नई दिल्ली: जमात-ए-इस्लामी हिंद संगठन ने संसद में आपत्तिजनक और ओछी भाषा के इस्तेमाल की निंदा की हैं. उपाध्यक्ष इंजीनियर सलीम ने कहा कि लोकसभा में बसपा सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा भयावह, आपत्तिजनक और गंदी है. इस भाषा की जमात-ए-इस्लामी हिंद कड़ी निंदा करती है. बिधूड़ी के शर्मनाक व्यवहार ने हर सभ्य भारतीय को नाराज कर दिया है और संसद के स्तर और गरिमा को गिरा दिया है.
सांसद की गरिमा का उल्लंघन: उपाध्यक्ष ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी हिंद की दृष्टि में निचले सदन के पटल पर बिधूड़ी की कार्रवाई सिर्फ एक तुच्छ जुर्म नहीं है, जिसे थोड़ी सी फटकार के साथ माफ किया जा सकता है. यह एक सांसद की गरिमा का गंभीर उल्लंघन है, जो अपराध के समान है. असामाजिक तत्वों द्वारा एक विशेष धार्मिक समुदाय के सदस्यों को अपमानित करने के लिए आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं. सत्ता में बैठे लोगों द्वारा अपनाए गए निरंतर संकीर्ण एवं अति-राष्ट्रवाद का एक स्वाभाविक परिणाम है और जो मुस्लिम, दलित और आदिवासियों जैसे नागरिकों को अलग करने पर पनपता है.
किसी संसद सदस्य को और उसके धर्म को अपमानित करने के लिए उसकी धार्मिक पहचान को निशाना बनाकर उसके खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करना न केवल चौंकाने वाला और अरुचिकर है. बल्कि आपराधिक भी है. जमात समझती है कि सांसद नागरिकों के लिए आदर्श होते हैं और अगर इस अपराध के लिए सजा नहीं दी गई तो इससे यह संदेश जाएगा कि ऐसी हरकतें अब सामान्य हो रही हैं. हमारी मांग है कि बिधूड़ी को सांसद पद से अयोग्य घोषित किया जाए और बीजेपी को भी उन्हें पार्टी से बर्खास्त करना चाहिए.
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