नई दिल्ली: 'हम इस लड़ाई में कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ सकते और उनकी बात नहीं भूल सकते. उनके साथ जो हो रहा है कहीं ना कहीं वहीं से इस सरकार ने शुरू किया था कि हमारे संविधान को हमसे छीना जाए'. यह बात जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने सीएए को लेकर जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा.
बता दें कि आईशी घोष ने 15 दिसंबर (रविवार) को हुई घटना को 'ब्लडी संडे' करार दिया था. बता दें कि करीब एक महीने से जामिया के गेट नंबर 7 पर छात्र और आम नागरिक सिटिज़न अमेंडमेंट एक्ट और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
कश्मीर को लेकर दिया बयान
इस मौके पर इस प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंची जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष ने इस दौरान कश्मीर से हटाए गए आर्टिकल 370 के मुद्दे को इस आंदोलन से जोड़ते हुए प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया. इस दौरान कहा कि सरकार ने कश्मीर से ही संविधान को हमसे छीनने की शुरुआत की है. इसलिए वो सभी कश्मीर के लोग इस आंदोलन का ही हिस्सा हैं जो आज भी अपने हक़ के लिए लड़ रहे हैं.
शाहीन बाग की महिलाओं का मुद्दा उठाया
वहीं इस दौरान आईशी घोष ने कहा कि शाहीन बाग की महिलाएं आज पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं. जिस तरह डटकर उन्होंने सरकार के आरोपित फैसले का विरोध किया है, उससे हर कोई सबक ले सकेगा.
साथ ही उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि मुस्लिम महिलाएं आजाद नहीं हैं लेकिन आज मुस्लिम महिलाओं के इस आंदोलन ने उनकी इस बात को गलत साबित करके दिखा दिया और साबित कर दिया कि वह किसी से कम नहीं हैं.