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नोएडा के पहले मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन इंस्टिट्यूट का उद्घाटन - delhi ncr news

नोएडा में लॉयड स्कूल ऑफ लॉ ने लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन का दो दिवसीय उद्घाटन कार्यक्रम का उद्घाटन किया. (Inaguration of Mediation and Arbitration Institute in Noida) उद्घाटन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट ने किया.

नोएडा के पहले मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन इंस्टिट्यूट का हुआ उद्घाटन
नोएडा के पहले मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन इंस्टिट्यूट का हुआ उद्घाटन
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Published : Dec 3, 2022, 10:20 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: लॉयड स्कूल ऑफ लॉ (Lloyd School of Law) ने 'लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन'(LIMA) का दो दिवसीय उद्घाटन कार्यक्रम का आरम्भ किया. भारत के किसी भी लॉ कॉलेज में अपनी तरह का यह पहला मध्यस्थता और आर्बिट्रेशन केंद्र है. इस इंस्टिट्यूट का उद्घाटन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट के ने किया. उद्घाटन में एशिया पैसिफिक सेंटर फॉर मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन की कार्यकारी निदेशक इरम मजीद, अधिवक्ता और मध्यस्थ रतन के. सिंह और वैभव कक्कड़, पार्टनर, सराफ एंड पार्टनर्स के वकील की उपस्थिति भी देखी गई.

न्यायमूर्ति भट ने इस इंस्टिट्यूट का लोगों जारी किया और उद्घाटन भाषण दिया. अपने संबोधन में उन्होंने मूल कानूनों के महत्व पर जोर दिया और कहा कि मध्यस्थता उच्च परिणामों वाला शक्तिशाली विकल्प है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) एक औपचारिक व्यवस्था में सबसे भरोसेमंद तंत्र में से एक है. वर्तमान समय के बारे में बात करते हुए कहा कि दुनिया ने हाल ही में महसूस किया है कि ऑनलाइन विवाद तंत्र व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और समय की आवश्यकता मध्यस्थता का डिजिटलीकरण करना है. उन्होंने कानून के छात्रों से कहा कि ध्यान और मध्यस्थता नए आकर्षक करियर पथ हैं.

नोएडा के पहले मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन इंस्टिट्यूट का हुआ उद्घाटन
नोएडा के पहले मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन इंस्टिट्यूट का हुआ उद्घाटन
न्यायमूर्ति भट ने कहा कि ऐसे केंद्र हर जिले में खोले जाने चाहिए. इस इंस्टिट्यूट का कार्य जिले के किसी भी तरह के मध्यस्थता और आर्बिट्रेशन सम्बन्धी समझौतों को करना है. लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन (एलआईएमए) की स्थापना का उद्देश्य एडीआर के उद्देश्य, पदार्थ और दायरे के ज्ञान और समझ को बढ़ाना और वैकल्पिक विवाद समाधान प्रस्तुत करने के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में एडीआर की क्षमता को देखना है.

आज के कानूनी क्षेत्र में जहां अदालतों में लंबित मामले हैं, लॉयड का यह संस्थान मध्यस्थता के माध्यम से संविदात्मक विवादों को संबोधित करने की दिशा में आगे बढ़ने का एक तरीका है. यह वास्तव में व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की ओर ले जाएगा और दोनों पक्षों के लिए जीत की स्थिति का एक रास्ता भी है. इस प्रकार, लॉयड की पहल न्याय वितरण प्रणाली के हिस्से के रूप में एडीआर के बारे में जागरूकता पैदा करने का एक तरीका है.

नोएडा के पहले मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन इंस्टिट्यूट का हुआ उद्घाटन
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ये भी पढ़ें: एमसीडी की सत्ता का 1.45 करोड़ वोटर करेंगे फैसला, वोटिंग रविवार को


कार्यक्रम में चैयरमेन मनोहर थेरानी, सीनियर डायरेक्टर मोहमद सलीम, डायरेक्टर अखिलेश कुमार अदि उपस्थित थे. अंत में चैयरमेन मनोहर थिरानी ने कहा कि इंस्टिट्यूट का उद्देश्य लोगों की एवं समाज की सहायता करना है. मेडिएशन और आर्बिट्रेशन से सम्बंधित कई सरे मुकदमे अदालतों में कई सालों से लंबित हैं, उनको शीघ्रता से निपटारा यहां संभव है. केंद्र में कोई भी कंपनी या व्यक्ति मध्यस्थता के मु्कदमे के निपटारे के लिए आता है तो उसकी सहायता की जाएगी और उसके मामले को शीघ्रता से निपटाया भी जाएगा. यह समाज के हर वर्ग के लिए खुला है. यदि कोई निर्धन व्यक्ति सहायता की लिए आता है तो उसे मुफ्त सहायता दी जाएगी.

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नई दिल्ली/नोएडा: लॉयड स्कूल ऑफ लॉ (Lloyd School of Law) ने 'लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन'(LIMA) का दो दिवसीय उद्घाटन कार्यक्रम का आरम्भ किया. भारत के किसी भी लॉ कॉलेज में अपनी तरह का यह पहला मध्यस्थता और आर्बिट्रेशन केंद्र है. इस इंस्टिट्यूट का उद्घाटन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट के ने किया. उद्घाटन में एशिया पैसिफिक सेंटर फॉर मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन की कार्यकारी निदेशक इरम मजीद, अधिवक्ता और मध्यस्थ रतन के. सिंह और वैभव कक्कड़, पार्टनर, सराफ एंड पार्टनर्स के वकील की उपस्थिति भी देखी गई.

न्यायमूर्ति भट ने इस इंस्टिट्यूट का लोगों जारी किया और उद्घाटन भाषण दिया. अपने संबोधन में उन्होंने मूल कानूनों के महत्व पर जोर दिया और कहा कि मध्यस्थता उच्च परिणामों वाला शक्तिशाली विकल्प है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) एक औपचारिक व्यवस्था में सबसे भरोसेमंद तंत्र में से एक है. वर्तमान समय के बारे में बात करते हुए कहा कि दुनिया ने हाल ही में महसूस किया है कि ऑनलाइन विवाद तंत्र व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और समय की आवश्यकता मध्यस्थता का डिजिटलीकरण करना है. उन्होंने कानून के छात्रों से कहा कि ध्यान और मध्यस्थता नए आकर्षक करियर पथ हैं.

नोएडा के पहले मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन इंस्टिट्यूट का हुआ उद्घाटन
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न्यायमूर्ति भट ने कहा कि ऐसे केंद्र हर जिले में खोले जाने चाहिए. इस इंस्टिट्यूट का कार्य जिले के किसी भी तरह के मध्यस्थता और आर्बिट्रेशन सम्बन्धी समझौतों को करना है. लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन (एलआईएमए) की स्थापना का उद्देश्य एडीआर के उद्देश्य, पदार्थ और दायरे के ज्ञान और समझ को बढ़ाना और वैकल्पिक विवाद समाधान प्रस्तुत करने के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में एडीआर की क्षमता को देखना है.

आज के कानूनी क्षेत्र में जहां अदालतों में लंबित मामले हैं, लॉयड का यह संस्थान मध्यस्थता के माध्यम से संविदात्मक विवादों को संबोधित करने की दिशा में आगे बढ़ने का एक तरीका है. यह वास्तव में व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की ओर ले जाएगा और दोनों पक्षों के लिए जीत की स्थिति का एक रास्ता भी है. इस प्रकार, लॉयड की पहल न्याय वितरण प्रणाली के हिस्से के रूप में एडीआर के बारे में जागरूकता पैदा करने का एक तरीका है.

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कार्यक्रम में चैयरमेन मनोहर थेरानी, सीनियर डायरेक्टर मोहमद सलीम, डायरेक्टर अखिलेश कुमार अदि उपस्थित थे. अंत में चैयरमेन मनोहर थिरानी ने कहा कि इंस्टिट्यूट का उद्देश्य लोगों की एवं समाज की सहायता करना है. मेडिएशन और आर्बिट्रेशन से सम्बंधित कई सरे मुकदमे अदालतों में कई सालों से लंबित हैं, उनको शीघ्रता से निपटारा यहां संभव है. केंद्र में कोई भी कंपनी या व्यक्ति मध्यस्थता के मु्कदमे के निपटारे के लिए आता है तो उसकी सहायता की जाएगी और उसके मामले को शीघ्रता से निपटाया भी जाएगा. यह समाज के हर वर्ग के लिए खुला है. यदि कोई निर्धन व्यक्ति सहायता की लिए आता है तो उसे मुफ्त सहायता दी जाएगी.

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