नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में जब कोरोना आया था तो सफदरजंग अस्पताल के एसएसबी बिल्डिंग को कोविड हॉस्पिटल बना दिया गया था. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कार्यरत डॉ. अनूप कुमार के मुताबिक राजधानी दिल्ली में कोविड-19 का प्रकोप काफी कम है और रिकवरी रेट 98 फ़ीसदी है जिसको देखते हुए भारत सरकार ने फैसला लिया है कि अब सफदरजंग अस्पताल को पूरी तरीके से नॉन कोविड मरीजों के लिए चालू किया जाए.
अगले हफ्ते से शुरू होगा आईसीयू और ओटी
डॉ. अनूप कुमार के मुताबिक सफदरजंग अस्पताल प्रशासन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को अगले हफ्ते से चालू करने जा रही है. जिसमें आईसीयू और ओटी भी शामिल हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों से लोग यही उम्मीद लिए आते हैं कि सफदरजंग अस्पताल में वे लोग आएंगे तो उन लोगों का इलाज अच्छे से हो जाएगा. डॉ. अनूप ने कहा कि बीते एक साल का वक्त बहुत कठिनाई से बीता. लेकिन अब कोरोना केस काफी कम हो रहे हैं और अब लग रहा है कि भारत बहुत जल्द ही कोरोना पर जीत हासिल कर लेगा. उन्होंने बताया कि एसएसबी बिल्डिंग में 3 जोन बनाए गए थे. जोन-1 में 200 बेड हैं जिसे अभी भी कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व रखा गया है और 2-3 को खोलने का फैसला किया गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि पहले हफ्ते में 18 ओटी हो जाती थी लेकिन कोरोना काल में ओटी की संख्या काफी घट गई थी. आने वाले कुछ महीनों में वेटिंग लिस्ट भी कम हो जाएगी.
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डॉक्टरों का मानना है कि भारत सरकार पूरी तरीके से तैयार है कि अगर कोरोना का कोई नया स्ट्रेन आता है तो भारत सरकार उससे भी निपटने के लिए अस्पतालों में बेड की संख्या को आरक्षित रखा है और अगर कोई नया स्ट्रेन आता है तो उससे भी आसानी के साथ निपटा जा सकता है.