नहीं बताया गया और ना ही हम लोगों को बुलाया गया. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं.

'24 घंटे लाइब्रेरी पर भी अब सवाल'
साथ ही जेएनयू प्रशासन की ओर से कई ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं, जो छात्रों के विरोध में है. उसके खिलाफ हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. 24 घंटे लाइब्रेरी पर भी अब सवाल खड़ा हो रहा है. दरअसल अब नियम बनाया जा रहा है कि छात्र 11:30 बजे तक अपने हॉस्टल में जाएं.

मेस के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की सैलरी का मुद्दा
साथ ही उन्होंने कहा कि मेस के बिल के बारे में कहा जा रहा है कि जो मेस में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी होते हैं. उनकी सैलरी मेस के बिल से ही लिया जाएगा. तो ऐसे छात्रों के मेस का बिल जो अभी 2000 से 2500 तक होता है. वो 5000 तक चला जाएगा. इससे गरीब छात्रों को काफी समस्याएं होगी.

'यूनिवर्सिटी गरीबों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती हैं'
इस यूनिवर्सिटी में बच्चे गांव से आते हैं जो गरीब होते हैं. सरकार का जो एजेंडा है जो गरीबों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती है. उसी एजेंडे को यहां पर वीसी भी चला रहे हैं. इसी का हम विरोध कर रहे हैं. जेएनयू विवादों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहता हैं. अब 152 वीं AC मीटिंग में भी विवाद देखने को मिला.

नई दिल्ली: जेएनयू में 152वीं अकादमिक काउंसिल मीटिंग के दौरान छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. छात्र नेताओं का कहना था कि हमारा प्रतिनिधित्व इस मीटिंग में नहीं है. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के अंदर कई बदलाव किए जा रहे हैं. जो छात्रों के हित में नहीं है. इसलिए हम इस मीटिंग का विरोध कर रहे हैं. छात्रों ने जेएनयू कैंपस में कन्वेंशन सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.

छात्र संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन

'हमें मीटिंग के बारे में बताया नहीं गया'
छात्र नेता सतीश चंद्र यादव ने बताया कि AC(अकादमिक काउंसिल) मीटिंग में हम लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं है. उन्होंने बताया कि नियम के मुताबिक अकादमिक काउंसिल मीटिंग से पहले मीटिंग के एजेंडा के बारे में एक हफ्ता पहले बताना चाहिए. जो कि हमें नहीं बताया गया और ना ही हम लोगों को बुलाया गया. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं.

'24 घंटे लाइब्रेरी पर भी अब सवाल'
साथ ही जेएनयू प्रशासन की ओर से कई ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं, जो छात्रों के विरोध में है. उसके खिलाफ हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. 24 घंटे लाइब्रेरी पर भी अब सवाल खड़ा हो रहा है. दरअसल अब नियम बनाया जा रहा है कि छात्र 11:30 बजे तक अपने हॉस्टल में जाएं.

मेस के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की सैलरी का मुद्दा
साथ ही उन्होंने कहा कि मेस के बिल के बारे में कहा जा रहा है कि जो मेस में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी होते हैं. उनकी सैलरी मेस के बिल से ही लिया जाएगा. तो ऐसे छात्रों के मेस का बिल जो अभी 2000 से 2500 तक होता है. वो 5000 तक चला जाएगा. इससे गरीब छात्रों को काफी समस्याएं होगी.

'यूनिवर्सिटी गरीबों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती हैं'
इस यूनिवर्सिटी में बच्चे गांव से आते हैं जो गरीब होते हैं. सरकार का जो एजेंडा है जो गरीबों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती है. उसी एजेंडे को यहां पर वीसी भी चला रहे हैं. इसी का हम विरोध कर रहे हैं. जेएनयू विवादों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहता हैं. अब 152 वीं AC मीटिंग में भी विवाद देखने को मिला.

Intro:जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में आज 152 अकादमीक काउंसिल मीटिंग की गई इस विरोध प्रदर्शन भी देखा गया दरअसल छात्र संगठनों से जुड़े छात्र नेताओं का कहना था कि हमारा प्रतिनिधित्व इस मीटिंग में नहीं है इसलिए हम विरोध दर्ज कर रहें हैं इसके साथ ही कई बदलाव यूनिवर्सिटी के अंदर किए जा रहे हैं जो छात्रों के हित में नहीं है इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं छात्रों ने जेएनयू कैंपस के अंदर कन्वेंशन सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया ।


Body:छात्र नेता सतीश चंद्र यादव ने बताया कि AC मीटिंग में हम लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं है साथ ही जेएनयू प्रशासन के द्वारा कई ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जो छात्रों के विरोध है उसके खिलाफ हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं उन्होंने बताया कि नियम के मुताबिक ऐसी मीटिंग से पहले ऐसी मीटिंग का जो एजेंडा होता है उसके बारे में एक हफ्ता पहले बताना चाहिए जो कि हमें नहीं बताया गया और ना ही हम लोगों को बुलाया गया इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं इसके अलावा भी यूनिवर्सिटी प्रशासन के द्वारा लगातार ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जो छात्रों के हित में नहीं है उसका भी हम विरोध कर रहे हैं 24 घंटे लाइब्रेरी पर भी अब सवाल खड़ा हो रहा है दरअसल अब नियम बनाया जा रहा है कि छात्र 11:30 बजे तक अपने हॉस्टल में जाएं साथ ही उन्होंने कहा कि मेस के बिल के बारे में कहा जा रहा है कि जो मेस में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी होते हैं उनकी सैलरी मेस के बिल से ही लिया जाएगा तो ऐसे छात्रों के मेस का बिल जो अभी 2000 से 2500 तक होता है वह 5000 तक चला जाएगा इससे गरीब छात्रों को काफी समस्याएं होगी इस यूनिवर्सिटी में बच्चे गांव से आते हैं जो गरीब होते हैं सरकार का जो एजेंडा है जो गरीबों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती है उसी एजेंडे को यहां पर वीसी भी चला रहे हैं इसी का हम विरोध कर रहे हैं ।

बाइट - सतीशचंद्र यादव


Conclusion:जेएनयू विवादों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहता हैं अब 152 वें AC मीटिंग में भी विवाद देखने को मिला।
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