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सरकार ने कश्मीर से ही संविधान को हमसे छीनने की शुरुआत की- आईशी घोष - caa protest

जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने सीएए को लेकर जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में चल रहे विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने पहुंची. इस दौरान उन्होंने कश्मीर को लेकर भी सरकार पर आरोप लगाए.

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कश्मीर मामले पर आईशी घोष का बयान
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Published : Jan 15, 2020, 8:28 PM IST

नई दिल्ली: 'हम इस लड़ाई में कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ सकते और उनकी बात नहीं भूल सकते. उनके साथ जो हो रहा है कहीं ना कहीं वहीं से इस सरकार ने शुरू किया था कि हमारे संविधान को हमसे छीना जाए'. यह बात जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने सीएए को लेकर जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा.

कश्मीर मामले पर आईशी घोष का बयान

बता दें कि आईशी घोष ने 15 दिसंबर (रविवार) को हुई घटना को 'ब्लडी संडे' करार दिया था. बता दें कि करीब एक महीने से जामिया के गेट नंबर 7 पर छात्र और आम नागरिक सिटिज़न अमेंडमेंट एक्ट और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

कश्मीर को लेकर दिया बयान

इस मौके पर इस प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंची जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष ने इस दौरान कश्मीर से हटाए गए आर्टिकल 370 के मुद्दे को इस आंदोलन से जोड़ते हुए प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया. इस दौरान कहा कि सरकार ने कश्मीर से ही संविधान को हमसे छीनने की शुरुआत की है. इसलिए वो सभी कश्मीर के लोग इस आंदोलन का ही हिस्सा हैं जो आज भी अपने हक़ के लिए लड़ रहे हैं.

शाहीन बाग की महिलाओं का मुद्दा उठाया
वहीं इस दौरान आईशी घोष ने कहा कि शाहीन बाग की महिलाएं आज पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं. जिस तरह डटकर उन्होंने सरकार के आरोपित फैसले का विरोध किया है, उससे हर कोई सबक ले सकेगा.

साथ ही उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि मुस्लिम महिलाएं आजाद नहीं हैं लेकिन आज मुस्लिम महिलाओं के इस आंदोलन ने उनकी इस बात को गलत साबित करके दिखा दिया और साबित कर दिया कि वह किसी से कम नहीं हैं.

नई दिल्ली: 'हम इस लड़ाई में कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ सकते और उनकी बात नहीं भूल सकते. उनके साथ जो हो रहा है कहीं ना कहीं वहीं से इस सरकार ने शुरू किया था कि हमारे संविधान को हमसे छीना जाए'. यह बात जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने सीएए को लेकर जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा.

कश्मीर मामले पर आईशी घोष का बयान

बता दें कि आईशी घोष ने 15 दिसंबर (रविवार) को हुई घटना को 'ब्लडी संडे' करार दिया था. बता दें कि करीब एक महीने से जामिया के गेट नंबर 7 पर छात्र और आम नागरिक सिटिज़न अमेंडमेंट एक्ट और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

कश्मीर को लेकर दिया बयान

इस मौके पर इस प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंची जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष ने इस दौरान कश्मीर से हटाए गए आर्टिकल 370 के मुद्दे को इस आंदोलन से जोड़ते हुए प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया. इस दौरान कहा कि सरकार ने कश्मीर से ही संविधान को हमसे छीनने की शुरुआत की है. इसलिए वो सभी कश्मीर के लोग इस आंदोलन का ही हिस्सा हैं जो आज भी अपने हक़ के लिए लड़ रहे हैं.

शाहीन बाग की महिलाओं का मुद्दा उठाया
वहीं इस दौरान आईशी घोष ने कहा कि शाहीन बाग की महिलाएं आज पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं. जिस तरह डटकर उन्होंने सरकार के आरोपित फैसले का विरोध किया है, उससे हर कोई सबक ले सकेगा.

साथ ही उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि मुस्लिम महिलाएं आजाद नहीं हैं लेकिन आज मुस्लिम महिलाओं के इस आंदोलन ने उनकी इस बात को गलत साबित करके दिखा दिया और साबित कर दिया कि वह किसी से कम नहीं हैं.

Intro:कश्मीर पर जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष के बिगड़े बोल, कह डाली ये बात

नई दिल्ली ।

'हम इस लड़ाई में कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ सकते और उनकी बात नहीं भूल सकते. उनके साथ जो हो रहा है कहीं ना कहीं वहीं से इस सरकार ने शुरू किया था कि हमारे संविधान को हमसे छीना जाए' यह बात जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने CAA को लेकर जमिया में चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान जनता को संबोधित करते हुए कही. वहीं आइशी ने 15 दिसंबर (रविवार) को हुई घटना को 'ब्लडी संडे' करार दिया.
Body:बता दें कि करीब एक महीने से जामिया के गेट नंबर 7 पर छात्र और आम नागरिक सिटिज़न अमेंडमेंट एक्ट और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मौके पर इस प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंची जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने इस दौरान कश्मीर से हटाये गए आर्टिकल 370 के मुद्दे को इस आंदोलन से जोड़ते हुए प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने कश्मीर से ही संविधान को हमसे छीनने की शुरुआत की है इसलिए वो सभी कश्मीर के लोग इस आंदोलन का ही हिस्सा हैं जो आज भी अपने हक़ के लिए लड़ रहे हैं.

Conclusion:वहीं इस दौरान आइशी घोष ने कहा कि शाहीन बाग की महिलाएं आज पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं. जिस तरह डटकर उन्होंने सरकार के आरोपित फैसले का विरोध किया है उससे हर कोई सबक ले सकेगा. वहीं इसको लेकर उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि मुस्लिम महिलाएं आजाद नहीं है लेकिन आज मुस्लिम महिलाओं के इस आंदोलन ने उनकी इस बात को गलत साबित करके दिखा दिया और साबित कर दिया कि वह किसी से कम नहीं हैं.
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