नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हुई मूसलाधार बारिश और हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने का असर यमुना नदी पर दिख रहा है. आलम यह है कि यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सोमवार के अपेक्षा मंगलावर को कालिंदी कुंज में यमुना घाट पर यमुना के जलस्तर में करीब 15 से 20 फीट का इजाफा हुआ. जलस्तर वृद्धि के बाद प्रशासन द्वारा यमुना का ड्रोन कैमरे जायजा लिया जा रहा है.
यहां यमुना में तेज बहाव देखा जा रहा है. इससे पहले हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर चली गई थी. इसके बाद सरकार की तरफ से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है.
बाढ़ में फंसे लोगों को निकाला गया: वहीं, दिल्ली के हिरकी यमुना इलाके में कई किसान बढ़े हुए पानी में फंस गए और घंटों छत पर खड़े होकर प्रशासनिक मदद का इंतजार करके रहे. सूचना मिलने पर जिले के डीसीपी, दमकल विभाग के अधिकारी और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. लोगों को निकालने के लिए नाव की व्यवस्था करने के बाद अधिकारियों द्वारा जब रेस्क्यू करने के लिए जब नाव भेजी गई तो पता चला कि वहां 35 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं.
लोगों ने कहा कि सुबह जब पानी इतना ज्यादा नहीं था, लेकिन कुछ ही घंटों में पानी तेजी से बढ़ा, जिससे लोगों को निकलने का मौका ही नहीं मिला. वहीं छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी खेत में रोपाई के लिए गए थे वह भी फंस गए. प्रशासन द्वारा इन लोगों को निकाल लिया गया है. साथ ही अनाउंसमेंट भी की जा रही है कि पानी के नजदीक खतरा है इसलिए बांध से दूर रहें.
रास्तों से हटाए जा रहे टूटे पेड़: उधर, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने पिछले दो-तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण नई दिल्ली क्षेत्र में टूटे पेड़ आदि का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि जगह-जगह एनडीएमसी की टीम द्वारा लगभग 45 टूटे पेड़ और 26 टूटी डालियां हटाई जा चुकी हैं. एनडीएमसी के कर्मचारी अभी भी अलग-अलग क्षेत्रों में दिन-रात काम कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि जंतर मंतर, महादेव रोड, भगत सिंह मार्ग, उद्यान मार्ग, बीकेएस मार्ग, बापा नगर, तीन मूर्ति लेन, चिल्ड्रेन पार्क, भारती नगर, लोधी रोड, मोती बाग आदि जगहों पर पेड़ टूटे थे. इसमें से अधिकांश सड़कों को साफ करा लिया गया है और बाकियों को साफ कराया जा रहा है. एनडीएमसी के उद्यान, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, विद्युत विभाग और सिविल इंजीनियरिंग विभागों के हजारों कर्मचारी बाधाओं को दूर करने और आम जनता और नई दिल्ली क्षेत्र में आने वाले आगंतुकों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात प्रयास कर रहे हैं.
एनडीएमसी उपाध्यक्ष ने आगे कहा कि कुछ क्षेत्रों में अभी भी बहाली के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता हो सकती है. एनडीएमसी इस चुनौतीपूर्ण अवधि के दौरान अपने निवासियों और आगंतुकों की सुरक्षा और आराम सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि हम जनता से सावधानी बरतने और अधिकारियों के साथ सहयोग करने का आग्रह करते हैं, क्योंकि सफाई के प्रयास जारी हैं. एनडीएमसी वीआईपी क्षेत्र और मार्ग होने के नाते यह नगर निकाय का मुख्य कर्तव्य है कि जनता की सुविधा के लिए सुचारू रूप से काम करने के लिए सड़कों को साफ किया जाए और किसी भी तरह के ट्रैफिक जाम से बचाया जाए.
मंत्री ने सरकार के टेंट में रहने की अपील: इसके अलावा दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बाढ़ के मद्देनजर यमुना खादर इलाके का निरीक्षण किया. वे राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर निजामुद्दीन ब्रिज के पास पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी परेशानी के बारे में जाना. उन्होंने कहा कि यमुना खादर में रह रहे तकरीबन 40 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है. बाढ़ पीड़ितों के रहने खाने की व्यवस्था दिल्ली सरकार की तरफ से की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि कई ऐसे लोग हैं जो किसी वजह से सरकार की तरफ से लगाए जा रहे टेंट में रहना नहीं चाहते हैं. ऐसे लोगों से भी अपील है कि सरकार की तरफ से लगाए गए टेंट में आकर रहें. बता दें कि यमुना में आई बाढ़ के बाद यमुना खादर में रह रहे लोग अपनी झुग्गी झोपड़ी से निकलकर सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं. सरकार द्वार लगाए गए टेंट में खाने-पीने के साथ शौचालय का भी इंतजाम किया गया है.
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