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नफरती माहौल देश के लिए नुकसानदायक, सरकार शांति व्याप्त कराने का दे आश्वासन : जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द - जमाअत ए इस्लामी हिंद

जमात-ए-इस्लामी-हिंद ने हरियाणा और मणिपुर हिंसा पर शोक व्यक्त किया. अध्यक्ष ने कहा कि हरियाणा में भड़की सांप्रदायिक हिंसा आत्मघाती और हिंसक है. हिंसा से प्रभावित लोगों और आसपास के इलाकों में डर का माहौल है. पुलिस और प्रशासन को लोगों को आश्वस्त करना चाहिए कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी और हिंसा भड़काने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Aug 5, 2023, 11:00 PM IST

नई दिल्ली: हरियाणा और मणिपुर हिंसा के बीच देश के हालातों को लेकर जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द के प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने मासिक कांफ्रेंस में शांति और अमन का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि मणिपुर में विभिन्न जातीय समूहों के बीच अनसुलझे ऐतिहासिक तनाव के परिणामस्वरूप लगभग तीन महीने से चल रही लंबी हिंसा से मानवता में गिरावट आ रही है. यह हिंसा राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर शासन की घोर विफलता को उजागर करती है. उन्होंने कहा कि जमाअत का दृढ़ विश्वास है कि सरकार की ओर से उचित समय पर सक्रिय कार्रवाई से हिंसा को बढ़ने से रोका जा सकता था और कई कीमती जानें बचाई जा सकती थीं. मणिपुर में हिंसा कई मुद्दों को उजागर करती है जिनका इस देश के अल्पसंख्यक सामना कर रहे हैं.

जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा हैं कि इस निरंतर अल्पसंख्यक विरोधी घृणा अभियान के कारण "जातिय संहार" के प्रयास हुए और हजारों नागरिकों को अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया गया. जमाअत-ए-इस्लामी हिंद मणिपुर में हिंसा के संबंध में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की सराहना करती है और मांग करती है कि केंद्र सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तुरंत पर्याप्त कदम उठाए.

उपाध्यक्ष मालिक मोतासिम खान ने कहा कि भारतीय रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) कांस्टेबल द्वारा चलती ट्रेन में मुस्लिम समुदाय के तीन नागरिकों और आरपीएफ के एक अधिकारी की निर्मम और लक्षित हत्या एक अपराध थी जिसमें आरोपियों ने मुस्लिम जैसे दिखने वाले यात्रियों की तलाश की और उन्हें बेरहमी से गोली मार दी. जमाअत पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे, परिजनों के लिए उपयुक्त रोजगार, घटना की स्वतंत्र उच्च स्तरीय न्यायिक जांच और दोषियों को सजा देने की मांग करती है.

जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय सचिव मौलाना शफी मदनी ने कहा कि हरियाणा में भड़की सांप्रदायिक हिंसा आत्मघाती और हिंसक है. हिंसा से प्रभावित लोगों और आसपास के इलाकों में डर का माहौल है. पुलिस और प्रशासन को लोगों को आश्वस्त करना चाहिए कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी और हिंसा भड़काने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: Haryana Nuh Violence: इन 5 बिंदुओं पर घूमती नजर आ रही है नूंह हिंसा की जांच, वारदात को लेकर अभी भी नहीं मिल रहा कोई स्पष्ट जवाब

जमाअत-ए-इस्लामी हिंद की महिला विंग की राष्ट्रीय सचिव रहमतुन्निसा ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा संकलित रिपोर्ट पर गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि 2019 से 2021 तक देश भर में 13.13 लाख से अधिक लड़कियां और महिलाएं लापता हो गई हैं. लापता महिलाओं की सबसे अधिक संख्या मध्य प्रदेश में है, लगभग दो लाख महिलाओं के लापता होने की सूचना है, इसके बाद पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर का स्थान है. ऐसा प्रतीत होता है कि "बेटी बचाओ" का आह्वान चुनावी नारा बन कर रह गया है.

ये भी पढ़ें: Haryana Nuh Violence: नूंह में हिंसा, साजिश सरकार और सियासत, किस से हुई ब्रज मंडल यात्रा की सुरक्षा में चूक?

नई दिल्ली: हरियाणा और मणिपुर हिंसा के बीच देश के हालातों को लेकर जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द के प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने मासिक कांफ्रेंस में शांति और अमन का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि मणिपुर में विभिन्न जातीय समूहों के बीच अनसुलझे ऐतिहासिक तनाव के परिणामस्वरूप लगभग तीन महीने से चल रही लंबी हिंसा से मानवता में गिरावट आ रही है. यह हिंसा राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर शासन की घोर विफलता को उजागर करती है. उन्होंने कहा कि जमाअत का दृढ़ विश्वास है कि सरकार की ओर से उचित समय पर सक्रिय कार्रवाई से हिंसा को बढ़ने से रोका जा सकता था और कई कीमती जानें बचाई जा सकती थीं. मणिपुर में हिंसा कई मुद्दों को उजागर करती है जिनका इस देश के अल्पसंख्यक सामना कर रहे हैं.

जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा हैं कि इस निरंतर अल्पसंख्यक विरोधी घृणा अभियान के कारण "जातिय संहार" के प्रयास हुए और हजारों नागरिकों को अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया गया. जमाअत-ए-इस्लामी हिंद मणिपुर में हिंसा के संबंध में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की सराहना करती है और मांग करती है कि केंद्र सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तुरंत पर्याप्त कदम उठाए.

उपाध्यक्ष मालिक मोतासिम खान ने कहा कि भारतीय रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) कांस्टेबल द्वारा चलती ट्रेन में मुस्लिम समुदाय के तीन नागरिकों और आरपीएफ के एक अधिकारी की निर्मम और लक्षित हत्या एक अपराध थी जिसमें आरोपियों ने मुस्लिम जैसे दिखने वाले यात्रियों की तलाश की और उन्हें बेरहमी से गोली मार दी. जमाअत पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे, परिजनों के लिए उपयुक्त रोजगार, घटना की स्वतंत्र उच्च स्तरीय न्यायिक जांच और दोषियों को सजा देने की मांग करती है.

जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय सचिव मौलाना शफी मदनी ने कहा कि हरियाणा में भड़की सांप्रदायिक हिंसा आत्मघाती और हिंसक है. हिंसा से प्रभावित लोगों और आसपास के इलाकों में डर का माहौल है. पुलिस और प्रशासन को लोगों को आश्वस्त करना चाहिए कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी और हिंसा भड़काने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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जमाअत-ए-इस्लामी हिंद की महिला विंग की राष्ट्रीय सचिव रहमतुन्निसा ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा संकलित रिपोर्ट पर गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि 2019 से 2021 तक देश भर में 13.13 लाख से अधिक लड़कियां और महिलाएं लापता हो गई हैं. लापता महिलाओं की सबसे अधिक संख्या मध्य प्रदेश में है, लगभग दो लाख महिलाओं के लापता होने की सूचना है, इसके बाद पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर का स्थान है. ऐसा प्रतीत होता है कि "बेटी बचाओ" का आह्वान चुनावी नारा बन कर रह गया है.

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