नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजीव गांधी को लेकर दिए गए बयान पर सियासत गरमा गई है. प्रधानमंत्री के इस बयान को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक दो गुटों में बंट गए हैं.
बता दें कि डीयू के लगभग 200 शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर उनके बयान का विरोध किया है और इस बयान को अपमानजनक और झूठा बताया है. वहीं डीयू और जेएनयू के करीब 700 शिक्षकों ने प्रधानमंत्री के समर्थन में चिट्ठी लिखी है.
200 शिक्षकों ने किया विरोध
शनिवार को प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के बस्ती में एक रैली के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर राफेल मुद्दे को लेकर निशाना साधते हुए कहा था कि देश आपके पिता को बेशक मिस्टर क्लीन के नाम से जानता है, लेकिन मिस्टर क्लीन का जीवनकाल भ्रष्टाचारी नंबर वन के रूप में खत्म हुआ था. प्रधानमंत्री के इस बयान का डीयू के लगभग 200 शिक्षकों ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी के लिए इस तरह की अपमानजनक बातें करके प्रधानमंत्री ने अपने पद की गरिमा को नीचे गिरा दिया है. प्रोफेसरों ने प्रधानमंत्री के इस बयान को 'झूठा और अपमानजनक' बताया है.
'प्रधानमंत्री द्वारा बोले गए ये शब्द निंदनीय है'
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिये गए इस बयान के विरोध में फेडकुटा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा सहित करीब 200 शिक्षकों ने हस्ताक्षर किए. इसको लेकर आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी के द्वारा किए गए कामों को लोग आज भी याद करते हैं. उन्होंने कहा कि यह राजीव गांधी की दूरदर्शिता ही थी जिसने देश को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया है. इतना ही नहीं देश में कंप्यूटर लाने का श्रेय भी दिवंगत प्रधानमंत्री को ही जाता है. उन्होंने कहा कि यह राजीव गांधी की ही योजनाबद्ध दूरदर्शी रणनीति थी जिसके कारण आज हमारे देश की आईटी कंपनियां हर साल विदेशी राजस्व में अरबों डॉलर की कमाई करती हैं.
700 प्रोफेसरों ने समर्थन में लिखा खत
दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू आदि के लगभग 700 प्रोफ़ेसरों ने प्रधानमंत्री के समर्थन में जवाबी चिट्ठी लिखी है. इस समर्थन पत्र में सभी प्रोफेसरों ने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों और उपलब्धियों की पूरी सूची जारी कर दी है. वहीं एनडीटीएफ के सचिव मनोज कैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में ना सिर्फ भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है बल्कि हर क्षेत्र में भारत ने तरक्की की है.
उन्होंने कहा कि आज विश्व स्तर पर भारत की एक सशक्त देश के रूप में पहचान बनने का श्रेय प्रधानमंत्री को ही जाता है. चाहे उरी की सर्जिकल स्ट्राइक हो, चीन के साथ डोकलाम का मुद्दा हो, बालाकोट का हमला हो, अभिनंदन की घर वापसी हो या मसूद अजहर का अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होना हो, ये प्रधानमंत्री की काबिलियत है, जिसने ये सभी काम मुमकिन कर दिखाए और दुश्मनों की आंखों में आंखे डालकर उन्हें जवाब दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में निरंतर हो रहे विकास कार्यों से अवगत कराते हुए एनडीटीएफ के सदस्यों और शिक्षकों ने लोगों से मौजूदा सरकार को फिर से सत्ता में लाने की अपील की.