नई दिल्ली/ ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 11 बिल्डर भूखंडों की योजना (scheme of 11 builder plots) लांच कर दी है. छह दिसंबर से इस स्कीम के ब्रोशर डाउनलोड करने और पंजीकरण कराने की सुविधा शुरू हो गई है. इन 11 भूखंडों के आवंटन से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को रिजर्व प्राइस के आधार पर करीब 950 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. भूखंडों का आवंटन ई-ऑक्शन से हो रहा है. इन भूखंडों पर 10 हजार फ्लैट बनने का अनुमान है.
आवंटित होगी 2.41 लाख वर्गमीटर जमीन : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर प्राधिकरण की तरफ से 11 बिल्डर की योजना लांच कर दी गई है. इस योजना के जरिए कुल 2.41 लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित की जाएगी. ये भूखंड ओमीक्रॉन वन ए, जीटा वन, ईटा टू, सिग्मा थ्री, सेक्टर-36, ओमीक्रॉन वन ए, म्यू, सेक्टर 10 व 12 में स्थित हैं. ये भूखंड 10,120 वर्ग मीटर से लेकर 39,321 वर्ग मीटर एरिया तक के हैं. इसके ब्रोशर बीते छह दिसंबर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट www.greaternoidaauthority.in पर उपलब्ध हो गए हैं. इनको डाउनलोड किया जा सकता है. इन भूखंडों के लिए एसबीआई पोर्टल https://etender.sbi के जरिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट से भी इसका लिंक दिया गया है. इसके पंजीकरण की अंतिम तिथि 25 दिसंबर है.
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कागजात जमा करने की अंतिम तिथि 27 दिसंबर : पंजीकरण शुल्क, ईएमडी (अर्नेस्ट मनी डिपोजिट) और प्रोसेसिंग फीस भी 25 दिसंबर तक ही जमा की जा सकती है. डॉक्यूमेंट सबमिट करने की अंतिम तिथि 27 दिसंबर को शाम पांच बजे तक है. आवंटन होते ही इन भूखंडों पर पजेशन भी मिल जाएगा. सभी 11 भूखंडों पर करीब 10 हजार फ्लैट बन सकेंगे.
ग्रेनो रिहायश के लिए बेहतर विकल्प :पहली बार परपोसनल लैंड (अवशेष भूखंड) पर टाइम एक्सटेंशन देने की सुविधा भी दी गई है. प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में ग्रीनरी एनसीआर में सबसे अधिक है. इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टीविटी के लिहाज से अन्य शहरों के मुकाबले ग्रेटर नोएडा बेहतर है. रिहायश के लिए ग्रेटर नोएडा बहुत बेहतर विकल्प है.
60 हजार करोड़ निवेश का लक्ष्य : प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट होने वाला है, जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सरकार की तरफ से 60 हजार करोड़ निवेश का लक्ष्य दिया गया है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपनी तरफ से दिए गए लक्ष्य को पूरा करने और उससे अधिक निवेश के करार की योजना बना रहा है, जिसके लिए प्राधिकरण यह योजना लाया है जिसके माध्यम से अधिक से अधिक निवेश इकट्ठा कर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दिए गए लक्ष्य से अधिक निवेश कर सके.
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