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किसानों को मिलने वाले 6% भूखंड को प्राधिकरण ने किया समाप्त, किसान ग्रेनो प्राधिकरण के खिलाफ करेंगे आंदोलन

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण किसानों से जमीन अधिग्रहण के एवज में किसानों को जमीन का 6 प्रतिशत आवासीय भूखंड विकसित एरिया में देता है, जिस अब खत्म कर दिया गया है. इस बात से नाराज किसानों ने 14 मार्च को प्राधिकरण पर एक बड़ा आंदोलन करने की बात की है.

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Published : Mar 2, 2023, 11:03 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेनो प्राधिकरण ने किसानों की जमीन के अधिग्रहण के एवज में मिलने वाले आवासीय भूखंड योजना को समाप्त कर दिया है. प्राधिकरण ने बताया कि 2016 के बाद जो भी जमीन अधिग्रहण की गई है उसमें किसानों को 6% आवासीय भूखंड नहीं दिए जाएंगे. इसके बाद जिले के किसान संगठन प्राधिकरण के खिलाफ लामबंद हो गए. किसान संगठनों का कहना है कि 14 मार्च को प्राधिकरण पर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. प्राधिकरण किसानों के हको को खत्म कर रहा है जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण किसानों से जमीन अधिग्रहण के एवज में किसानों को जमीन का 6 प्रतिशत आवासीय भूखंड विकसित एरिया में देता है, लेकिन प्राधिकरण ने 2016 के बाद अधिग्रहण की गई जमीन के एवज में किसानों को मिलने वाले क्षेत्र से आवासीय भूखंड को खत्म कर दिया है. जिसको लेकर जिले के किसानों में प्राधिकरण के खिलाफ भारी नाराजगी है. उनका कहना है, प्राधिकरण किसानों के हक को खत्म कर रहा है, जिसको लेकर किसान संगठन प्राधिकरण के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजेश भाटी ने बताया कि प्राधिकरण की तरफ से किसानों को 6% आबादी भूखंड खत्म किए गए हैं. जिसको लेकर किसान संगठन प्राधिकरण के खिलाफ आंदोलन करेंगे. किसानों के हक को प्राधिकरण के अधिकारियों के द्वारा खत्म नहीं होने दिया जाएगा. पहले से किसानों को अधिग्रहण के एवज में 6 आवासीय भूखंड दिए जाते हैं लेकिन अब प्राधिकरण आवासीय भूखंड देने बंद कर रहा है. जिसको लेकर सभी किसान संगठन प्राधिकरण के खिलाफ आंदोलन करेंग.।

किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि प्राधिकरण ने न केवल वादाखिलाफी की है बल्कि किसानों के हकों को भी खत्म किया है. किसानों की पुरानी आबादी को तोड़ा जा रहा है. 10% प्लॉट देने से इनकार करना प्राधिकरण की किसानों विरोधी मानसिकता को जाहिर करती है. प्राधिकरण में सैकड़ों किसानों के शिफ्टिंग के मामले, 6% आबादी प्लॉट व रोजगार सहित अन्य मुद्दे काफी समय से अटके हुए हैं. प्राधिकरण के अधिकारी किसानों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है.

14 मार्च को होगा बड़ा आंदोलन: किसान सभा के प्रवक्ता रुपेश वर्मा ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारी सामंतवादी मानसिकता के हैं. किसानों के साथ अपमानजनक तरीके से पेश आते हैं. किसानों की जमीनों पर नाजायज कब्जा करना चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आंदोलन करियो का है. यदि अधिकारी किसानों की समस्याओं का हल नहीं करेंगे तो 14 मार्च का आंदोलन बड़े स्तर पर किया जाएगा. जिले के सभी संगठनों और कार्यकर्ताओं को शामिल कर 14 मार्च का आंदोलन किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय नेताओं को सम्मिलित होने की भी संभावना है. किसान नेता ने कहा कि अभी तक प्राधिकरण द्वारा किसानों की अधिकांश समस्याओं को हल करने का कोई संकेत नहीं दिया गया है.

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेनो प्राधिकरण ने किसानों की जमीन के अधिग्रहण के एवज में मिलने वाले आवासीय भूखंड योजना को समाप्त कर दिया है. प्राधिकरण ने बताया कि 2016 के बाद जो भी जमीन अधिग्रहण की गई है उसमें किसानों को 6% आवासीय भूखंड नहीं दिए जाएंगे. इसके बाद जिले के किसान संगठन प्राधिकरण के खिलाफ लामबंद हो गए. किसान संगठनों का कहना है कि 14 मार्च को प्राधिकरण पर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. प्राधिकरण किसानों के हको को खत्म कर रहा है जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण किसानों से जमीन अधिग्रहण के एवज में किसानों को जमीन का 6 प्रतिशत आवासीय भूखंड विकसित एरिया में देता है, लेकिन प्राधिकरण ने 2016 के बाद अधिग्रहण की गई जमीन के एवज में किसानों को मिलने वाले क्षेत्र से आवासीय भूखंड को खत्म कर दिया है. जिसको लेकर जिले के किसानों में प्राधिकरण के खिलाफ भारी नाराजगी है. उनका कहना है, प्राधिकरण किसानों के हक को खत्म कर रहा है, जिसको लेकर किसान संगठन प्राधिकरण के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजेश भाटी ने बताया कि प्राधिकरण की तरफ से किसानों को 6% आबादी भूखंड खत्म किए गए हैं. जिसको लेकर किसान संगठन प्राधिकरण के खिलाफ आंदोलन करेंगे. किसानों के हक को प्राधिकरण के अधिकारियों के द्वारा खत्म नहीं होने दिया जाएगा. पहले से किसानों को अधिग्रहण के एवज में 6 आवासीय भूखंड दिए जाते हैं लेकिन अब प्राधिकरण आवासीय भूखंड देने बंद कर रहा है. जिसको लेकर सभी किसान संगठन प्राधिकरण के खिलाफ आंदोलन करेंग.।

किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि प्राधिकरण ने न केवल वादाखिलाफी की है बल्कि किसानों के हकों को भी खत्म किया है. किसानों की पुरानी आबादी को तोड़ा जा रहा है. 10% प्लॉट देने से इनकार करना प्राधिकरण की किसानों विरोधी मानसिकता को जाहिर करती है. प्राधिकरण में सैकड़ों किसानों के शिफ्टिंग के मामले, 6% आबादी प्लॉट व रोजगार सहित अन्य मुद्दे काफी समय से अटके हुए हैं. प्राधिकरण के अधिकारी किसानों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है.

14 मार्च को होगा बड़ा आंदोलन: किसान सभा के प्रवक्ता रुपेश वर्मा ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारी सामंतवादी मानसिकता के हैं. किसानों के साथ अपमानजनक तरीके से पेश आते हैं. किसानों की जमीनों पर नाजायज कब्जा करना चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आंदोलन करियो का है. यदि अधिकारी किसानों की समस्याओं का हल नहीं करेंगे तो 14 मार्च का आंदोलन बड़े स्तर पर किया जाएगा. जिले के सभी संगठनों और कार्यकर्ताओं को शामिल कर 14 मार्च का आंदोलन किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय नेताओं को सम्मिलित होने की भी संभावना है. किसान नेता ने कहा कि अभी तक प्राधिकरण द्वारा किसानों की अधिकांश समस्याओं को हल करने का कोई संकेत नहीं दिया गया है.

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